आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना कमाल दिखा रही हैं। महिलाएं ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं बल्कि अपने टैलेंट की मदद से लोगों के जीवन में एक आशा की किरण भी दे रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही फाउंडर से रूबरू कराने वाले हैं। जी हां, एलिजाबेथ थॉमस अपनी फोनोलॉजिक्स कपंनी की मदद से हजारों बच्चों की मदद कर रही हैं। आइए जानते हैं उनके और उनकी कंपनी के बारे में।
क्या करती हैं एलिजाबेथ थॉमस
एलिजाबेथ थॉमस एक स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजिस्ट और फोनोलॉजिक्स कंपनी की संस्थापक हैं। उन्होंने अपने स्टार्टअप की शुरुआत संचार विकारों या देरी से होने वाले बच्चों के लिए स्पीच थेरेपी देने के मकसद से फोनोलॉजिक्स की शुरुआत की है। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से ऑडियोलॉजी और स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजी में मास्टर की हुई है। कपंनी की फाउंडर होने के साथ-साथ वो दो बेटियों की मां भी हैं।
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कैसे की करियर की शुरुआत?
करियर की शुरुआत के बारे में पूछे जाने पर एलिजाबेथ थॉमस बताती हैं, "पोस्ट ग्रेजुएशन के ठीक बाद मैंने बैंगलोर की एक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद हम चेन्नई और फिर गुड़गांव चले गए जहां मैंने अपोलो जैसे विभिन्न अस्पतालों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए काम किया। 2020 में मैंने फोनोलॉजिक्स की शुरुआत की जिसके लिए मैं अभी तक काम कर रही हूं।"
किया कईं रूढ़िवादी टिप्पणियों का सामना
रूढ़िवादी टिप्पणियों के विषय के बारे में बात करते हुए एलिजाबेथ कहती हैं, "हम अक्सर रूढ़िवादी टिप्पणियों का सामना करते हैं जिसमें लोगों को अपने काम के बारे में समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग कह देते हैं कि हम बहुत भावुक हैं तो कुछ आक्रामक।"
कंपनी की शुरुआत के बाद आया जीवन में बदलाव
एलिजाबेथ थॉमस कहती हैं, "उद्यमिता के रास्ते में कई असफलताएं आती हैं जिसका हमें अकेले सामना करना होता है। यह एक ऐसा काम है जिससे हम वीकेंड पर भी दूर नहीं रह सकते हैं। ऐसे कई परिस्थितियां आई जब मैंने एक उद्यमी बनने के अपने फैसले पर सवाल उठाए हैं। हालांकि हम सैकड़ों बच्चों के जीवन में जो प्रभाव ला रहे हैं वह बहुत संतोषजनक रहा है और यह मुझे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है।"
महिला उद्यमियों को मिलना चाहिए और समर्थन
समर्थन के बारे में बात करते हुएएलिजाबेथ ने कहा, "महिला उद्यमियों को अक्सर पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक अपेक्षाओं से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिससे उनके लिए व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को संतुलित करना मुश्किल हो सकता है। हमारे देश में 18 प्रतिशत महिला संस्थापकहोने के बावजूद महिला उद्यमियों से इतनी सारी जिम्मेदारियां निभाने की अपेक्षा की जाती है, जबकि पुरुषों से अपेक्षा की जाती है कि वे केवल अपने व्यवसाय पर ध्यान दें। मैंने देखा है कि मेरे आसपास कई महिलाएं समर्थन की कमी के कारण अपने सपनों को छोड़ देते हैं और कई को अपने जुनून का पालन करने के लिए परिवार के खिलाफ जाना पड़ता है।"
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अंत में एलिजाबेथ कहती हैं, "खुद पर भरोसा रखें और अपने पैशन को फॉलो करें। हम महिलाओं में अपार शक्ति और दृढ़ संकल्प है। किसी को भी आपको हीन महसूस करने की अनुमति न दें। अपने आप को उन लोगों से घेरें जो आप पर विश्वास करते हैं। सीखने और बढ़ने के अवसर के रूप में हर असफलता को गले लगाओ।
तो ये थी एलिजाबेथ थॉमस की कंपनी से जुड़ी सारी जानकारी। आपको उनके बारे में जानकर कैसा लगा, यह हमें इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं।
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Photo Credit: HerZindagi
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