Bhai Dooj 2023: जानें भाई दूज के दिन क्यों होती है चित्रगुप्त जी की पूजा

इस बार भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है

lord chitragupta puja

भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक भाई दूज हर बहन के लिए खास होता है। यह त्योहार दिवाली के तीसरे दिन मनाया जाता है। इस बार भाई दूज 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई को टीका लगाती हैं और उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा का भी खास महत्व होता है। इनकी पूजा के साथ-साथ कलम दवात की भी पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि ये चीजें चित्रगुप्त जी के शस्त्र हैं।

कौन हैं चित्रगुप्त भगवान

Chitragupt puja

हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार भगवान चित्रगुप्त जी का जन्म ब्रह्मा जी के चित्त यानि मन से हुआ था। भगवान चित्रगुप्त जी देवताओं के लेखपाल और यम के सहायक कहे जाते हैं। वे हमेशा मनुष्य के अच्छे-बुरे का लेखा-जोखा अपने पास रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य के कर्म के हिसाब से ही उन्हें फल मिलता है। इसलिए उन्हें यमराज का सहायक भी कहते हैं।

भाई दूज के दिन क्यों की जाती है भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा

Puja vidhi

यह पूजा कायस्थ समुदाय के लोग करते हैं। चित्रगुप्त को इस समुदाय का पूर्वज माना जाता है।। इसलिए वो इनकी (लक्ष्मी गणेश जी की ऐसे करें पूजा) पूजा करते हैं। इस दिन सबसे पहले चित्रगुप्त जी की आरती होती है। इसके बाद कलम दवात की पूजा की जाती है। इससे शिक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है साथ ही नई चीजों को करने की प्रेरणा मिलती है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस दिन यम से बहन यमुना को एक वरदान मिला था। इस वरदान में ये कहा गया था कि जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर इस दिन माथे पर तिलक लगाएगा और बहन के हाथों से बना भोजन खाएगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसके लिए भी भगवान चित्रगुप्त जी की भी पूजा की जाती है।

इसे भी पढ़ें: Bhai Dooj 2023: जानें भाई दूज का यमराज से क्या है संबंध?

कैसे करें भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा

  • सुबह सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
  • इसके बाद चौक बनाएं।
  • अब भगवान चित्रगुप्त जी की तस्वीर को इसपर रखें।
  • उनके सामने घी का दीपक जलाएं और पुष्प और मिठाई अर्पित करें।
  • उन्हें आप कलम भी अर्पित कर सकते हैं।
  • इसके बाद सफेद कागज पर हल्दी लगाकर उस पर श्री गणेशाय (सूर्य मंत्र) नमः: लिखें।
  • फिर ऊं चित्रगुप्ताय नम: मंत्र का उच्चारण करें।

अब आपने जिस कलम की पूजा की है उसे अपने पास ही रखें और अपने काम में उसका इस्तेमाल करें।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

Image Credit- Freepik
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP