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Amalaki Ekadashi 2025 Amla Tree Puja: आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा किस विधि से करें, जानें सामग्री, नियम और महत्व

हिंदू धर्म में आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। साथ ही इस दिम आंवले के पेड़ की पूजा का भी विधान है। अब ऐसे में इस दिन किस विधि से पूजा-पाठ करने से लाभ हो सकता है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-03-04, 13:29 IST

हिंदू धर्म में आमलकी एकादशी एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको बता दें, इस साल आमलकी एकादशी का व्रत 10 मार्च को रखा जाएगा। अब ऐसे में इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। पूजन सामग्री और आंवले की पूजा करने के दौरान किन नियमों का पालन करें। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा के लिए सामग्री

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  • आंवले का फल
  • फल और फूल
  • धूप
  • दीपक और घी
  • अनाज
  • तुलसी के पत्ते
  • कुमकुम, हल्दी, सिंदूर, अबीर, गुलाल, चंदन
  • नारियल
  • मिठाई
  • दान सामग्री
  • कच्चा सूत या मौली
  • दूध और जल

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आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा विधि

  • आमलकी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • इसके बाद भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा करें।
  • आंवले के पेड़ को जल, फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
  • आंवले के पेड़ की परिक्रमा करें और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
  • आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की कथा सुनें।
  • आंवले के पेड़ के नीचे ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें।
  • व्रत के दिन उपवास रखें और केवल फल और दूध का सेवन करें।
  • अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें।

 

आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा के नियम

 

  • सबसे पहले, आंवले के पेड़ के आसपास की जगह को साफ करें।
  • फिर, उस जगह को गाय के गोबर से पवित्र करें।
  • इस दिन मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन न करें।
  • व्रत के दिन फलाहार खाएं।
  • शाम को बिना पूजा किए फलाहार न खाएं।
  • अगले दिन पूजा के बाद व्रत खोलें।
  • इस दिन आंवले से संबंधित चीजों को पूजा-पाठ में शामिल करें। इससे भाग्योदय हो सकता है।

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आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा का महत्व

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आमलकी एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। यह व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं।

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