हर महिला को कुदरती खूबसूरती आकर्षित करती है और अगर वह नदी, झरने, पहाड़, जंगल जैसे दृश्य खुद साकार कर सके, तो उसे और भी ज्यादा मजा आता है। नेचर की सुंदरता सिर्फ बनाने वाले को ही नहीं, देखने वालों को भी अपील करती है, इसीलिए वे ऐसे चित्र बनाने वाले आर्टिस्ट्स की तारीफ करते नहीं थकते। दरअसल, यह सब फाइन आर्ट्स के तहत आता है।
फाइन आर्ट्स की अलग-अलग विधाओं, जैसे ड्रॉइंग, पेंटिंग, डिजाइनिंग, स्कल्पटिंग, इंस्टॉलेशन, एनिमेशन, गेमिंग आदि में महिलाएं अपना कौशल दिखाकर धन-दौलत और कामयाबी दोनों अर्जित कर रही हैं। पिछले कुछ सालों में फाइन आर्ट्स में सफल करियर की संभावनाएं लगातार बढ़ी हैं। आइए जानते हैं इस करियर से जुड़े कोर्स और रोजगार के बारे में-
फाइन आर्ट्स में उपलब्ध कोर्स
फाइन आर्ट्स में फिलहाल बैचलर, मास्टर और पीएचडी स्तर पर कोर्स उपलब्ध हैं। इसमें डिप्लोमा कोर्स एक साल का है, वहीं बैचलर इन फाइन आर्ट्स (Bachelor of Fine Arts) की अवधि चार साल की है। बीए (Bachelor of Arts in Fine Arts) तीन साल में पूरा होता है। इसमें मास्टर डिग्री के लिए दो साल का मास्टर्स इन फाइन आर्ट्स का कोर्स करना होता है। अगर आप फाइन आर्ट्स में पीएचडी करना चाहती हैं तो आपके लिए मास्टर्स डिग्री का होना जरूरी है। अगर आप वर्किंग हैं या रेगुलर कोर्स करने में समस्या है तो आप कॉरेसपॉन्डेंस और डिस्टेंस लर्निंग के जरिए भी फाइन आर्ट में बैचलर डिग्री कोर्स कर सकती हैं। बैचलर्स डिग्री के पहले वर्ष में इंटिग्रेटेड कोर्स कराया जाता है। छात्रों के एप्टिट्यूड के आधार पर दूसरे साल में स्पेशलाइजेशन का विषय निर्धारित किया जाता है। ये परीक्षाएं यूनिवर्सिटी की तरफ से ही आयोजित की जाती है, जिससे कॉलेज को मान्यता प्राप्त है और दूसरे व तीसरे साल की परीक्षा का आयोजन संबंधित कॉलेज ही करता है।
कोर्स से कैसे मिलेगी मदद: फाइन आर्ट्स का कोर्स करने से कला की बारीकियां, क्रिएकिटिविटी और फाइन आर्ट्स के इतिहास से आपको रूबरू कराया जाएगा। कोर्स में 20 प्रतिशत हिस्सा थ्योरी और 80 प्रतिशत हिस्सा प्रैक्टिकल का होता है।

ये स्किल्स हैं जरूरी
- क्रिएटिविटी और सृजनात्मकता हैं जरूरी।
- बनाई गई ड्राइंग रियलिस्टिक लगे।
- काम को सटीक तरीके से पेश करने की क्षमता।
- कल्पना को चित्र में उतारने में समर्थ।
- कुछ नया सोचने और कर सकने की गुण।
- कलर स्कीम की जानकारी और तकनीकी समझ हो।
- अच्छी हो कम्यूनिकेशन क्षमता।
- सभी तरह के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म और नवीनतम तकनीकों की हो जानकारी।
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फेलोशिप का उठाएं फायदा
सरकारी संस्थानों में इस कोर्स की फीस बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन निजी संस्थानों में कोर्स के लिए ज्यादा फीस लगती है। अगर आपको इसके लिए फाइनेंस की दिक्कत हो तो कई राष्ट्रीयकृत बैंक आसानी से इसके लिए लोन मुहैया कराते हैं। वहीं फेलोशिप की सुविधा का भी आप लाभ उठा सकती हैं।
