Maternity Leave: इस देश ने लिया बड़ा फैसला, 4 हफ्ते बढ़ा दी मैटरनिटी लीव, जानें क्या होगा इसका फायदा?

Hong Kong Extended Maternity Leave: बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला के लिए आराम करना बहुत ही जरूरी हो जाता है। ऐसे में वर्किंग विमेन्स को मैटरनिटी लीव दी जाती है। इस दौरान महिला शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद को तैयार कर पाती है। हांगकांन ने हाल ही में मैटरनिटी लीव को 4 हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है। आइए जानें, मैटरनिटी लीव बढ़ाने के क्या फायदे हैं?  
  • Nikki Rai
  • Editorial
  • Updated - 2025-02-03, 13:40 IST
Hong Kong Extended Maternity Leave

How long is maternity leave in Hong Kong: आजकल महिलाएं अपने करियर को लेकर काफी सीरियस हो चुकी हैं। हर लड़की अपने करियर के साथ फैमिली प्लानिंग करना पसंद करती है। ऐसे में लड़कियां बच्चा होने के बाद भी अपनी जॉब पर फिर से लौटने लगी हैं। इसमें कंपनी की पॉलिसी बहुत बड़ा योगदान देती है। लगभग सभी बड़ी कंपनियों में महिलाओं को बच्चा होने पर उन्हें मैटरनिटी लीव दी जाती है। प्रेग्‍नेंसी के दौरान महिलाओं को आराम की खास जरूरत होती है।

वर्किंग महिलाओं को मैटरनिटी लीव मिलती है, जिसके बाद वे फिर से रिकवर होकर आराम से अपने काम पर लौट सकती हैं। हालांकि, सभी देशों में इसकी अवधि और नियम अलग हैं। कई बार मैटरनिटी लीव इतनी छोटी भी होती है कि इतने कम वक्त में एक महिला के लिए फिर से नौकरी पर लौट पाना आसान नहीं होता है। ऐसे में हांगकांग ने मैटरनिटी लीव में इजाफा करके एक मिसाल कायम कर दी है। हांगकांग ने हाल ही में मैटरनिटी लीव 4 हफ्ते और बढ़ा दी है। आइए जानें, मैटरनिटी लीव बढ़ने के क्या फायदे हैं?

रिसर्च में सामने आई यह बात

This thing came to light in research

हांगकांग में हुई एक रिसर्च में ये सामने आया कि जिन महिलाओं को 4 सप्ताह एक्‍स्‍ट्रा लीव मिली, उनमें पोस्‍टपार्टम डिप्रेशन के मामले में 22 फीसदी की कमी देखने को मिली। डिलीवरी के बाद महिलाओं में डिप्रेशन होना आम है। इस कंडीशन से उबरना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि, मैटरनिटी लीव में बढ़ोतरी करने से कई फायदे होते हैं? आइए जानें...

पोस्‍ट पार्टम डिप्रेशन क्या है?

बच्चे को जन्म देने के बाद एक महिला में शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। इस दौरान बच्चे की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है, जिससे एक महिला के लिए सही से आराम कर पाना और अपने ऊपर ध्यान दे पाना मुश्किल हो जाता है। इससे महिलाएं डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं। इसे ही पोस्‍ट पार्टम डिप्रेशन कहा जाता है। इस दौरान फैमिली का सपोर्ट बहुत जरूरी हो जाता है।

शरीर को रिकवर होने का मिलता है वक्त

The body gets time to recover

मैटरनिटी लीव कामकाजी महिलाओं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे उन्हें तनाव से तो मुक्ति मिल ही जाती है, इसके साथ ही महिलाएं अपनी मेंटल हेल्‍थ पर भी फोकस कर पाती हैं। इससे पोस्ट पार्टम डिप्रेशन जैसी कंडीशन से बचने में मदद मिलती है।

स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से मुक्ति

मैटरनिटी लीव में नई मां अपने शरीर पर पूरा ध्यान दे पाती है। इस दौरान शरीर में हुए सभी बदलावों को समझने में भी उन्हें मदद मिलती है। डिलीवरी के बाद उन्हें रिकवरी में मदद मिलती है।

बच्चे से होगी स्‍ट्रांग बॉन्डिंग

There will be strong bonding with the child

मैटरनिटी लीव के दौरान मां अपने नवजात के साथ अच्छा समय बिता पाती है और इसकी सही से देखभाल भी कर पाती है। इसके साथ ही इस नाजुक समय में उसे अपने पार्टनर और परिवार के साथ भी समय बिताने को मिल जाता है। इससे मैंटली एक महिला खुद को काम के लिए तैयार कर पाती है, वो भी बिना किसी स्ट्रेस के।

यह भी देखें-Maternity Leave: क्या महिलाओं को मिलेगी 9 महीने की मैटरनिटी लीव? जानें इसके फायदे और नुकसान

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Image Credit:Freepik

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