हर कोई चाहता है कि वह जिस क्षेत्र से जुड़ा है, उस क्षेत्र में बड़ा नाम कमाए। मगर एक खिलाड़ी हमेशा पहले देश का नाम ऊंचा करने की सोचता है और फिर खुद के लिए नाम कमाना चाहता है। कुछ ऐसी ही सोच रखती हैं भारत की होनहार निशानेबाज अपूर्वी चंदेला।
अपूर्वी को अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका कई बार मिला है और हर बार अपूर्वी ने अपने देश का नाम रोशन करने की पुरजोर कोशिश की है और अपनी कोशिश में अधिकांश दफा वह सफल भी रही हैं।
जल्दी ही अपूर्वी की निशानेबाजी का हुनर टोक्यो ओलंपिक में भी देखने को मिलेगा। मगर उससे पहले हम आपको अपूर्वी के बारे में कुछ रोचक बातें बताएंगे, जिन्हें जान कर आप भी उन पर गर्व महसूस करेंगे।
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अपूर्वी का परिवार
अपूर्वी का जन्म 4 जनवरी 1993 में जयपुर में हुआ था। अपूर्वी के पिता कुलदीप सिंह चंदेला एक बिजनेसमैन हैं और उनका होटल भी है। वहीं पूर्वी की मां बिंदू राठौर एक हाउसवाइफ हैं, मगर एक लीडिंग मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार बिंदु ने देश के लिए नेशनल लेवल पर बास्केटबॉल खेला है। अपूर्वी की एक बड़ी बहन भी हैं, जिनका नाम तेजस्वी चंदेला है। तेजस्वी पेशे से शेफ हैं और उनका अपना बेकरी का बिजनेस भी है।
अपूर्वी की पढ़ाई लिखाई के बारे में जानें
एक राजपूत परिवार में जन्मी अपूर्वी के शौक बचपन से ही राजपूतों जैसे ही थे। वह हमेशा से लाइफ में कुछ ऐसा करना चाहती थीं, जिससे उन्हें और उनके परिवार को एक अलग पहचान मिले।
खेल-कूद में भी अपूर्वी बचपन से ही आगे थीं, मगर पढ़ाई लिखाई में भी अपूर्वी हमेशा ही अव्वल रहीं। अपूर्वी की शुरुआती शिक्षा जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल से हुई। इसके बाद अपूर्वी आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गईं और जीजस एंड मैरी कॉलेज में एडमिशन लेकर समाजशास्त्र में डिग्री हासिल की।
अपूर्वी को कैसे मिली निशानेबाज बनने की प्रेरणा
बचपन में अपूर्वी पत्रकार बनना चाहती थीं, मगर जब उन्होंने निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की उपलब्धियों को देखा तब उनका रुझान भी निशानेबाजी की ओर बढ़ गया। एक लीडिंग न्यूजपेपर को दिए पुराने इंटरव्यू में अपूर्वी ने बताया था, 'शूटिंग की ओर मेरे बढ़ते इंटरेस्ट को देखते हुए मेरे माता-पिता ने मुझे पूरा सपोर्ट किया और मुझे जयपुर में मौजूद शूटिंग रेंज ले गए। हां मैंने पिस्टल और राइफल दोनों से निशानेबाजी सीखी, मगर मैं ज्यादा अच्छा निशाना राइफल से लगा पाती थी।'
इतना ही नहीं, अपूर्वी ने स्पोर्ट्सकीड़ा डॉट कॉम को दिए पुराने इंटरव्यू में यह जानकारी भी दी थी कि उनके परदादा के चचेरे भाई भारतीय निशानेबाज करणी सिंह के कोच थे। अपूर्वी ने यह भी बताया , 'मेरे पिता भी शॉटगन में अपने हाथ आजमा चुके हैं, इसलिए यह कहना कि निशानेबाजी मेरे खून में है गलत नहीं होगा।'
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अपूर्वी के घर पर है शूटिंग रेंज
वर्ष 2008 की बात है, जब अपूर्वी ने निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक में जीत हासिल करते देखा और अपना आदर्श मान लिया। इसके बाद अपूर्वी ने निशानेबाजी में अपना करियर बनाने की ठान ली थी। मगर निशानेबाजी का अभ्यास करने के लिए अपूर्वी नियमित 45 मिनट तक ट्रैवल करके शूटिंग रेंज पहुंच पाती थीं। यह देखते हुए अपूर्वी के चाचा ने घर के पीछे ही उनके लिए 10 मीटर की राइफल शूटिंग रेंज बनवा दी थी।
Saddened to hear about the passing of our Former President Shri Pranab Mukherjee. A huge loss for the nation, my deepest condolences with his loved ones. Had the honour of receiving Arjuna Award from him and will cherish meeting him always. May his soul rest in peace 🙏🏻 pic.twitter.com/QLybuWp0y4
— Apurvi Chandela (@apurvichandela) August 31, 2020
अपूर्वी की उपलब्धियां
अपूर्वी ने शूटिंग में अभ्यास शुरू किया और छोटी-छोटी शूटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने लगीं। मगर अपूर्वी की प्रतिभा वर्ष 2011 में सभी के सामने तब उभर कर आई, जब उन्होंने जूनियर स्तर पर एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में 391 पॉइंट्स स्कोर कर 9वां स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद तो अपूर्वी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और एक के बाद एक उपलब्धियां प्राप्त करती चली गईं। चलिए हम आपको उनकी 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कुछ बड़ी उपलब्धियों के बारे में बाते हैं-
- वर्ष 2012 में मात्र 19 वर्ष की उम्र में अपूर्वी ने सीनियर नेशनल चैम्पियनशिप में महाराष्ट्र की निशानेबाज पूजा घाटकर को 0.2 पॉइंट्स से हरा कर गोल्ड मेडल जीता था।
- वर्ष 2014 में 37वें इंटर-शूट चैम्पियनशिप में उन्होंने 4 मेडल जीते थे, जिनमें से एक गोल्ड मेडल था। इसी वर्ष अपूर्वी ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 206.7 पॉइंट्स स्कोर किए थे।
- वर्ष 2016 में अपूर्वी को अपनी उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 2019 में हुए आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में अपूर्वी ने 252.9 पॉइंट्स स्कोर किए थे। इस इवेंट में उन्होंने 2 गोल्ड मेडल जीत कर खुद को वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर-1 पर पहुंचा दिया था।
- वर्ष 2020 में अपूर्वी का नाम 'राजीव गांधी खेल रत्न' के लिए भी नॉमिनेट हुआ था।
उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक में 24 जुलाई को होने वाले निशानेबाजी के खेल में भी अपूर्वी बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन करेंगी।
निशानेबाज अपूर्वी चंदेला से जुड़ी यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो, तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह टोक्यो ओलंपिक 2021 में हिस्सा लेने वाली अन्य महिला खिलाड़ियों के बारे में जानने के लिए पढ़ती रहें हरजिंदगी।
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