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can we take maternity leave for a third child

दो से ज्यादा बच्चे हुए तो मिलेगी मैटरनिटी लीव? जानिए इसके लिए भारत में क्या है कानून

Maternity Leave Rule In India: मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश वर्किंग विमेन को मिलने वाला ऐसा अधिकार है, जिसे प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को दिया जाता है।
Editorial
Updated:- 2024-08-01, 21:03 IST

Maternity Leave Policy In India: मैटरनिटी लीव कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर सरकार द्वारा जारी किया गया एक नियम है। यह लीव गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को दिया जाता है। हालांकि, इस अवकाश को लेकर आए दिन चर्चा होती रहती है। महिलाओं में भी इस लीव से जुड़े कई सारे सवाल होते हैं और उन्हीं में से एक सवाल ये भी है कि आखिर मैटरनिटी लीव कितनी बार और कब-कब लिया जा सकता है। महिलाओं के अंदर मातृत्व अवकाश को लेकर कई सारे सवाल आज भी हैं, जिनमें कितने बच्चे होने तक मैटरनिटी लीव ली जा सकती है, भारत में इसके लिए क्या कानून है और इसे कब ले सकते हैं आदि कई सारे सवाल हैं। तो चलिए आज हम आपको इन्हीं सारे सवालों के जवाब बताते हैं।

मैटरनिटी लीव के क्या नियम हैं?

pregnant women maternity leave

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बच्चे के जन्म और उसकी शुरुआती देखभाल के लिए दी जाती है। जानकारी के लिए बता दें, सभी गर्भवती मह‍िलाएं मैटरनिटी लीव के ल‍िए पात्र होती हैं। मैटरनिटी बेनिफिट (अमेंडमेंट) एक्ट, 2017 के अनुसार, महिलाओं को 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव मिलती है, जो कि पहले 12 सप्ताह थी। इसके अलावा, अगर यदि कोई महिला 3 महीने से कम उम्र के बच्चे को गोद लेती हैं, तो उन्हें भी 12 सप्ताह की छुट्टी दी जाती है। खास बात यह है कि इन छुट्टियों के दौरान महिलाओं को कंपनी की ओर से पूरी सैलरी भी दी जाती है। 

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क्या तीन बच्चे होने पर मिलेगी मैटरनिटी लीव?

Maternity leave in India for government employees

अब सवाल ये उठता है कि ये छुट्टी महिलाएं कितने बच्चे होने तक ले सकती हैं। तो आपको बता दें कि मैटरनिटी लीव का लाभ कोई भी महिला सिर्फ 2 बच्चों के जन्म पर ही ले सकती है। अगर वो तीसरे बच्चे को जन्म देती हैं और छुट्टी लेना चाहती हैं, तो उन्हें मैटरनिटी लीव नहीं दी जाएगी। यह नियम कहीं न कहीं जनसंख्या पर कंट्रोल करने के उद्देश्य से हो सकता है। बता दें, यह कानून महिलाओं को मैटरनिटी लीव इसलिए प्रदान करता है, ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल कर सकें और स्वस्थ रह सकें।

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