8th Pay Commission: जुलाई-दिसंबर अवधि के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि के बाद, अब लोगों को 8वें वेतन आयोग की घोषणा का केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बेसब्री से इंतजार है। लगभग हर 10 साल में नए वेतन आयोग की घोषणा करने की परंपरा को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। 8वां वेतन आयोग लगने के बाद सैलरी में कितने प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसे लेकर काफी चर्चा हो रही है। सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़े फैसले में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है।
किन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
8 वें वेतन आयोग से 49 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। बता दें कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2025 में नए वेतन आयोग के गठन से सिफारिशें समय पर प्राप्त होगी, जिससे 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्हें लागू करना सुनिश्चित हो सकेगा। नए वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू हो जाने से इसकी सिफारिशें समय पर मिल सकेंगी।
कब आएगा 8वां वेतन आयोग?
8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संकेत दिया है कि इसे 2026 तक लाया जा सकता है। यह केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में सुधार करेगा। बता दें कि पिछली बार 7वें वेतन आयोग को रिपोर्ट फाइनल करने में 18 महीने लगे थे, जिसे जनवरी 2016 से लागू किया गया था।
कितना बढ़ सकता है वेतन?
अगर 8 वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होती हैं, तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर लगभग 34,560 रुपये किए जाने की संभावना है। हाल ही की कुछ रिपोर्ट के अनुसार वेतन में वृद्धि 10 से लेकर 30 परसेंट तक हो सकती है। इसी तरह, पेंशनभोगियों के लिए न्यूनतम पेंशन भी बढ़कर 17,280 रुपये हो सकती है। इस संशोधन के बाद सरकारी कर्मचारियों और पेंशन धारक को महंगाई और अन्य आर्थिक कारकों के आधार पर बड़ी राहत मिल सकती है।
8 वें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण गुणक है जिसका इस्तेमाल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को समायोजित करने के लिए किया जाता है। यह उन्हें प्रदान किए जाने वाले वित्तीय लाभों की गणना को सीधे प्रभावित करता है।
बता दें कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने के साथ फिटमेंट फैक्टर 2.57 पर सेट किया गया, जिसके परिणामस्वरूप पेंशन और वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पेंशन 3,500 रुपये से बढ़ कर 9,000 रुपये हो गई, जबकि न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया। पेंशन और अधिकतम वेतन दोनों को क्रमशः 1,25,000 रुपये और 2,50,000 रुपये तक बढ़ा दिया गया।
8 वें वेतन आयोग के लिए , अनुमानों में 2.28 से 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर का सुझाव दिया गया है। इसका मतलब है कि न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 41,000 रुपेय से 51,480 रुपये के बीच हो सकता है, जो कि अपनाए गए सटीक फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करता है।
पिछला वेतन आयोग कब हुआ था लागू
भारत में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वेतन आयोग की संरचना के अनुसार उनका वेतन मिलता है। आरंभ करने के लिए, 7वें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की स्थापना 28 फरवरी 2014 को भारत सरकार द्वारा की गई थी।
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