Shahrukh Khan Movie: वीर-जारा में शाहरुख खान की एक्टिंग देखकर क्यों इमोशनल हो गए थे यश चोपड़ा?

फिल्म 'वीर-जारा'  का क्लाइमैक्स एक रात पहले लिखा गया था। एडिट टेबल पर फिल्म के सीन देखते हुए यश जी ने रोते हुए क्यों शाहरुख को फोन घुमाया था?

shahrukh khan acting in veer zara movie

ऐसा तो नहीं था कि उससे ज्यादा खूबसूरत लड़की मैंने पहले कभी देखी नहीं थी...पर न जाने क्यों उसके चेहरे से नजर हट ही नहीं रही थी... कुछ याद आया...बेशक आया होगा...क्योंकि कुछ फिल्में...कुछ डायलॉग्स ऐसे होते हैं, जो दिल में बस जाते हैं और गाहे-बगाहे याद भी आ जाते हैं। शाहरुख खान ने बॉलीवुड को कई ऐसी फिल्में दी हैं, जिनके सीन्स, गाने और डायलॉग्स, लोगों को जुबानी याद हैं। ऐसी ही एक फिल्म है, 'वीर-जारा'। यूं तो फिल्म को रिलीज हुए 19 साल हो चुके हैं लेकिन आज भी इसकी धुनें और इसकी कहानी, लोगों को बेहद पसंद है।

अब 'जवान' की सफलता को देखते हुए शआहरुख की फिल्म 'वीर-जारा' को दोबारा याद किया जा रहा है। आइए आज आपको बताते हैं शाहरुख खान-प्रीति जिंटा की फिल्म 'वीर-जारा' से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से।

'वीर-जारा' में शाहरुख की बाकमाल एक्टिंग

veer zara music

यह फिल्म 2004 में रिलीज हुई थी। इस साल शाहरुख की दो और फिल्में 'मैं हूं ना' और 'स्वदेस' भी रिलीज हुई थी। शायद अगर लिमिटेशन न होती, तो शाहरुख को 1 साल में दो बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड मिल जाते। इस फिल्म में शाहरुख खान की एक्टिंग ने यश चोपड़ा को भी इमोशनल कर दिया था। खासकर, बूढ़े शाहरुख ने जिस अंदाज में सीन किए थे, जब एडिट टेबल पर यश जी ने उन सीन्स को देखा तो रोते हुए किंग खान को फोन घुमाया और उनकी तारीफ की।

फिल्म के लिए ऐसे चुना गया था संगीत

फिल्म 'वीर-जारा' में लगभग 50 साल पुरानी धुनों को इस्तेमाल किया गया था। यश चोपड़ा अच्छे संगीत के मुरीद थे। वह इस फिल्म में गुजरे जमाने की धुने शामिल करना चाहते थे। जब म्यूजिक को लेकर चर्चा हो रही थी, तब संगीतकार मदन मोहन के बेटे ने यश जी को बताया कि उनके पास मदन मोहन जी की कुछ पुरानी धुने हैं। यश जी हमेशा से मदन मोहन जी के साथ काम करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने धुने सुनने का फैसला लिया और फिर तुरंत हा कर दी। रिपोर्ट्स की मानें तो वीर-जारा फिल्म का गाना 'तेरे लिए' यश जी के फोन की रिंगटोन था।

वीर-जारा की स्क्रिप्ट ऐसे हुई थी फाइनल

veer zara climax shooting

यश चोपड़ा ने 1997 में शाहरुख खान के साथ फिल्म 'दिल तो पागल है' बनाई थी। इसके बाद उन्होंने लगभग 7 सालों तक किसी फिल्म का डायरेक्शन नहीं किया क्योंकि वह किसी अच्छी स्क्रिप्ट की तलाश में थे। यश चोपड़ा किसी और प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, तभी आदित्य चोपड़ा ने उन्हें दो सीन सुनाए और दो सीन का नेरेशन सुनकर ही यश चोपड़ा ने अपने उस प्रोजेक्ट को छोड़कर फिल्म 'वीर-जारा' के लिए हां कर दी। आदित्य ने एक सीन सुनाया, जिसमें शाहरुख खान उम्रदराज रोल में थे। यश चोपड़ा, शाहरुख को उम्रदराज रोल में देखना चाहते थे।

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फिल्म 'वीरा-जारा' का क्लाइमैक्स

फिल्म 'वीर-जारा' का क्लाइमैक्स, शूट से एक रात पहले लिखा गया था। इस सीन को लेकर यश जी अक्सर आदित्य से सवाल करते और आदित्य इस सीन को लेकर श्योर नहीं थे। कोर्ट रूम वाला वह सीन, जिसमें शाहरुख, कविता पढ़ते हैं, उसमें पहले स्पीच लिखना तय हुआ था लेकिन शूट से एक रात पहले आदित्य ने यश चोपड़ा से कहा कि वह स्पीच नहीं, कविता लिख रहे हैं और शाहरुख ने एक टेक में वह सीन शूट किया था, जो आज भी सबको इमोशनल कर देता है।

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Image Credit-Social Media

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