माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल के साहस की कहानी जानिए

भारत की बछेंद्री पाल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके एक नया इतिहास रचा था। जानें इनकी जीत में ऐसा क्या खास था। 

First Indian Woman to climb mount everest

Bachendri Pal Story: एक बहुत पुरानी कहावत है कि अगर इंसान ठान ले तो बड़े से बड़े काम आसानी से कर सकता है फिर चाहे पहाड़ क्यों न हो। हालांकि, पहाड़ पर चढ़ना आसान नहीं है, पर वास्तव में जो सभी संघर्षों को पार करके बुलंदियों तक पहुंचता है दुनिया उसी को सलाम करती है।

लेकिन अगर देखा जाए तो दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत के रूप में जाना जाने वाले माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना हर पर्वतारोही के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। क्योंकि इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8848 मीटर है और यहां की खूबसूरती बस देखते ही बनती है।

हालांकि, ये दिखने में जितना खूबसूरत है उतना ही डेंजरस भी है। क्योंकि ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने की कोशिश की, पर वो अपने सपने को पूरा नहीं कर पाए और काल के गाल में समा गए। लेकिन ऐसा भारत की बछेंद्री पाल ने करके दिखाया और दुनिया को बताया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो इंसान कुछ भी कर सकता है। आइए जानें बछेंद्री पाल की सफलता की कहानी।

माउंट एवरेस्ट के बारे में-

Mount Everest in Hindi

आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट 60 मिलियन वर्ष से भी अधिक पुराना है। इस माउंटेन का निर्माण तब हुआ था जब भारत की कॉन्टिनेंटल प्लेट एशिया में क्रैश हो गई थी। बता दें कि तब भारत की प्लेट एशिया के नीचे पुश्ड हो गई थी। इसके बाद भूमि के एक बड़े हिस्से को ऊपर की ओर उठा दिया गया था, जिससे दुनिया का सबसे ऊंचा माउंटेन रेंज पैदा हुआ। (आजादी के कई साल बाद कैसे बनीं निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री)

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माउंट एवरेस्ट जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी है। एक अनुमान के अनुसार, इस पर्वत पर अब तक करीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां पर क्यूम्यलेटिव डेथ रेट लगभग 2 प्रतिशत है, जिससे एवरेस्ट दुनिया का 7वां सबसे घातक पर्वत है।

कौन थीं बछेंद्री पाल? (Who is Bachendri Pal)

Bachendri pal story

बछेंद्री पाल के बारे में ये यकीनन सब जानते होंगे कि उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला थीं। लेकिन आपको बता दें कि इनका जन्म सन 1954 में नकुरी उत्तरकाशी में हुआ था। कहा जाता है कि बछेंद्री पाल का जन्म एक खेतिहर परिवार में हुआ था। इन्होंने अपनी पढ़ाई बी.एड. तक की। फिर इन्होंने 'नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग' कोर्स में आवेदन किया। 1982 में एडवांस कैंप में गंगोत्री और रूदुगैरा पर चढ़ाई करके इतिहास रचा। (नीरजा भनोट की कहानी)

बछेंद्री पाल ने कब हासिल की उपलब्धि-

बात 1984 की है जब एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए एक अभियान दल का गठन किया गया था। कहा जाता है इस दल का नाम 84 था, जिसमें लगभग 11 पुरुष और 5 महिलाएं थीं। लेकिन इसमें से केवल बछेंद्री पाल ने तूफान और कठिन चढ़ाई का सामना किया और माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला का खिताब हासिल किया। बता दें कि इतना बड़ा मुकाम हासिल करके बछेंद्री पाल ने लोगों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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अचीवमेंट्स- (Bachendri Pal Achievements)

Bachendri Awards

  • इसके अलावा बछेंद्री पाल ने कई अचीवमेंट्स हासिल किए हैं जैसे- 1984 में भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था।
  • इसके बाद भारत सरकार ने भी बछेंद्री पाल को भी देश के प्रतिष्ठित नागरिक अवार्ड ‘पद्मश्री’ दिया था। (हिंदुस्तान की पहली महिला पायलट)
  • बछेंद्री पाल को 1986 में अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
  • उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने भी बछेंद्री पाल को गोल्ड पदक से भी नवाजा था।

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Image Credit- (@Wikipedia)

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