मां बनने से ज्यादा खूबसूरत कोई अनुभव नहीं माना जाता है। लेकिन, मां बनना इतना आसान नहीं है, जितना फिल्मों और टीवी पर देखने को मिलता है। जी हां, मां बनने के बाद एक महिला का पूरा जीवन बदल जाता है। कहा जाता है कि मां बनने के बाद एक महिला का पुर्नजन्म होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चों के आने के बाद एक महिला अपनी पहले वाली जिंदगी नहीं जी पाती है। यह और भी मुश्किल हो जाता है, जब महिला वर्किंग होती है।
आज हम यहां एक ऐसी महिला की इंस्पिरेशनल स्टोरी लेकर आए हैं जिन्होंने प्रेग्नेंसी और जुड़वा बेटों के बाद अपने करियर पर भी फोकस किया और आज एक बड़ी कंपनी में CFO हैं। आइए, यहां जानते हैं कि किस तरह Pernod Ricard India की CFO ने प्रेग्नेंसी के बाद सक्सेस का आसमान छूआ और वह किस तरह सिंगल मदर होने के बावजूद अपने करियर के साथ फैमिली पर फोकस कर रही हैं।
प्रेग्नेंसी, जुड़वा बच्चों और पोस्टपार्टम के बाद किस तरह से काम किया मैनेज?
Pernod Ricard India की CFO ने हमें बातचीत में बताया कि किस तरह उन्होंने प्रेग्नेंसी के बाद करियर और बच्चों को संभाला और इस जर्नी में उनकी मां हर समय सपोर्ट में खड़ी रहीं। रिचा सिंह ने बताया कि जुड़वा बच्चों के बाद उन्हें उनकी मां से खूब सपोर्ट मिला। एक तरफ उनके दोनों बच्चे थे और एक तरफ इंडिया में उनकी जॉब थी, जिसकी वजह से वह एक साथ कई काम मैनेज कर रही थीं। लेकिन, जब उनके बच्चे 3 साल के हुए तब तक वह थक गई थीं और बच्चे भी साथ न खेलने की वजह से शिकायत करने लगे थे।
रिचा सिंह इस बात से परेशान हो गईं और उन्होंने फिर अपने करियर को एक तरफ करने का मुश्किल फैसला लिया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह मां का फर्ज निभाने में लग गईं। जब बच्चे 5 साल के हो गए तब वह काम पर लौटीं। रिचा सिंह का कहना है कि, तब तक उनका और बच्चों का रिश्ता मजबूत हो गया था और वह भी रिचार्ज हो गई थीं। बच्चे फुल टाइम स्कूल जाने लगे थे, तब उन्होंने फैसला किया कि वीकेंड बच्चों और मां के लिए होगा। ब्रेक के बाद वह पूरी तरह से गेम में लौट आई थीं।
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रिचा सिंह का मानना है कि प्रेग्नेंसी और मां बनने का समय ऐसा होता है जब हमें थोड़ा स्लो होने की जरूरत होती है। साथ ही समय जो जीना और महसूस करना होता है। काम पर तब लौटें जब आप और आपका बच्चा दोनों तैयार हों।
क्या सिंगल मां और वर्किंग महिला के तौर पर सोसाइटी की जजमेंट्स का सामना किया है?
रिचा सिंह का इसपर कहना था कि उन्होंने महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही अजीब तरह से रिस्पांस करते देखा है। रिचा सिंह ने एक किस्सा याद करते हुए बताया कि, एक बार एक महिला से उसके पति का नंबर मांगा था वह भी काम के लिए लेकिन, उसने देने से मना कर दिया और कहा कि जो भी बात करनी है उसी से करे। यह बहुत घटिया है, क्योंकि पुरुष और महिला, दोनों ही आपको कम आंकते हैं और काम की जगह पर भी भेदभाव होता है।
क्या आप अन्य सिंगल मदर्स को सलाह देना चाहेंगी जो प्रोफेशनल लाइफ पर फोकस करना चाहती हैं, लेकिन व्यक्तिगत जिम्मेदारियों की वजह से पीछे रह जाती हैं?
रिचा सिंह ने इस सवाल के जवाब में बताया कि सबसे पहले यह जान लें कि आप कर सकती हैं। लेकिन, आपको सब कुछ अकेले नहीं करना है। रिचा सिंह ने बताया कि, उन्होंने सबसे जरूरी बात मजबूत सपोर्ट सिस्टम बनाना सीखा है। यह आप नैनी, पैरेंट्स या विश्वसनीय क्रेच की मदद ले सकती हैं। साथ ही घर पर बच्चों के लिए सेफ जगह बनाएं जहां उन्हें केयर के साथ प्यार मिले। ऐसे में आप बिना गिल्ट के अपने काम पर ध्यान लगा पाएंगी।
वहीं, अगर ऐसा समय आए जहां आपको एक, दो या तीन साल की छुट्टी लेनी पड़े तो गर्व के साथ ब्रेक लें। लेकिन, जब आप काम पर लौटने का फैसला लें तो आप गेम में जीतने की लौटें। अपना बेस्ट दें और पूरी तरह से फोकस रहें।
रिचा सिंह ने बताया कि उन्होंने एक्स्ट्रा हेल्प ली है, इससे वह अपने बच्चों के साथ ज्यादा समय बिता पाती हैं। इतना ही नहीं वह बच्चों के साथ मूवी नाइट और छोटे ट्रैवल्स भी करती हैं।
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Image Credit: Richa Singh
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