Facts About Bubble Gum: आज मार्केट में कई तरह की बबल गम मिलती हैं। आप सभी ने भी कभी ना कभी बबल गम (Bubble Gum) जरूर खाई होगी। हालांकि, सवाल यह है कि बबल गम की शुरुआत कब और कैसे हुई? साथ ही हर बार बबल गम पिंक कलर की ही क्यों होती है? चलिए जानते हैं इससे जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स।
कब हुई थी बबल गम की शुरुआत (Bubble Gum History)
बबल गम की शुरुआत साल 1928 में हुई थी। सबसे पहले बबल गम बनाने का आइडिया फ्लेयर कॉर्पोरेशन, फिलाडेल्फिया के संस्थापक फ्रैंक एच. फ्लेयर के दिमाग में आया था। उन्होंने ही पहली बार बबल गम को बनाया। फ्लेयर ऐसा प्रोडक्ट बनाना चाहते थे जिसे देख लोगों को उत्सुकता हो और असल में ऐसा हुआ भी। फ्रैंक एच. फ्लेयर ने बबल गम को डबबल बबल नाम दिया था।
गुलाबी रंग की क्यों होती है बबल गम (Why Bubble Gum is Pink)
कहा जाता है कि शुरुआती समय में कारखाने में गुलाबी कलर ही एकमात्र रंग था जो उपलब्ध था और यह तब से मानक बन गया। यही कारण है कि सालों से बबल गम को बनाने के लिए गुलाबी रंग का इस्तेमाल किया जा रहा है।
च्युइंग गम से कैसे अलग है बबल गम? (Difference Between Chewing Gum and Bubble Gum)
च्युइंग गम और बबल गम को खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिस वजह से बहुत से लोग दोनों को एक ही समझ लेते हैं। बता दें कि बबल गम और च्युइंग गम मीठे जरूर होते हैं, लेकिन दोनों को बनाने की अलग प्रक्रिया है। बबल गम में च्युइंग गम की तुलना में अधिक गम बेस होता है।
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शुरुआती दौर में बबल गम को लोगों ने खूब पसंद किया और आज भी बबल गम लोगों के दिल में बहुत अलग जगह रखती है।
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Photo Credit: Freepik
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