Women Safety: लॉन्च हुआ ‘Sexual Abuse Survivors’ के लिए अनोखा सेफ्टी टूल

सैक्शुअल सरवाइवर्स के लिए सेफ्टी ट्रस्ट ने एक बेहद मददगार टूल किट लॉन्च की है। आप भी इसके बारे में जानें। 

Women Safety Toolkit laxmi

16 दिसंबर 2012, भारत के इतिहास में यह तारीख बेहद महत्वपुर्ण हैं। यही वह दिन था जब देश की राजधानी दिल्ली में चलती बस में एक लड़की के साथ गैंग रेप किया गया। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। इसके बाद महिलाओं की सेफटी हेतु बहुत सारे कानून बनाएं मगर, इन सभी कानूनों के होने बावजूद देश में रेप के मामले कम नहीं हो रहे हैं। हालही में तेलंगाना और उन्नाव में हुआ रेप केस इस बात का साफ उदाहरण है कि देश में महिलाएं अभी भी सेफ नहीं है। हालाकि दोनों ही मामलों में रेप सरवाइवर्स की जान नहीं बचाई जा सकी। रेप के यही दो केस नहीं हैं। इसके अलावा भी भारत में बहुत सारी रेप सरवाइवर्स हैं, जो घटना के बाद बच तो गईं मगर, रेप की घटना ने उनके अंदर से जीने की इच्छा को मार दिया है। रेप के बाद वह खुद को ही अपराधी समझती हैं, न तो उन्हें न्याय मिला है और न ही सही मेडिकल ट्रीटमेंट। ऐसे महिलाओं के लिए सेफटी ट्रस्ट ने 9 दिसंबर को ‘सेफटी सरवाइवर्स टूलकिट’ लॉन्च की है। यह एक खास तरह की टूलकिट है। इस टूलकिट में रेप सरवाइवर्स के लिए उस सामग्री को इक्ट्ठा किया गया है जो घटना के बाद उन्हें बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देती है। इस सेफ्टी टूल किट को यूएन वूमेन इंडिया, जागरण नयू मीडिया, ट्विटर इंडिया और मनुपात्रा एड्यूटेक के माध्यम से लॉन्च किया गया है।

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इस टूलकिट का लॉन्च, दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया है। इस लॉन्च की शुरुआत में ही सेफ्टी ट्रस्ट की फाउंडर डॉक्टर श्रुति कपूर ने टूल किट की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘यह टूल किट ऑनलाइन आपको सेफ्टी ट्रस्ट के वेबपेज पर मिल जाएगी। इसके साथ ही हम लोगों ने इसकी हार्डकॉपीज भी तैयार की हैं जिसे अरबन और इंटीरियर दोनों इलाकों में लोकल एनजिओ की सहायाता से रेप सरवाइवर्स तक पहुचाया जाएगा। इसके साथ ही वहां की महिलाओं के साथ वर्कशॉप करके उन्हें रेप की घटना घटने के बाद क्या करना चाहिए, यह सारी बातें बताई जाएंगी। इस टूल किट को 8 सैक्शन में बांटा गया है। इसमें सरवाइवर को लीगल और मैडिकल जानकारी के साथ-साथ मेंटल ट्रोमा से बाहर कैसे निकलना है यह सब भी बताया गया है।’ एक्ट्रेस एकावली खन्ना के लिए घरेलू हिंसा के ये हैं मायने, 24 साल की उम्र में झेला था तलाक का दंश

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इस ईवेंट में, सैक्शुअल वॉयलेंट सरवाइवर्स, वुमन राइट्स एक्टिविस्ट, लॉयर्स, डॉक्टर, सिविल सोसाइटी ऑग्रेनाइजेशन और कॉलेज के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। ईवेंट में कई पैनालिस्ट आए जिन्होंने रेप सरवाइवर्स के सपोर्ट में अलग-अलग बातें कहीं। सबसे पहले आइपीएस ऑफिसर अनुराधा शंकर ने बताया कि एक सावाइवर को घटना के बाद क्या करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘किसी भी रेप सरवाइवर के लिए बहुत जरूरी है कि वह घटना की रिपोर्ट दर्ज कराए। आप किसी भी पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट दर्ज करा सकती हैं और अगर आपको वहां मौजूद पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के लिए मना करता है तो आपको उसकी 100 नंबर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। आप टेलिफोनिक एफआइआर भी दर्ज करा सकती हैं।’यौन हिंसा के खिलाफ तकनीक को बनाइए अपना सबसे बड़ा हथियार, फोन की एक घंटी से पाएं मदद

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अनुराधा शंकर के बाद जागोरी एनजीओ की सुनीता धार ने कहा, ‘ सैक्शुअल वॉयलेंस के बाद अगर सरवाइवर को सबसे पहले किसी को फोन करना चाहिए या फिर किसी भी सरवाइवर को देख कर अगर किसी को भी उसकी मदद में जो सबसे पहला काम करना चाहिए वह 108 यानि एंबुलेंस को कॉल करके उसे हॉस्पिटल पहुंचा कर उसकी लाइफ बचानी चाहिए।

इसके बाद आपको पुलिस में कंप्लेन करनी चाहिए।’

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इस ईवेंट में यूएन वूमेन इंडिया की प्रोग्राम स्पेश्लिस्ट अंजू दुबे पांडे सहित एडवोकेट निपुन सक्सेना, काउंसलर एंव सोशल वर्कर रश्मि आनंद, शक्ति शालिनी एनजीओ से डॉक्टर भारती शर्मा, मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की डॉक्टर जुपाका माधवी और मीटू इंडिया ट्विटर हैंडल क्यूरेटर एंव एडिटर रितुपरणा चैटरजी ने भी भाग लिया और अपनी महिलाओं को सेल्फ सेफटी और सिक्योरिटी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताईं

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