इन फील्ड में हैं संभावनाएं
फाइन आर्ट्स में डिग्री हासिल करने के बाद आप विज्ञापन कंपनियों, एजेंसियों, आर्ट स्टूडियो जैसी जगहों पर काम करने का मौका हासिल कर सकती हैं। यहां आप अपना आर्ट वर्क म्यूजियम, प्राइवेट आर्ट गैलरी में प्रदर्शित कर सकती हैं। यहां बनाए गए डिजाइन और कलाकृतियां स्टूडियो, नीलामी स्टोर या आर्ट एंड क्राफ्ट शोज में अच्छे दामों में बिक जाती हैं। मल्टीमीडिया, एनिमेशन मोशन पिक्चर और गेमिंग इंडस्ट्री में भी आपके लिए अच्छे मौके हो सकते हैं। इसके अलावा आप फ्रीलांसिंग वर्क भी कर सकती हैं।
इन पदों पर मिल जाता है काम
फाइन आर्ट्स का कोर्स पूरा कर लेने पर प्रोफेशनल कंपनियों में आपके लिए कई तरह की जॉब प्रोफाइल हो सकती हैं, मसलन विजुअलार्इंजग प्रोफेशनल, इलस्ट्रेटर, आर्ट क्रिटिक, आर्टिस्ट, आर्ट प्रोफेशनल, डिजाइन ट्रेनर, एनिमेटर, क्रिएटिव डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, विजुअल डिजाइनर, डिजिटल डिजाइनर, क्रिएटिव मार्केटिंग प्रोफेशनल, फ्लैश प्रोग्रामर, 2डी/ 3डी आर्टिस्ट, वेब डेवलपर, क्राफ्ट आर्टिस्ट, लेक्चरर, आर्ट टीचर, कार्टूनिस्ट, आर्ट म्यूजियम टेक्निशियन, आर्ट कंजर्वेटर, आर्ट डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, एडवरटाइजिंग एग्जीक्यूटिव/ सुपरवाइजर/ हैड, प्रोजेक्ट ऑफिसर जैसे पदों पर काम कर सकती हैं।
ये हैं आपके काम की जगहें
फैशन हाउस, पब्लिशिंग हाउस, टेलीविजन इंडस्ट्री, शिक्षण संस्थान, एनिमेशन इंडस्ट्री, मैगजीन्स, सॉफ्टवेयर कंपनीज, डिजाइन फर्म्स, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, एडवरटाइजिंग कंपनीज, डिजिटल मीडिया और आर्ट स्टूडियो में फाइन आर्ट्स के स्टूडेंट्स की सबसे ज्यादा मांग है।
ये मिलती है सैलरी
इस फील्ड में शुरुआत में आप 15 से 25 हजार रुपये प्रति माह तक सैलरी पा सकती हैं। प्रकाशन या विज्ञापन एजेंसियों में काम करने की इच्छुक महिलाएं 4 से 5 लाख रुपये सालाना का पैकेज पा सकती हैं। फ्रीलांस काम करने वालों के लिए प्रोजेक्ट के हिसाब से अच्छी कमाई हो सकती है।
जानें एक्सपर्ट की राय
करियर काउंसलर तुषार राजदान के अनुसार क्रिएटिव और पारंपरिक कोर्सेस के कुछ हटकर करने में दिलचस्पी रखने वाली महिलाओं के लिए फाइन आर्ट्स का कोर्स करना सबसे अच्छे विकल्पों में से है। इसके लिए बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स एक बेसिक कोर्स है। इसे पूरा कर लेने के बाद महिलाएं डिजाइन से जुड़ी फील्ड्स में काम कर सकती हैं। यह कोर्स करने पर महिलाओं को डिजाइन संबंधी कई नए विकल्प मिल जाते हैं, जिन्हें वे एक्सप्लोर कर सकती हैं। महिलाओं के लिए यह करियर नाम, शोहरत और पैसा सबकुछ देता है। देश और विदेश, दोनों जगह फाइन आर्ट्स का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
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