HZ Exclusive: सफल एंटरप्रेन्योर बनने के लिए कठिन फैसले लेने से नहीं घबराई 'ट्रिपगो' की सीईओ देवांशी त्रिपाठी

आज हम आपको ऐसी कहानी बताएंगे जिससे आप सफल एंटरप्रेन्योर बनने की इंस्पिरेशन ले सकती हैं और अपने सपनों को उड़ान दे सकती हैं। 

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ऐसे कई सेक्टर आज भी हैं जिसमें पुरुषों का दबदबा बना हुआ है लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो बिना किसी डर के अपना रास्ता खुद तय करती हैं और दूसरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। ऐसी ही एक महिला हैं TripGo Hospitality की फाउंडर और सीईओ देवांशी त्रिपाठी। सिर्फ यही नहीं देवांशी ऑयस्टर बार और किचन की ओनर भी हैं।

देवांशी उन लोगों में से हैं जिन्होंने अपने पैशन को सबके सामने रखा और कठिन फैसले लेने से घबराई भी नहीं फिर चाहें उनके सामने कितनी भी बड़ी चुनौतियां क्यों न आई हो। उनकी सफल एंटरप्रेन्योर बनने की कहानी को जानने के लिए हरजिंदगी हिंदी ने बात की ऑयस्टर एंड बार की ओनर और 'ट्रिपगो' की सीईओ देवांशी त्रिपाठी से।

स्कूलिंग से लेकर एंटरप्रेन्योर बनने का सफर आपके लिए कैसा रहा?

'मैंने अपनी पढ़ाई लखनऊ के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की है। इसके बाद मैंने अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया था और उसके बाद आनंद संस्थान से एमबीए रूरल मैनेजमेंट से किया था। जब मैंने एंटरप्रेन्योर बनने का फैसला लिया तब मेरे परिवार वालों ने तो तुरंत नहीं सपोर्ट किया क्योंकि मैं अपनी जॉब को छोड़कर कुछ नया करना चाहती थी। लेकिन कुछ समय बाद मेरे परिवार वालों से मुझे काफी ज्यादा सपोर्ट मिला।'

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में आपकी शुरुआत कैसे हुई?

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'एक सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बनना हमेशा से मेरा एक सपना रहा है, लेकिन कैसे और कहां से शुरू करें इस बारे में पता होना बेहद जरूरी होता है। मैंने विभिन्न स्टार्टअप्स और विकास संगठनों के साथ काम करके अपना करियर शुरू किया था। मेरी एंटरप्रेन्योर बनने की यात्रा साल 2019 में शुरू हुई थी जब मैंने बैंगलोर में ऑयस्टर बार एंड किचन को लॉन्च किया।'

'मेरी फैमली में हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ कोई भी व्यक्ति नहीं था। बेंगलुरु की अविश्वसनीय पब कलचर ने मुझे एफ एंड बी क्षेत्र में बिजनेस शुरू करने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में मुझे कई सारी चीजों को समझना पड़ा जैसे रेस्तरां प्रबंधन तकनीकों की बेहतर समझ हासिल करना और उसे अप्लाई करना आदि।'(दीपिका पादुकोण जल्द करेंगी अपना लाइफस्टाइल ब्रैंड लॉन्च, उनके जैसी अन्य Entrepreneur से मिलिए!)

'मुझे अपने व्यवसाय के लिए लाइसेंस को हासिल करने में भी बहुत प्रयास करना पड़ा था लेकिन ऑयस्टर को स्थापित करने और बनाए रखने के लिए किए मेरे किए गए हर प्रयास ने समय के साथ एक सफल एंटरप्रेन्योर बनने में मेरी वृद्धि भी हुई।'

पुरुष प्रधान क्षेत्र में एंटरप्रेन्योर बनने में आपको सबसे ज्यादा मुश्किलें किस जगह महसूस हुई?

