आज हरतालिका तीज का प्रारंभ हो चुका है। सुबह सरगी खाकर महिलाओं ने व्रत रखा लिया होगा। आज के महिलाएं शिव और पार्वती की पूजा करती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। यह व्रत रखना मुश्किल होता है और इसलिए इसकी तुलना कड़े तप से की जाती है। हरतालिका व्रत में महिलाएं 24 घंटे तक न कुछ खाती हैं और न ही पानी पीती हैं। यह व्रत अगली सुबह पूजा करके खोला जाता है।
आज के पूरे दिन महिलाएं कुछ नहीं खाएंगी, लेकिन व्रत की समाप्ति करने के लिए आप एक पारंपरिक मिठाई बना सकती हैं। तमिल नाडु और बिहार की लोकप्रिय मिठाई चंद्रकला के बारे में आपने सुना होगा। यह गुजिया की तरह ही होती है, बस फर्क इतना है कि इसे गोल आकार में बनाया जाता है। कुछ लोगों का कहना है कि इसे 1949 में तंजावुर में पहली बार बनाया गया था। वहीं, बिहार के लोग इसे अपने यहां की परंपरा मानते हैं।
चंद्रकला गुजिया से काफी मिलती-जुलती है और यह बिहार में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली मिठाइयों में से एक है। इसे इलायची पाउडर, खोया, नारियल और कई सारे सूखे मेवों से भरकर बनाया जाता है। बाहर से इनकी लेयर एकदम कुरकुरी होती है और इन्हें इन्हें चाशनी में डुबोया जाता है। यह मीठा व्यंजन बिहार की पारंपरिक मीठी डिश है जिसे हर खास मौके पर खाया जाता है।
तीज के मौके पर व्रत को खोलते वक्त आप इस मिठाई को बना सकती हैं। इसे बनाकर पहले भगवान को भोग लगाएं और फिर परिवार वालों को प्रसाद बांट दें। इस रेसिपी को खाकर आपकी आत्मा भी तृप्त हो जाएगी और आपको बाहर से मिलावटी मिठाई लाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। आइए जानें इसे कैसे बनाया जाता है।
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चंद्रकला बनाने का तरीका-
- सबसे पहले आउटर लेयर बनाने के लिए आटा गूंथ लें। मैदे में घी और चुटकी भर सेंधा नमक डालें और इसे मिक्स करें। इसके बाद इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर स्मूथ और लचीला आटा गूंथ लें। आटे को रेस्टिंग के लिए ढककर अलग रख दें।
- अब फिलिंग तैयार करने के लिए एक पैन में खोया डालकर कुछ देर के लिए अच्छे से भूनें। जब खोया इकट्ठा होने लगे, तो इसे प्लेट में निकाल लें। इसमें बारीक कटे हुए ड्राई फ्रूट्स, चीनी का बूरा और इलायची का पाउडर डालकर मिक्स करें। सभी चीजों को मिलाकर इसे अलग रखें।
- अब चाशनी बनाने के लिए पैन में पानी और चीनी डालकर उसे हिला लें। मीडियम आंच पर इसमें एक उबाल आने दें और जब चीनी घुल जाए, तो इसमें केसर डालकर रंग आने दें। अब उंगली और अंगूठे के बीच सिरप लगाकर खींचें। यदि यह एक तार की बनती है, तो चाशनी तैयार है।
- अब आटे को फिर एक बार गूंथने के बाद, उसकी लोइयां बना लें। लोइयों को बेलकर इसमें तैयार की हुई फिलिंग भरें। एक चम्मच भरकर फिलिंग भरकर इसे अलग करें। एक दूसरी लोई लेकर उसे पहले वाले के आकार में बेलें।
- दूसरी बेली हुई लोई को पहली वाले के ऊपर रखें और दोनों के किनारों को पूरी तरह से सील करने के लिए दबाएं। सूरज जैसा पैटर्न पाने के लिए इसे उंगलियों से स्पाइरल बनाते हुए मोड़ें। आप किसी को गुजिया का आकार देकर आधा चांद बना सकते हैं और किसी की शेप पूरे चांद की तरह भी रख सकते हैं।
- इसी तरह सारी मिठाइयां तैयार करके प्लेट में सजा लें।
- एक कड़ाही में तेल गर्म करें और एक-एक करके मिठाइयां डालकर उन्हें सुनहरा भूरा होने तक पकाएं। ध्यान रखें कि इन्हें धीमी से मीडियम आंच पर ही पकाएं, वरना मैदा अंदर से कच्चा रह जाएगा।
- इन्हें तेल से निकालकर सीधा चाशनी के पैन में डालें और 5 मिनट तक भीगने दें फिर मिठाइयों को चाशनी से निकालें और एक प्लेट में सजाएं।
- ऊपर से चांदी का वर्क लगाएं और बारीक कटे बादाम से गार्निश करके भोग लगाएं।
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