herzindagi
all about devika pakruthi

तकनीकी शिक्षा के जरिए देविका ने रचा कोडिंग की दुनिया का नया स्वरुप

चलिए जानते हैं देविका ने तकनीक के जरिए शिक्षा की दुनिया में कैसे अपना नाम कमाया। उनकी इस इंंस्पिरेशनल स्टोरी जानने के लिए हमारा यह आर्टिकल अंत तक पढ़ें। 
Editorial
Updated:- 2023-03-03, 21:01 IST

तुम मुझे कितना भी रोको मैं रूकने वाली नहीं हूं। यह कहावत महिलाओं के लिए बनाई गई है। यही कारण है कि एक महिला चाहे तो स्पेस में जाने से लेकर पहाड़ चढ़ सकती है। इसलिए कहा जाता है कि महिलाएं किसी से कम नहीं है। आजकल हर फील्ड में महिलाएं अपने काम का लोहा मनवा रही हैं।

हाल ही में जागरण न्यू मीडिया हरजिंदगी ने वुमन प्रेन्योर अवार्ड समारोह आयोजित किया था। इस अवॉर्ड फंक्शन में देविका जी को स्पेशल सर्टिफिकेट से नवाजा गया था। हमने देविका से बात की और उन्होंने हमें बताया कि कैसे उन्होंने कम उम्र में ही इतना सब कुछ हासिल किया। चलिए उन्हीं से जानते हैं उनकी इस सफलता के पीछे की कहानी।

लाखों की नौकरी ठुकराई

देविका ने बताया कि उन्हें कॉलेज के 3rd ईयर में यूएस बेस्ड कंपनी में इंटर्नशिप के लिए चुना गया था। इंटर्नशिप के लिए उन्हें महीने के 13 लाख रूपये मिलते थे। इंटर्नशिप के बाद कंपनी ने उन्हें अच्छे पैकेज के साथ फुल टाइम जॉब ऑफर की, लेकिन देविका ने मना कर दिया क्योंकि वह खुद का बिजनेस करना चाहती थी।

देविका के इस फैसले को उनकेमाता-पिता, परिवार और दोस्तों ने मूर्खतापूर्ण बताया था। उन्होंने नौकरी इसलिए ठुकराई क्योंकि वह अपना खुद का बिजनेस करना चाहती थी और वह तकनीक के जरिए शिक्षा क्षेश्र में कुछ अलग करना चाहती थीं।

गांव में खोली कंपनी

who is devika pakruthiदेविका ने बिजनेस करने के अपने इस निर्णय पर विचार किया। उन्होंने कहा कि मैं कम्फर्ट जोन में नहीं रहना चाहती थी, मैं जोखिम लेना चाहती थी, जोखिम का पता लगाना चाहती थी और अधिक नई चीजें सीखना चाहती थी। इसलिए, आखिरकार मैंने अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की और 22 साल की उम्र में अपना व्यवसाय शुरू किया। मैनें एडुटेक ऐप बनाया, जिसे रोजाना 2k-3kयूजर्स चलाते थे। 6 महीने के भीतर उन्होंने यह कर दिखाया और दिन-प्रतिदिन उनके यूजर्स के नंबर बढ़ते गए।

देविका ने अपनी कंपनी की शुरुआत छोटे से गांव से की थी। तब उनकी कंपनी में 7 वर्कर थे। देविका हमेशा से ही महिलाओं के लिए रोजगार को मोटिवेट करती हैं। इसलिए शुरुआत में उनकी कंपनी में 5 महिलाएं और 2 पुरुष थे। (डॉ स्वाति पिरामल के बारे में जानें)

इसे भी पढ़ें:Hz Exclusive: आयुषी जोशी को मिला स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड, जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी

खुद जुटाई फंडिंग

यह बात हम सभी जानते हैं कि किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए पैसे की जरूरत पढ़ती है। उन्होंने अपनी कुछ सेविंग्स और कैपिटल लोन की मदद से यह बिजनेस शुरू किया। उन्होंने कोई फंडिंग नहीं जुटाई। यह सेल्फ फंडिंग थी।

इसे भी पढ़ें:पढ़ाने और सिखाने के हुनर को खास बनाती सृष्टि जैन; कोलर्न एजुकेशन की एक अभूतपूर्व पहल

आपकी क्षमता ही आपकी सफलता है

सफलता के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। देविका जी की सफलता के बारे में जानने के लिए हमने उनसे बात की और उन्होंने हमें बताया कि क्षमता ही सफलता का असली राज है। अगर आप सक्षम हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं। भले ही दुनिया आपको कुछ भी कहे। देविका के काम को आंध्र प्रदेश की सरकार ने भी पुरुस्कृत किया है। उन्हें बेस्ट वुमन लेड स्टार्टअप के अवॉर्ड से नवाजा गया है।

अगर आप पूरी मेहनत के साथ तैयारी करती हैं तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें साथ ही कमेंट करके हमें बताएं और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit : HerZindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।