ICSE 10th Result 2025: जमशेदपुर की शांभवी ने रचा इतिहास.. आईसीएसई 10वीं में बिना ट्यूशन 100% अंक लाकर बनीं नेशनल टॉपर

झारखंड के जमशेदपुर की होनहार बेटी शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई की 10वीं बोर्ड परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल कर नेशनल टॉपर बन गई हैं। उन्होंने बिना किसी कोचिंग या अतिरिक्त क्लास के शांभवी ने घर पर ही सेल्फ स्टडी के बल पर पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
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जमशेदपुर की बेटी शांभवी जायसवाल ने ICSE 10वीं की परीक्षा में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 100% अंक प्राप्त किए हैं और बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के राष्ट्रीय स्तर पर टॉप करके एक मिसाल कायम की है। उनकी इस जबदस्त उपलब्धि ने पूरे देश में प्रशंसा और प्रेरणा की लहर दौड़ा दी है। शांभवी ने पूरे देश भर में टॉप करके जमशेदपुर और उनके स्कूल, लोयोला स्कूल, दोनों को गौरवान्वित किया है। उनकी यह सफलता उनकी कड़ी मेहनत, लगन और अनुशासित अध्ययन की आदत का परिणाम है। उन्होंने साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और सेल्फ-स्टडी से भी राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की जा सकती है। आइए शांभवी जायसवाल की इस अद्भुत सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शांभवी ने बिना ट्यूशन ऐसे की पढ़ाई

Shambhavi success story

शांभवी कक्षा छठी से ही एक ही रुटीन में पढ़ाई करती आई हैं। पढ़ाई के दौरान वह कोई भी तनाव नहीं लेती थी और जितने देर भी पढ़ाई करती थी, मन लगा कर पढ़ती थी। खास बात यह है कि शांभवी ने बिना ट्यूशन लिए ही देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। उन्हें गणित और साइंस मां पढ़ाती थी। इसके अलावा वह स्कूल में भी टीचर्स से मदद लेती थी। शांभवी की सफलता का मूल मंत्र उनकी अथक मेहनत, अटूट आत्मविश्वास और टाइम मैनेजमेंट रहा है। उन्होंने हर सब्जेक्ट को बहुत अच्छी तरह से पढ़ा है। हर दिन प्रैक्टिस और रिवीजन करते हुए अपनी कमजोरियों को सुधारा। मीडिया से बात चीत के दौरान शांभवी ने बताया है कि वह कोचिंग संस्थान या एक्स्ट्रा लिए बगैर ही परीक्षा की तैयारी की थी। वह बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ 7 घंटे ही पढ़ाई करती थीं। साथ ही, शांभवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।

शांभवी का फैमिली बैकग्राउंड

Shambhavi jaiswal

शांभवी के माता-पिता, दोनों ही चिकित्सक हैं और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने स्वयं एक उच्च मानक स्थापित किया है। शांभवी के पिता, अभिषेक जायसवाल, मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। उनकी माता, ओजस्वी शंकर, मणिपाल हॉस्पिटल कॉलेज में एक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। इन दोनों से प्रेरणा लेकर ही शांभवी पढ़ाई करती थी।

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पेंटिंग और इंजीनियरिंग का है सपना

अध्ययन के साथ-साथ, शांभवी पेंटिंग में भी निपुण हैं। कैनवास पर रंगों के साथ समय बिताना उन्हें शांति और आनंद प्रदान करता है। भविष्य में, वह कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में इंजीनियर बनकर देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। अपनी इस असाधारण सफलता का श्रेय वह अपनी माता, अपने शिक्षकों और अपने दृढ़ आत्मविश्वास को देती हैं।

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Image credit- Freepik


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