Ishita Misra Success Story: जब जुनून बना पहचान, जानें इशिता मिश्रा की सफलता की कहानी

फॉन्ज़ी फोल्क्सी परफ्यूम की को-फाउंडर ईशिता मिश्रा की सफलता की कहानी पढ़ें। जानें कैसे उन्होंने बायोटेक से परफ्यूमरी तक का सफर तय किया और अपने जुनून को एक सफल ब्रांड में बदला। 
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सपने देखने की हिम्मत करने वाली हर महिला अपने हौसले और मेहनत से सफलता की नई इबारत लिख सकती है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है इशिता मिश्रा की, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से असंभव को संभव कर दिखाया।
जीवन में हर सफलता के पीछे एक संघर्ष की कहानी होती है। इशिता मिश्रा की जिंदगी भी कुछ ऐसी ही रही, जहां चुनौतियां थीं, मुश्किलें थीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। आज उनकी सफलता हर किसी के लिए प्रेरणा बन चुकी है।
इशिता फॉन्ज़ी फोल्क्सी (Fonzie Folksy)की को-फाउंडर और क्रिएटिव डायरेक्‍टर हैं। यह ब्रांड प्रीमियम क्‍वालिटी के लग्‍जरी परफ्यूम तैयार करता है। हालही में आयोजित हुए, हरजिंदगी के वुमनपिन्‍योर अवॉर्ड्स में फॉन्ज़ी फोल्क्सी ने फ्रेग्‍रेंस पार्टनर की भूमिका निभाई और अपनी अद्भुत सुगंध से भी का दिल जीत जीत लिया।

अगर इरादे मजबूत हों और सपनों को पूरा करने का जुनून हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।इशिता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिन्होंने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर अपनी पहचान बनाई है। चलिए उनकी लाइफ जर्नी के बारे में जानते हैं।

प्रारंभिक शिक्षा और करियर की शुरुआत

Ishita Misra

इशिता ने 2009 में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बायोटेक इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। स्नातक के बाद, उन्होंने तीन वर्षों तक चेन्नई में काम किया। हालांकि, उन्हें हमेशा से ही मार्केटिंग और रणनीति में रुचि थी, जिसने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। 2012 में, उन्होंने मुंबई स्थित नारसी मोनजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से मार्केटिंग में एमबीए किया।

कॉर्पोरेट करियर

अपनी एमबीए डिग्री पूरी करने के बाद, इशिता का करियर 2014 में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल कंपनी, एली लिली (Eli Lilly) के साथ आगे बढ़ा। गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में उन्होंने लगभग चार वर्षों तक विभिन्न भूमिकाओं में कार्य किया, जिसमें सेल्स, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्र शामिल थे। इस दौरान, उन्होंने बाजार की रणनीतियों और कनज्‍यूमर बिहेवियर को गहराई से समझने का अवसर प्राप्त किया। इसके बाद, उन्होंने अपने पारिवारिक व्यवसाय में प्रवेश किया, जहां उन्होंने मुख्य रूप से रणनीति और व्यापार विकास (Strategy & Business Development) पर ध्यान केंद्रित किया।

परफ्यूमरी की ओर कदम

हालांकि, ईशिता का कॉर्पोरेट करियर बहुत सफल रहा, लेकिन उनका असली जुनून हमेशा से परफ्यूमरी ही था। उन्होंने पहले इसे स्वयं सीखने की कोशिश की, लेकिन जल्द ही यह महसूस किया कि उन्हें इस क्षेत्र में औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता है। इसीलिए, उन्होंने फ्रांस के प्रसिद्ध ग्रास इंस्टीट्यूट ऑफ परफ्यूमरी में प्रवेश लिया। यहां उन्होंने सुगंध निर्माण की बारीकियों को गहराई से समझा और इस कला में विशेषज्ञता प्राप्त की।

