20 साल पहले शहीद हुए थे मेजर पिता, अब वही वर्दी पहन बेटी ने जॉइन की भारतीय सेना

साल 2003 में श्रीनगर में एक आतंकवाद विरोधी अभियान में मेजर नवनीत वत्स शहीद हो गए थे। उस समय उनकी बेटी सिर्फ 3 साल की थी। अब, बेटी इनायत वत्स ने भारतीय सेना जॉइन कर ली है।

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साल 2003 में श्रीनगर के एक आतंकवाद विरोधी अभियान में मेजर नवनीत वत्स देश के लिए शहीद हो गए थे। उस समय उनकी बेटी इनायत वत्स सिर्फ 3 साल की ही थी, जब उसने अपने पिता को खो दिया था। अब 20 साल बाद मेजर की बेटी भारतीय सेना में शामिल हो गई हैं। बीते दिन शनिवार को जब वह इंडियन आर्मी जॉइन कर रही थीं, तो दिल छू लेने वाली तस्वीरें सामने आई हैं।

जानकारी के लिए बता दें, इनायत वत्स ने चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण लीं। इसके बाद, उन्हें मिलिट्री इंटेलिजेंस क्रॉप्स में लेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्त किया गया। बिटिया लेफ्टिनेंट ने पासिंग आउट परेड में वही ऑलिव ग्रीन कलर की वर्दी पहनी थी, जो कभी उनके पिता पहना करते थे।

भारतीय सेना ने कहा- सेना की बेटी

भारतीय सेना की ओर से ट्विटर पर एक पोस्ट कर लिखा कि सेना की बेटी लेफ्टिनेंट इनायत वत्स आपका स्वागत है। इस तस्वीर में इनायत वत्स की मां शिवानी वत्स भी उनके साथ नजर आईं। उनके पिता यानी मेजर नवनीत वत्स चंडीगढ़ के रहने वाले थे। उस समय उन्हें तीन गोरखा राइफल्स रेजिमेंट की चौथी बटालियन में नियुक्त किया गया था।

साल 2003 में शहीद हुए थे पिता

नवंबर 2003 में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादियों के हमले में मेजर नवनीत वत्स ने देश के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी थी। उनकी बहादुरी और इतने बड़े बलिदान के लिए मेजर को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार 'सेना पदक' भी दिया गया था।

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इनायत वत्स का लेफ्टिनेंट बनने का सफर

Inayat vats success story

पंचकूला की रहने वाली इनायत वत्स इकलौती संतान हैं और उन्होंने महज 3 साल की उम्र में ही पिता को खो दिया था। हालांकि, इतनी कम उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद भी इनायत ने कभी हार नहीं मानी। दिल्ली से ग्रेजुएट होने के बाद बेटी ने पिता के राह पर चलने का फैसला लिया। आखिरकार, इनायत ने भारतीय सेना जॉइन कर लेफ्टिनेंट बन ही गईं। बता दें, इनायत सेना में अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। पिता से पहले उनके नाना भी आर्मी में कर्नल रैंक पर थे।

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