किसी भी देश की उन्नति के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बहुत जरूरी होता है। वित्तीय रूप से सक्षम महिलाएं न केवल अपने परिवार, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी योगदान देती हैं। भारत सरकार ने महिलाओं को वित्तीय रूप से स्वतंत्र करने के लिए और उन्हें शिक्षा, उद्यमिता और रोजगार के बेहतर अवसर देने के लिए कई योजनाएं चलाई हुई हैं। महिला दिवस 2025 के मौके पर, हमें उन सरकारी योजनाओं के बारे में जानने की जरूरत है, जिन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम रोल निभाया है।
आज हम इस आर्टिकल में उन प्रमुख सरकारी योजनाओं की बात करने वाले हैं, जिन्होंने महिलाओं को वित्तीय सहायता, कौशल विकास और स्वरोजगार के साधन प्रदान किए हैं और उनकी जिंदगी को संवारा है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
1 जनवरी 2017 को केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मातृ योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं के खाते में पैसा भेजकर उनके पोषण और देखभाल में मदद करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत, पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता के रूप में 5000 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि दो किस्तों में उन्हें प्राप्त होती है। अगर कोई महिला दूसरी बार मां बनती है और बेटी को जन्म देती है, तो उसे 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाती है।
PMMVY योजना का लाभ केवल 19 साल से ऊपर की गर्भवती महिलाएं ही उठा सकती हैं। आवेदक महिला की पारिवारिक सालाना आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। गर्भवती महिला मनरेगा कार्ड या किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं ले रही हो। आवेदक महिला के पास e-Shram कार्ड या BPL कार्ड होना जरूरी है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
1 मई 2016 को पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और गरीब परिवार की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से मुक्त सुरक्षित रसोई उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत, महिलाओं को केंद्र सरकार मुफ्त में LPG गैस सिलेंडर प्रदान करती है। इसके साथ ही अगर कोई महिला कनेक्शन लेती है, तो उसे 1600 रुपये की वित्तीय सहायता भी दी जाती है। अभी तक, प्रति वर्ष महिला लाभार्थियों को 2 सिलेंडर मुफ्त दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का लाभ केवल 18 साल से ऊपर की महिलाएं ले सकती हैं। आवेदक महिलाओं के पास बीपीएल कार्ड होना जरूरी है। आवेदक महिला के घर में किसी भी तरह का गैस कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
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कन्या विवाह योजना
समाज में बेटियों के उत्थान और उनके विवाह में सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। कन्या विवाह योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना खासतौर पर गरीब, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), पिछड़ा वर्ग (OBC) और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए बनाई गई है।
कन्या विवाह योजना का लाभ लेने के लिए बेटी की उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए। विवाह योग्य लड़की का परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए। कुछ राज्यों में लाभार्थियों की क्वालिफिकेशन 10वीं पास मांगी जाती है। साथ ही, विवाह कानूनी रूप से पंजीकृत होना जरूरी है। कई राज्यों में कन्या विवाह योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा, आप अपने जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय विभाग या ब्लॉक कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
महिला ई-हाट योजना
भारत सरकार ने वुमेन एन्टप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महिला ई-हाट योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत, महिलाएं अपने प्रोडक्ट्स और सेवाओं को ऑनलाइन बेचकर पैसा कमा सकती हैं। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और डिजिटिल इंडिया के साथ जोड़ना है। Mahila e-Haat एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां पर देशभर की महिला उद्यमी, SHG, NGO अपने उत्पादों को बिना किसी बिचौलिए के सीधे कस्टमर को बेचते हैं। यह प्लेटफॉर्म महिलाओं को ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने का मौका भी देता है।
अगर आप महिला ई-हाट योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो आपका व्यक्तिगत महिला उद्यमी, महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) और महिला गैर-सरकारी संगठन (NGO) की सदस्य होना जरूरी है।
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महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना
इस योजना की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 के दौरान की थी। इस योजना का उद्देश्य भारत सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ाना देना है। यह एक स्मॉल सेविंग्स स्कीम है, जिसे महिलाओं के लिए डिजायन किया गया है। इस सरकारी बचत योजना के तहत, महिलाएं फिक्सड डिपॉजिट की तरह इन्वेस्ट करके आकर्षक ब्याज दर पा सकती हैं। इस योजना में महिलाएं 31 मार्च 2025 तक ही इन्वेस्ट कर सकती हैं। महिलाएं न्यूनतम 1 हजार रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये तक का इन्वेस्टमेंट कर सकती हैं। महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना पर 7.5 फीसदी सालाना ब्याज दर मिलती है।
महिला निवेशक को अगर इमरजेंसी में पैसा निकालना है, तो 1 साल बाद 40 फीसदी अमाउंट निकाल सकती हैं। पूरी राशि आप 24 महीने पूरे होने के बाद निकाल सकती हैं। आपको बता दें कि इसमें टैक्स डिडक्शन की सुविधा नहीं मिलती है।
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Image Credit - meta ai, freepik
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