Hz Exclusive: आयुषी जोशी को मिला स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड, जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी

आज हम आपको आयुषी जोशी के बारे में बताएंगे जिन्हें हाल ही में स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।

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बदल रहा है भारत, यह कहावत तो आपने सुना ही होगा। वर्तमान में महिलाएं हर जगह पुरुषों की बराबरी कर रही हैं। फील्ड चाहे कोई भी क्यों ना हो महिलाएं खुद को साबित करने में कोई भी कसर नही छोड़ती हैं। ऐसे में आज हम आपको आयुषी जोशी के बारे में बताने वाले है जिन्हें केवल 19 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी जी ने "स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर" पुरस्कार से सम्मानित किया है।

पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैंप्स के लिए बनाती है प्रोडक्ट्स

आयुषी जोशी मूडफ्लिप चॉकलेट्स की फाउंडर और ऑर्गेनाइजेशन मैनेजर हैं। जो पीरियड्स के दौरान क्रैंप्स और पीएमएस सिंप्टम्स से राहत देने वाले प्रोडक्ट्स बनाती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको आयुषी जोशी की सक्सेस स्टोरी के बारे में विस्तार से बताने वाले है।

"सफलता आपकी मेहनत से मिलती है, आपकी उम्र से नहीं"

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सफल एंटरप्रेन्योर बनने की कहानी को जानने के लिए हरजिंदगी हिंदी ने बात की आयुषी जोशी से बता दें कि आयुषी जोशी महज 19 साल की है। "सफलता आपकी मेहनत से मिलती है, आपकी उम्र से नहीं" यह कहावत तो आपने सुना ही होगा। यह कहावत मानो तो आयुषी जोशी के लिए ही बना हो।

पीरियड्स के दर्द से मिलेगा आराम

आयुषी जोशी हरजिंदगी को दिए इंटरव्यू में कहा है कि- हमें अभी भी याद है जब हमने एक लड़की को उसके मासिक धर्म की ऐंठन से दर्द में देखा था, वह थोड़ी भ्रमित थी वही किसी ने उसे चॉकलेट की पेशकश की और वह चॉकलेट खाने के बाद बेहतर महसूस करने लगी थी। (वुमेन एंटरप्रेन्योर की उपलब्धियों को चलिए करते हैं पुरस्कृत)

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रासते मुश्किल थे लेकिन नामुमकिन नही

आयुषी जोशी आगे बताती है कि- हमारे दिमाग में एक विचार आया कि क्यों न ऐसी चॉकलेट बनाई जाए जो दर्द के दौरान महिला खा सके। जिसे खाने का बाद उन्हें राहत मिल सके। ऐसे में हमने मूडफ्लिप चॉकलेट बनाने का सोचा। हम अपने आइडिया पर काम करना शुरु किया लेकिन कई बार असफल रहे क्योंकि बीकॉम प्रथम वर्ष के छात्र होने के कारण जीव विज्ञान शैली पर काम करना बहुत कठिन था। इसके बावजूद भी हमने हार नही माना।

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बिना परिवार से पैसे लिए बनाया अपनी कंपनी

करीब 19-20 प्रयासों में असफल होने के बाद हम आयुर्वेदिक नुस्खा मिला। इसके बाद हमने इस पर काम करना शुरू कर दिया। शुरुआत दिनों में यह सब करना काफी ज्यादा मुश्किल था हमारे लिए। क्योंकि हमने अपने माता-पिता से एक पैसा नहीं लेने का फैसला किया था। हमने एक राष्ट्रीय उद्यमिता प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण किया और पूरे भारत में 1600 पंजीकरणों में से केवल 13 टीमों को अंतिम दौर में चुना गया, हमें प्रथम स्थान और रुपये का नकद पुरस्कार मिला। 51,000 और उपलब्धियां जारी हैं।

अगर आप पूरी मेहनत के साथ तैयारी करती हैं तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी। आयुषी जोशी हमारे देश की हर यंग एंटरप्रेन्योर के लिए इस्पिरेशन हैं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें साथ ही कमेंट करके हमें बताएं और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit : HerZindagi

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