अभिजीत बनर्जी एक फेमस भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं। जिन्हें एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर के साथ स्वीडन में संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। तीनों अर्थशास्त्रियों को दुनिया से गरीबी खत्म करने के उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। जी हां उन्होंने कई ऐसे शोध किए जो वैश्विक गरीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में सुधार करते है। अपनी पत्नी एस्थर डफ्लो के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वह छठे विवाहित जोड़े हैं।
अभिजीत बनर्जी का जन्म 1961 में मुंबई में हुआ था। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है। वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। और 1972 में जन्मी डफलो सबसे कम उम्र की और दूसरी ऐसी महिला हैं, जिन्हें आर्थिक क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। माइकल क्रेमर हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।
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भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के लिए स्वीडन के स्टॉकहोम कॉन्सर्ट हॉल पहुंचे। वह भारतीय परिधान पहने हुए नजर आए। उन्होंने बंदगला जैकेट और धोती पहन कर नोबेल पुरस्कार लिया। जबकि उनकी पत्नी इस्टर डूफलो जिन्हे संयुक्त रूप से अभिजीत बनर्जी के साथ अर्थशास्त्र का पुरस्कार मिला वह नीले रंग की साड़ी में नजर आईं। और बनर्जी के साथी माइकल फॉर्मल सूट पहने हुए नजर आए।
भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को वर्ष 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। जैसे की हम आपको पहले भी बता चुके हैं क उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो (अभिजीत बनर्जी की पत्नी) और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है। यह पुरस्कार 'वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कामों के लिए मिला है। फिलहाल अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी डूफलो मैसेच्युसेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के इकनोमिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर हैं।
Watch Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer receive their medals and diplomas at the #NobelPrize award ceremony today. Congratulations!
— The Nobel Prize (@NobelPrize) December 10, 2019
They were awarded the 2019 Prize in Economic Sciences “for their experimental approach to alleviating global poverty.” pic.twitter.com/c3ltP7EXcF
स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्य स्मृति में नोबेल फाउंडेशन द्वारा हर साल प्रदान किया जाने वाला दुनिया का सर्वोच्च सम्मान नोबेल पुरस्कार है जो शांति, साहित्य, चिकित्सा विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दिया जाता है। नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा हर साल अक्टूबर महीने में ही कर दी जाती है और सभी विजेताओं को स्वीडन के स्टॉकहोम में आयोजित समारोह में 10 दिसम्बर को यह पुरस्कार दिया जाता है।
बनर्जी, अमर्त्य सेन के बाद अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले दूसरे भारतीय हैं। 21 फरवरी, 1961 को जन्मे बनर्जी की शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज, कोलकाता, और नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1988 में हार्वर्ड में डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की।
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इस डॉक्टरेट की थीसिस की टाइल सूचना अर्थशास्त्र में निबंध है और उनके हित के क्षेत्र आर्थिक विकास, सूचना सिद्धांत, आय वितरण और मैक्रोइकॉनॉमिक्स के सिद्धांत हैं। बनर्जी ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) जाने से पहले हार्वर्ड और प्रिंसटन में पढ़ाया। वह वर्तमान में एमआईटी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। वह कई लेखों और चार पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें गरीब अर्थशास्त्र शामिल हैं। इसने गोल्डमैन सैक्स बिजनेस बुक ऑफ द ईयर जीता। वह तीन और पुस्तकों के संपादक हैं और उन्होंने दो वृत्तचित्र फिल्मों का निर्देशन किया है।
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