कई बार हमारे सामने कुछ ऐसी महिलाएं आ जाती हैं जो न सिर्फ अपने आस-पास के लोगों के लिए बल्कि पूरे के पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत होती हैं। ये ऐसी महिलाएं हैं जो अपने साथ-साथ समाज के एक बड़े तब्के को आगे बढ़ना सिखाती हैं। भले ही वो कितना भी छोटा काम क्यों न हो, लेकिन वो अपने काम से लोगों को इंस्पायर जरूर करती हैं। 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस होता है और इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसी ही महिलाओं से मिलवाने जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज मिलते हैं अरुणाचल प्रदेश की मीना गुरंग से।
सोचिए! अगर आपको सड़क किनारे एक दीवार के पास लकड़ी की रैक में आपकी पसंदीदा किताब बिल्कुल फ्री में पढ़ने के लिए मिल जाए, तो आप क्या करेंगी? शायद आप कुछ देर वहीं रुक के उस किताब को ज़रुर पढ़ना चाहेंगी। अरुणाचल प्रदेश में आप कुछ इसी तरह से अपनी पसंदीदा किताब को पढ़ सकती हैं। पिछले कुछ दिनों से अरुणाचल प्रदेश की मीना गुरुंग इसी मामले को लेकर सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। उन्होंने सड़क के किनारे 'स्ट्रीट लाइब्रेरी' खोली है, जहां आम लोग बिना कोई कीमत दिए हुए अपनी पसंदीदा किताब को पढ़ सकते हैं। तो चलिए जानते है इस स्ट्रीट लाइब्रेरी के बारे में-
मीना गुरुंग एक सरकारी स्कूल टीचर हैं। अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में इनका घर है, और वो यहीं रहती हैं। घर के बगल में ही उन्होंने 'स्ट्रीट लाइब्रेरी' की शुरुआत की है। लाइब्रेरी के आसपास उन्होंने पाठकों के लिए बैठने का भी बखूबी इंतजाम भी किया है। पिछले कुछ दिनों में शायद आपने भी सोशल मीडिया पर मीना का नाम ज़रूर पढ़ा होगा। अरुणाचल से लेकर देश के कई अन्य राज्यों से पाठकों की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है इस स्ट्रीट लाइब्रेरी के लिए।
इस लाइब्रेरी को खुले हुए लगभग तीन से चार सप्ताह ही हुए हैं। कहा जा रहा है कि लाइब्रेरी में बिना किसी ताले की है, और ख़ुशी की बात ये हैं कि यहां से कोई भी किताबें चोरी नहीं होती है। आम लोग किताबे पढ़ते हैं और फिर पढ़ के आराम से लकड़ी के बने बॉक्स में रख देते हैं।(मिलिए ‘वायर वुमन’ से)
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मीना को कहां से मिली प्रेरणा
कहा जा रहा है कि मीना को स्ट्रीट लाइब्रेरी खोलने की प्रेरणा मिजोरम की 'मिनी वे साइड लाइब्रेरी' से मिली थी। दोस्त दीवांग होसाई के साथ मिलकर इस स्ट्रीट लायब्रेरी को शुरू करने का विचार आया।
इस लाइब्रेरी को खोलने में आम लोगों ने भी सहायता किया है। कहा जा रहा है कि इस लाइब्रेरी में किताबे पढ़ने के लिए सबसे अधिक महिलाएं और टीनएजर्स आ रहे हैं। खुले स्थान और शांत वातावरण में किताबे पढ़ना सब को भा रही है। ये भी कहा जा रहा है कि मीना बहुत जल्द ही अरुणाचल प्रदेश के बाकि हिस्सों में भी इसी तरह की लाइब्रेरी खोलने वाली हैं।(देश की पहली महिला एंबुलेंस ड्राइवर एम वीरलक्ष्मी)
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ऑस्ट्रेलिया में भी है कई स्ट्रीट लाइब्रेरी
हालांकि, मीना गुरुंग ने पहली दफा स्ट्रीट लाइब्रेरी नहीं खोली है। ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में भी जगह-जगह स्ट्रीट लाइब्रेरी नजर आ जाती हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ कई विदेशों में भी इस तरह के लाइब्रेरी पसंद किए जाते हैं।
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Image Credit:(@bhaskarassets.com,ujala.com)
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