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success story of ias officer sreedhanya suresh in hindi

जानिए कैसे आईएएस अफसर श्रीधन्या सुरेश ने क्रैक किया यूपीएससी एग्जाम, आप भी लीजिए इंस्पिरेशन

आज हम आपको बताएंगे कि कैसे केरल के वायनाड जिले की रहने वाली श्रीधन्या ने यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया था और समाज में अपनी अलग पहचान बनाई।&nbsp; <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-04-22, 09:00 IST

केरल के वायनाड जिले के आदिवासी गांव की रहने वाली श्रीधन्या सुरेश ने बचपन से ही बड़े सपने देखे थे, लेकिन उनके परिवार की आर्थिक स्थिति एक बड़ी चुनौती थी। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आईएएस अफसर श्रीधन्या सुरेश ने यूपीएससी एग्जाम को क्रैक करके सभी के सामने मिसाल पेश की है।

कहां से पूरी की पढ़ाई?

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माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे जो स्थानीय बाजार में जाकर कड़ी मेहनत करते थे। अपने बचपन में श्रीधन्या के पास पढ़ाई-लिखाई की अधिक सुविधाएं तक नहीं थी, लेकिन उन्होंने वायनाड से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और इसके बाद उन्होंने कालीकट में सेंट जोसेफ कॉलेज से जूलॉजी में अपनी हायर स्टडीज पूरी की।

इसके अलावा, उन्होंने कालीकट विश्वविद्यालय से एप्लाइड जूलॉजी में पीजी किया। (IAS अफसर सर्जना यादव ने नौकरी के साथ ऐसे की यूपीएससी की तैयारी, आप भी लीजिए इंस्पिरेशन)उन्होंने एक आदिवासी स्टूडेंट्स के हॉस्टल वार्डन के रूप में भी काम किया था और वहां पर तत्कालीन कलेक्टर श्रीराम राव ने उन्हें एग्जाम क्लियर करने के लिए प्रोत्साहित किया था और इसके बाद ही श्रीधन्या ने यूपीएससी परीक्षा में जाने का फैसला किया।

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कैसे किया यूपीएससी एग्जाम क्रैक?

श्रीधन्या सुरेश ने अपने तीसरे अटेंप्ट में ऑल इंडिया रैंक 410 के साथ सीएसई 2018 में सफलता हासिल की थी। यूपीएससी एग्जाम को क्रैक करने के लिए उन्होंने अपनी पढ़ाई पर अधिक जोर दिया और अपने माता-पिता के सपोर्ट के साथ वह एग्जाम को क्रैक करने में सफल हो पाई। आपको बता दें कि श्रीधन्या ने मेन्स क्लियर करने के बाद भी मुश्किलों का सामना किया।

उनके पास दिल्ली में अपने इंटरव्यू के लिए जाने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन उसके दोस्त उसका समर्थन करने आए और इंटरव्यू क्रैक करने के लिए उनका साथ दिया। जानिए कौन हैं आईएएस दीपक रावत जिनके यूट्यूब पर हैं 4 मिलियन सब्सक्राइबर)श्रीधन्या सुरेश ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि मैं राज्य के सबसे पिछड़े जिले से हूं। यहां से कोई आदिवासी आईएएस अधिकारी नहीं है, जबकि यहां पर बहुत बड़ी जनजातीय आबादी है। मुझे आशा है कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए सभी बाधाओं को दूर करने में एक प्रेरणा का काम करेगी।

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केरल की पहली आदिवासी महिला आईएएस अधिकारी बनकर श्रीधन्या ने अपने माता-पिता का नाम रोशन करने के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया है। श्रीधन्या सुरेश हमारे देश की सभी महिलाओं के लिए इंस्पिरेशन हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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