herzindagi
shila dawre the first indian female auto rickshaw driver

जानें देश की पहली महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर शीला दवरे की इंस्पायरिंग कहानी

ऑटो रिक्शा चलाना पुरुषों का काम जाता है। इस धारणा को तोड़ते हुए पुणे की शीला दवरे भारत की पहली ऑटो चालक बनीं।
Editorial
Updated:- 2022-07-29, 18:20 IST

यूं तो आपने सड़को पर ऑटो चलते हुए देखें होंगे। लेकिन जब वही ऑटो कोई महिला चालाती है, तो इस पुरुष प्रधान समाज के लिए बहुत बड़ी बात हो जाती है। लेकिन हमारे देश में कई महिलाएं ऐसी रहीं जिन्होंने लोगों की इस रूढ़िवादी सोच को तोड़ने का काम किया है। उन्हीं महिलाओं में एक नाम शीला दावरे का है। उस दौर में जब पुणे की सड़कों पर केवर पुरुष चालक ही ऑटो चलाया करते थे, उस दौर में शीला ने सड़क पर सरवार कमीज पहनकर ऑटो चलाने का फैसला किया। समाज के ताने और परेशानियों को झेलने के बावजूद भी शीला ने कभी हार नहीं मानी और देश की पहली महिला ऑटो चालक बनीं।

कौन हैं शीला दावरे

who is shila dawre

शीला दावर देश की पहली महिला ऑटो चालक के रूप में जानी जाती हैं। शीला का जन्म महाराष्ट्र के एक छोटे शहर परभणी में हुआ था। जब शीला बड़ी हुईं तो उनके माता-पिता उनकी शादी करना चाहते थे लेकिन उन्हें अपना करियर बनाना था। शीला बचपन से ही ड्राइविंग में एक्सपर्ट थी जिस कारण उन्होंने इसे ही अपना प्रोफेशन बनाने का फैसला लिया।

18 की उम्र में छोड़ा घर

उस वक्त वो महज 18 साल की थीं तब उन्हें अपने निजी कारणों के जिता प्रभारी का पद छोड़ना पड़ा। उस वक्त शीला अपने घर से भागकर पुणे(पुणे शहर में घूमने की जगहें) चली गईं। वहां उन्होंने फैसला लिया कि वो ऑटो चलाकर अपना खर्च चलाएंगी। जब शीला ने इस फैसले का काफी विरोध हुआ और लोग एक महिला को ऑटो चालक के तौर पर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में उन्हें किराए पर ऑटो देने से भी इंकार कर दिया गया, जिस वजह से यह फैसला लेना शीला के लिए बेहद मुशकिल था।

इसे भी पढ़ें-सेना में वीरता के लिए गैलेंट्री अवार्ड पाने वाली पहली भारतीय महिला मिताली मधुमिता के बारे में जानें

खुद के लिए खरीदा ऑटो

शीला के लिए यह वक्त काफी मुश्किल भरा था। लेकिन इन सभी का सामना करते हुए उन्होंने खुद के लिए ऑटो ले लिया।

शीला का परिवार

first indian female auto rickshaw driver

ऑटो खरीदने के बाद शीला ने बतौर ऑटो चालक काम की शुरुआत की। इसी दौरान शीला की मुलाकात शिरीष नाम के एक ऑटो ड्राइवर से हुए, जो खुद भी एक ऑटो चालक थे। आगे चलकर वो उनके जीवनसाथी बने। आज दोनों की 2 बेटियां हैं। दोनों से सालों तक ऑटो चलाया, फिर एक दिन साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया और ट्रैवल कंपनी खोली। शीला चाहती हैं कि वो आगे चलकर ड्राइविंग एकेडमी खोलना चाहती हैं, जहां वो महिलाओं को गाड़ी चलाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।

इसे भी पढ़ें-इनकी एक दौड़ ने भारत को दिया दिया था गोल्ड, जानिए हिमा दास के बारे में

शीला को मिले हैं कई अवार्ड

अपनी डिफरेंट करियर च्वाइज के चलते शीला को कई अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। बता दें शीला के नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। इसके अलावा शीला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित #BharatKiLakshmi कैम्पेन में फीचर की जा चुकी हैं।

तो ये थी शीला की इंस्पायरिंग कहानी, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।