आमतौर पर हम बच्चों से सेक्स के बारे में बात नहीं करते हैं, यह सोचकर की बड़े होंगे तो खुद जान जाएंगे या फिर उनके लिए अभी इस तरह की बात करना सही नहीं है। हालांकि यह सबकुछ एक गलत धारणा है। बच्चों को सेक्स एजुकेशन देना और सेक्सुअलिटी से परिचित कराना ही उन्हें इमोशनली इंडिपेंडेंट बनाने का एक मात्र तरीका है। इंस्टाग्राम पर माया अम्मा के नाम से मशहूर स्वाति जगदिश एक सेक्स हेल्थ एजुकेटर और लैक्टेशन काउंसलर हैं जो लोगों को बताती है कि बच्चों से आखिर सेक्स के बारे में किस तरह बात करना चाहिए।
34 वर्षीय स्वाति अपनी बेटी माया के जरिए लोगों को सेक्स एजुकेशन के बारे में जानकारी देती रहती हैं। वह अक्सर बच्चों को बिना असहज हुए उन्हें सेक्स एजुकेशन के बारे में बताती हैं, इसके लिए वह फन एक्टिविटी, वर्कशॉप और क्लासेस भी देती रहती हैं। इस दौरान वह बच्चों को प्रेग्नेंसी हेल्थ, ब्रेस्टफीडिंग, मेंसुरेशन कप, एलजीबीटी आदि जैसी महत्वपूर्ण बातों के बारे में भी जिक्र करती हैं। हाल ही में स्वाति का एक वीडियो Brut पर शेयर किया था जो काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में स्वाति बच्चों से सेक्स एजुकेशन के बारे में किस तरह बात करना चाहिए, इस लेकर टिप्स दे रही हैं।
बच्चों को सेक्स एजुकेशन और सेक्सुअलिटी पर बात करने के लिए जरूरी है कि आप सही शब्दों का प्रयोग करें। जब आप घर पर सेक्स एजुकेशन की बात करने जा रहे हैं तो शुरुआत में प्राइवेट पार्ट्स के बारे में बताने के लिए सही शब्दों का इस्तेमाल करें। शब्द जैसे- ब्रेस्ट, निप्पल आदि शब्दों का इस्तेमाल कर सकती हैं। बच्चों को नहाते या फिर कपड़े पहनाते वक्त उन्हें आप बताएं जैसे कि ये सिर है, यह नोज है, ईयर है आदि। इसी तरह आप उन्हें प्राइवेट्स पार्ट्स के लिए भी बताएं।
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कई बार बच्चे अपने दादा-दादी या फिर अन्य किसी रिश्तेदार के सामने अगर प्राइवेट्स पार्ट का नाम लें लेते हैं, इस दौरान उन्हें शर्मिंदा ना करें। स्वाति अपनी बेटी का उदाहरण देते हुए बताती हैं कि वह जब उसने अपने ग्रैंड पेरेंट्स के सामने प्राइवेट पार्ट का नाम लिया तो उस वक्त हंसी और फिर छोड़ दिया, लेकिन जब आप ऐसी हालांत में हैं तो बच्चे को कहे कि यह अच्छा सवाल है और मुझे खुशी है कि तुमने मुझसे पूछा, लेकिन मैं अभी इसका जवाब नहीं दे पाउंगी, पहले इसके लिए जानकारी लेंगे, फिर आपको आसान भाषा में समझाएंगे। उस वक्त बच्चों को शर्मिंदा ना होने दें, या फिर जज ना करें, इस तरह का सवाल उन्हें पूछने से रोकें नहीं। आपको अपने बच्चे और खुद से बातचीत का सिलसिला जारी रखना होगा।
अगर बच्चा बेबी मेकिंग और बॉडी पार्ट्स के बारे में कहीं भी सवाल करना शुरू कर दें, तो उन्हें यह ना बोलें कि बाहर ऐसी बाते नहीं करते। इस विषय को मुद्दा ना बनाएं, ऐसा करने से वह घर या फिर बाहर कॉन्फिडेंट होकर बात नहीं करेगा। स्वाति ने बताया कि यह कोई शर्मनाक विषय नहीं है, जिसपर बात ना की जाए।
बच्चों से उनकी उम्र के अनुसार सेक्स या फिर पर्सनल लाइफ के बारे में बात करें। अगर बच्चा आपसे सवाल करें कि आप बेडरूम में क्या कर रहे हैं, तो उन्हें उसके दिमाग और उम्र को देखते हुए जवाब दें। अगर बच्चा तीन साल का है तो आपका जबाव भी उसकी उम्र के अनुसार होना चाहिए।
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सेक्सुअल हेल्थ के बारे में बात करने जा रही हैं तो बहुत जरूरी है कि खुद पर काम करना शुरू करें। इस बारे में बच्चों से बात करने से पहले अपने आप से पूछें कि आप खुद कितना जानते हैं और क्या है जो आपको पता होना चाहिए। इसे लेकर किस तरह की बातें की जानी चाहिए। इसलिए बच्चे के बारे में सोचने से पहले खुद की जानकारी बढ़ाएं और यह देखें कि आप किस के बारे में बात कर सकते हैं और किसके बारे में बात करने से आपको शर्म आएगी। इसलिए अपने अंदर के शर्म को हटाएं और फिर इस बारे में बात करना शुरू करें।
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