फॉन्ज़ी फोल्क्सी: परफ्यूमरी की दुनिया में एक नई शुरुआत

परफ्यूमरी में गहरी पकड़ बनाने के बाद, इशिता ने फॉन्ज़ी फोल्क्सी नामक ब्रांड की स्थापना की। यह ब्रांड उनके व्यवसायिक दृष्टिकोण, सृजनात्मक सोच और सुगंध के प्रति उनके गहरे प्रेम का प्रतीक है। उनका उद्देश्य ऐसे परफ्यूम बनाना है, जो केवल एक ट्रेंड तक सीमित न रहें, बल्कि व्यक्ति की अनूठी पहचान को दर्शाएं।

इशिता का मानना है कि हर व्यक्ति को एक ऐसा सिग्नेचर फ्रेगरेंस मिलना चाहिए, जो उनकी आत्मा को परिभाषित करे और उनकी कहानी को सुगंध के माध्यम से व्यक्त करे। भारतीय बाजार को समझने और उत्पाद को सही तरह से स्थान देने की उनकी क्षमता उनके मार्केटिंग और सेल्स के अनुभव से और अधिक मजबूत हुई है।

विज्ञान और परफ्यूमरी का मेल

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इशिता की बायोटेक्नोलॉजी की पृष्ठभूमि ने उन्हें परफ्यूमरी की वैज्ञानिक प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझने में मदद की है। उनकी गहरी समझ प्लांट फिजियोलॉजी , एनाटॉमी और ऑयल एक्सट्रैक्शन प्रोसेस में है, जो सुगंध निर्माण में अत्यधिक सहायक होती है।

संस्कृति और विविधता से सीखने का अनुभव

इशिता ने लखनऊ, वेल्लोर, चेन्नई, मुंबई और अब दिल्ली जैसे विभिन्न भारतीय शहरों में रहकर अपनी सोच को विकसित किया है। इन शहरों में बिताए गए वर्षों ने उन्हें विभिन्न संस्कृतियों, परंपराओं और जीवनशैली को समझने का अवसर दिया। भारत की विविधता ने उनके व्यक्तित्व को और अधिक समृद्ध किया और उनकी सोच को विस्तृत किया।

कला, यात्रा और भाषाओं के प्रति रुचि

परफ्यूमरी के अलावा, कला, यात्रा और भाषाएं भी इशिता के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका मानना है कि कला उनके गहरे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम रही है। बचपन से ही उन्हें पेंटिंग का शौक रहा है, जिससे वे अपने भीतर की भावनाओं को रंगों के माध्यम से दर्शाती हैं।

भाषाओं के प्रति उनकी रुचि तब विकसित हुई, जब उन्होंने तमिलनाडु में कुछ वक्‍त बिताया। वहां स्थानीय लोगों के साथ संवाद करने और जीवन को सुगमता से जीने के लिए उन्होंने तमिल भाषा सीखी। स्थानीय विक्रेताओं से बातचीत करने और ऑटो-रिक्शा चालकों के साथ मोलभाव करने के अनुभव ने उन्हें भाषा सीखने के लिए प्रेरित किया।

बाद में, उनकी रुचि स्पेनिश भाषा की ओर बढ़ी और उन्होंने इसे सीखने के लिए दिल्ली स्थित स्पेनिश एंबेसी (Embassy of Spain) में दाखिला लिया। उनके लिए भाषाएं केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि एक संस्कृति को समझने और उससे जुड़ने का माध्यम भी हैं।

ईशिता मिश्रा की जीवन यात्रा विज्ञान, रणनीति और सृजनात्मकता का एक प्रेरणादायक संगम है। एक वैज्ञानिक पृष्ठभूमि से शुरू करके, उन्होंने मार्केटिंग, व्यापार और अंततः परफ्यूमरी की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

फॉन्ज़ी फोल्क्सी के माध्यम से, वे ऐसी सुगंधें बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं, जो लोगों की भावनाओं और उनकी अनूठी पहचान को दर्शाएं। उनकी कहानी आत्म-अभिव्यक्ति का प्रतीक है और यह दर्शाती है कि जब जुनून, ज्ञान और समर्पण एक साथ मिलते हैं, तो असाधारण उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

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