Maternity Leave Salary: मां बनना हर एक महिला खूबसूरत अहसास होता है। इस दौरान सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में महिलाओं को 6 महीने की मैटरनिटी लीव की सुविधा भी दी जाती है, ताकि वे बच्चे का लालन-पालन सही तरीके से हो सके। खास बात यह है कि इस लीव में महिलाओं की सैलरी काटी नहीं जाती है, बल्कि यह पेड होती है।
मैटरनिटी लीव के दौरान मिलने वाली सैलरी को लेकर कई महिलाओं के मन में सवाल होते हैं। बैंक खाते में कितना पैसा क्रेडिट होता है? क्या पूरी सैलरी मिलती है या सिर्फ बेसिक पे दी जाती है? इस तरह के सवालों का जवाब आज हम आपको यहां देने वाले हैं। तो आइए भारत में मैटरनिटी लीव की सैलरी से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में जान लेते हैं ।
मैटरनिटी लीव के दौरान पूरी सैलरी मिलेगी या सिर्फ बेसिक? (How Salary is Credited During Maternity Leave)
अधिकतर कंपनियां मैटरनिटी लीव के दौरान फुल सैलरी (Basic + Allowances) देती हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, कंपनी की कंपनी की ओर से महिलाओं को केवल बेसिक सैलरी दी जाती है। आपको बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिलती है, जबकि प्राइवेट सेक्टर में यह कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है। इसलिए, मैटरनिटी लीव लेने से पहले अपनी कंपनी की सैलरी पॉलिसी जरूर चेक करें।
सैलरी क्रेडिट का फॉर्मूला क्या होता है?
मैटरनिटी लीव के दौरान अगर पूरी सैलरी मिलती है, तो यह बेसिक पे, HRA और अन्य भत्ते के साथ दी जाती है।इसके अलावा, अगर अगर कर्मचारी को ESI के तहत मदद मिलती है, तो सरकार की ओर से कुछ आर्थिक सहायता भी मिल सकती है।
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बैंक खाते में कितना पैसा आता है?
- यदि पूरी सैलरी मिलती है, तो हर महीने आपके खाते में आपकी नेट सैलरी क्रेडिट होगी।
- यदि सिर्फ बेसिक सैलरी मिलती है, तो अन्य भत्तों (HRA, बोनस, इंसेटिव) को हटाकर आपके बैंक खाते में सैलरी आएगी।
- अगर कंपनी ESI के तहत सहायता देती है, तो वह अलग से आपके खाते में जमा हो सकती है।
मैटरनिटी लीव के लिए आवेदन कैसे करें?(How To Apply For Maternity Leave)
- सबसे पहले HR विभाग से संपर्क करके कंपनी की पॉलिसी जानें। सैलरी स्ट्रक्चर की पुष्टि अवश्य करें कि पूरी सैलरी मिलेगी या सिर्फ बेसिक।
- इसके बाद, जरूरी डॉक्यूमेंट्स जमा करने के लिए आपको मेडिकल रिपोर्ट और गर्भावस्था का प्रमाण आदि देना होगा।
- साथ ही, मैटरनिटी लीव के लिए लिखित अनुरोध सबमिट करें।
- इसके बाद, आपको अप्रूवल मिल जाएगा, जिसके बाद से आप 6 महीने की मैटरनिटी लीव पर आराम से जा सकती हैं।
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