हमारे देश में शादी में दहेज़ लेने और देने की एक अनोखी प्रथा है। कुछ लोग दबाव पूर्वक बेटी की ख़ुशी के लिए दहेज़ देते हैं, तो कुछ लोग ख़ुशी -ख़ुशी बेटी को दहेज़ की एक अच्छी रकम देकर विदा करते हैं। हर एक पिता का सपना होता है कि उसकी बेटी की शादी अच्छी जगह पर हो और उसकी शादी में कोई कमी न रह जाए। खासतौर पर जब बात दहेज़ की आती है तो बेटी का पिता इसे कई प्रयास करके जुटाता है और अपनी बेटी के सुंदर भविष्य की कामना करता है।
चाहे समाज कितना भी आगे क्यों न बढ़ जाए लेकिन ये प्रथा अभी भी शादियों की एक रस्म की तरह ही निभाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि दहेज़ की ये रकम एक बेटी के पिता का उसके लिए आशीर्वाद होता है जिसे लेकर वो ख़ुशी -ख़ुशी विदा होकर ससुराल चली जाती है। लेकिन राजस्थान की एक दुल्हन ने अपने पिता द्वारा दहेज़ के लिए जुटाई गई रकम से गर्ल्स हॉस्टल खुलवाने की मांग की और पिता ने कन्यादान में उसे एक बड़ी रकम देकर अपना वादा पूरा भी किया। आइए जानें कौन है राजस्थान की ये दुल्हन जिसने की एक अनोखी मांग और क्या है पूरा मामला।
कौन है ये राजस्थानी दुल्हन
राजस्थान की इस लड़की का नाम अंजलि कंवर है और उसकी शादी 21 नवंबर, 2021 को प्रवीण सिंह से हुई थी। दरअसल, एक लड़की की शिक्षा में निवेश न केवल उसका जीवन बल्कि उसके परिवार के सदस्यों, समुदाय और राष्ट्र के जीवन को भी बदल सकता है। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने की सख्त आवश्यकता को समझते हुए, राजस्थान की इस दुल्हन ने शादी से पहले पिता से अनुरोध किया कि वह अपने दहेज के लिए रखे गए धन का उपयोग गर्ल्स हॉस्टल जैसे नेक काम के लिए करना चाहती है। अंजलि कंवर बाड़मेर शहर के किशोर सिंह कनोद की बेटी हैं और अपनी शादी में उन्होंने पिता से ये अनोखी मांग की।
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पिता ने बेटी को कन्यादान में दिए75 लाख रुपये
राजस्थान की बेटी अंजलि की इस अनोखी मांग पर उसके पिता किशोर सिंह ने सहमति जताते हुए गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए 75 लाख रुपये दान कर दिए। अंजलि ने एक पत्र में अपनी इच्छा व्यक्त करने से पहले शादी की रस्मों के खत्म होने का इंतजार किया। उसने इसे उन सबके सामने पढ़ा जो शादी का हिस्सा थे। इसके बाद उसकी बात को सुनकर जोरदार तालियां बजीं। मेहमानों ने लड़की की विकसित मानसिकता और हमारे समय की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक को हल करने में योगदान देने के लिए उसकी प्रशंसा की। इसके साथ ही अंजलि के पिता ने बेटी को एक खाली चेक दिया और उसे जो भी राशि पसंद हो उसे भरने के लिए कहा।
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बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया ये कदम
ऐसा माना जा रहा है कि राजश्थान की इस लड़की ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कदम उठाया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अंजलि ने शादी से पहले अपने पिता से बात की और उनसे कहा कि दहेज के लिए अलग रखा गया पैसा गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण में जाना चाहिए। उसकी इस अच्छी मांग पर पिता किशोर सिंह कनोद ने सहमति व्यक्त की और अपनी बेटी की इच्छा के अनुसार निर्माण के लिए 75 लाख रुपए कन्यादान के समय दान में दिए।(जानें एक ऐसे गांव के बारे में जहां नहीं है दहेज़ प्रथा )
वास्तव में राजस्थान की इस लड़की अंजलि के द्वारा उठाया गया ये कदम समाज के सामने एक बड़ा उदाहरण प्रस्तुत करता है और हमारे समाज को दहेज़ की प्रथा के लिए सजग भी करता है।
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Image Credit: freepik
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