एक कहावत है कि यदि इंसान ठान ले तो बड़े से बड़े मुकाम तक पहुंच सकता है। कुछ ऐसे ही जज़्बे के साथ आगे बढ़ती हुई भारत की महिलाएं हमेशा एक उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कर्नाटक की निवासी आश्रिता वी ओलेटी ने। इन्होने पायलट स्कूल में एक साल का कोर्स पूरा करने के बाद 43वें फ्लाइट टेस्ट कोर्स के हिस्से के रूप में स्नातक किया है और भारत की पहली महिला फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर बन गई हैं। उनकी ये उपलब्धि वास्तव में प्रेरणादायी है। आइए जानें इनसे जुड़ी कुछ बातें।
कौन है आश्रिता वी ओलेटी
स्क्वाड्रन लीडर आश्रिता वी ओलेटी मुख्य रूप से कर्नाटक की रहने वाली है। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बेंगलुरु के एम वी जे कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से की है। पायलट स्कूल की 43वीं फ्लाइट स्कूल की फ्लाइट टेस्ट कोर्स ऑफ़ एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग इस्टैब्लिशमेंट (ASTE) के पूरे एक साल के कोर्स के बाद वो अपने बैच से अकेली महिला हैं जिन्होनें ये कोर्स पास किया है। आश्रिता ने ये कोर्स एयर फाॅर्स टेस्ट पायलट्स स्कूल से पास किया है।
पहली महिला फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर
आश्रिता वी ओलेटी नए कीर्तिमान बनाते हुए देश की पहली महिला फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर बनी है। इंडियन मिलिट्री में पहली बार इंडियन एयर फाॅर्स (IAF) की एक महिला अफसर ने एयर फाॅर्स के पायलट स्कूल से ग्रेजुएशन पास किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस बात की जानकारी पायलट स्कूल में कार्यरत इंडियन एयर फाॅर्स की ऑफिसर्स ने रविवार को दी। एक अधिकारी ने कहा कि स्क्वाड्रन लीडर आश्रिता वी ओलेटी भारतीय वायुसेना में इस भूमिका के लिए योग्य पहली और एकमात्र महिला हैं, और एक उड़ान परीक्षण इंजीनियर के रूप में, वह सशस्त्र बलों में शामिल होने से पहले विमान और हवाई प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार होंगी। कर्नाटक के मूल निवासी ओलेटी ने पायलट स्कूल में एक साल का कोर्स पूरा करने के बाद 43वें फ्लाइट टेस्ट कोर्स के हिस्से के रूप में स्नातक किया है।
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कैसे करेंगी काम
एक उड़ान परीक्षण इंजीनियर की अपनी नई भूमिका में आश्रिता सशस्त्र बलों में शामिल होने से पहले विमान और हवाई प्रणालियों का आंकलन करेंगी । वह 43वें फ्लाइट टेस्ट कोर्स एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टाब्लिशमेंट (एएसटीई) का हिस्सा थीं। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके परिवार ने उल्लेख किया है कि '1973 में पाठ्यक्रम शुरू होने के बाद से अब तक इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए केवल 275 स्नातक हैं और वह भारतीय वायुसेना के इतिहास में पहली महिला अधिकारी बन गई हैं, जिन्होंने कठिन प्रशिक्षण के बाद इस पाठ्यक्रम को पूरा किया है।
ट्विटर पर दी बधाई
सेना के अन्य अधिकारियों ने आश्रिता की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई देते हुए सन्देश भेजे हैं और उनके इस काम की सराहना की है।
Squadron Leader Aashritha V Olety, Indian Air Force, becomes the 1st Female Flight Test Engineer of the Nation. She has graduated from the prestigious Air Force Test Pilot School, one of the seven only universities in the entire world.
Congratulations 🇮🇳❤️🇮🇳#IndianAirForce#IAFpic.twitter.com/I7vnqwbykU
— Defence Squad (@Defence_Squad_) May 23, 2021
सेना में महिलाओं की संख्या
सेना में महिलाओं की संख्या में पिछले छह वर्षों में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है, उनके लिए स्थिर गति से और अधिक रास्ते खोले गए हैं। सरकार ने फरवरी में संसद को बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना में कुल 9,118 महिलाएं हैं, जो उन्हें करियर की प्रगति को बढ़ावा देने के लिए अधिक अवसर प्रदान करती हैं। सेना में महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ 2015 में आया जब भारतीय वायुसेना ने उन्हें लड़ाकू धारा में शामिल करने का फैसला किया। नौसेना ने हाल के वर्षों में महिलाओं के लिए और भी रास्ते खोले हैं। पैदल सेना में टैंक और युद्ध की स्थिति अभी भी महिलाओं के लिए कोई क्षेत्र नहीं है, जिन्हें 1992 में पहली बार चिकित्सा धारा के बाहर सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
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