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'अगर कोई महिला किसी पुरुष प्रधान क्षेत्र जैसे हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योर बनने का ख्वाब देखती हैं तो उसे सबसे पहले अपने अंदर यह विश्वास रखना होगा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए मेहनत भी पूरी करनी होगी। फिर चाहे वह पुरुष प्रधान क्षेत्र हो या फिर महिला प्रधान क्षेत्र क्यों ना हो।'

'आपको ये सीखने में बहुत समय लग सकता है कि किस तरह की प्रॉब्लम पहले सॉल्व करनी है। अगर आपको लगता है कि कोई समस्या सही नहीं है तो उसे हल करने के लिए भी आपको पहले ही काम करना होगा। आपको किसी भी क्षेत्र में एंटरप्रेन्योर बनने से पहले ही उसके बारे में पूरी जानकारी को हासिल करना होगा क्योंकि तभी आप प्रॉब्लम का हल निकाल सकते हैं।'

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कोविड के समय किस तरह से आपने इस काम को संभाला?

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'अगर सही तरह बिजनेस को संभाला जाए तो यह करना बहुत मुश्किल साबित नहीं होगा। हमने कोविड के समय भी अपनी हिम्मत को नहीं छोड़ा। कोविड के समय रेस्तरां पूरी तरह से बंद हो गए थे। ऐसे में हमने यह सुनिश्चित किया कि हमारी लोकप्रियता कम ना हो और रेस्तरां के रखरखाव को नियमित रूप से हमने सही रखने की पूरी कोशिश की।'

'इसके अलावा हमने कोस्ट कटिंग भी काफी हद तक की और अपने रेंट को भी अनुकूल रखा। वैसे तो दूर से यह बिजनेस सभी को बहुत आकर्षित लगता है लेकिन असल में इस क्षेत्र में भी उतनी ही मेहनत है जितनी दूसरी क्षेत्रों में होती है।'

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अगर कोई महिला खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहे तो उसे शुरुआत किस लेवल पर क्या करना चाहिए?

'किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसके हर एक एंगल को जानना बेहद अहम होता है क्योंकि इसमें फेल होने का रिस्क भी अधिक होता है। आपको ये ध्यान रखना है कि आपको अपने फाइनेंस को ध्यान में रखना है और इंवेस्टमेंट के लिए पहले से ही विचार करके रखना होगा। इसके अलावा आपको बिजनेस को शुरू करने में उतनी ही मेहनत करनी होगी जितनी आप आगे आने वाले सालों में अपने बिजनेस को सक्सेसफुल बनाने के लिए करेंगी।'

यंग एंटरप्रेन्योर बनने का सपना देखने वाली लड़कियों के लिए आप क्या संदेश देना चाहेंगी?

यंग एंटरप्रेन्योर को मेरी सलाह है कि बदलाव के लिए खुले रहें और सलाह भी जरूर लें, खासकर उद्योग के उन पेशेवरों से जिनकी गलतियों को आप दोहराने के बजाय उनसे सीख सकती हैं।(जानें 2 ऐसी बहनों के बारे में जिनके आइडिया ने जीता शार्क टैंक के जजेस का दिल) दूसरा, यह समझें कि लोगों को क्या चाहिए और उन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए तैयार रहें। अंत में, ध्यान रखें कि बहुत कम स्टार्टअप सफल होते हैं, इसलिए एक बार में एक कदम उठाएं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी मेहनत करें और घबराने की जगह चुनौतियों का सामना करें।

क्या ऐसी कोई बात है जो आप हमारे रीडर्स से शेयर करना चाहें?

'मैं ये जरूर कहना चाहूंगी कि भले ही काम करने का प्रेशर न हो, लेकिन महिलाओं को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट जरूर होना चाहिए। इससे उन्हें आगे बढ़ने में प्रेरणा हासिल होती है। आपको अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए सिर्फ सपना नहीं देखना है बल्कि उसे पूरा करने के लिए दिल से मेहनत भी करनी होगी फिर चाहे कोई उस वक्त आपका साथ दें या ना दें।

देवांशी आज हर उस महिला के लिए इंस्पिरेशन है जो अपने कदम कभी पीछे नहीं रखती। ध्यान रखें अगर आप अपने मन में कुछ भी ठान लें तो आप उस काम को पूरा कर सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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