Hz Exclusive: जानिए कैसे समीक्षा दिनेश कापकर ने सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बनने का सफर किया तय

आज हम आपको ऐसी कहानी बताएंगे जिससे आप सफल एंटरप्रेन्योर बनने की इंस्पिरेशन ले सकती हैं और अपने सपनों को भी उड़ान दे सकती हैं। चलिए जानते हैं एंटरप्रेन्योर समीक्षा दिनेश कापकर के बारे में।

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हमारे देश में ऐसे कई क्षेत्र आज भी हैं जहां कई महिलाओं को आज भी घर से बाहर जाकर काम करने की अनुमति नहीं मिलती है। लेकिन कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जो बिना किसी डर के अपना रास्ता खुद तय करती हैं और दूसरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

ऐसी ही एक महिला हैं समीक्षा दिनेश कापकर जिन्होंने कई सारी परेशानियों का सामना किया लेकिन फिर भी वह सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बनीं और देश की सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा के रूप में उभर कर सामने आई हैं।सफल एंटरप्रेन्योर बनने की कहानी को जानने के लिए हरजिंदगी हिंदी ने बात की समीक्षा दिनेश कापकर से जो जूट बैग का बिजनेस करती हैं।

कैसे हुई एंटरप्रेन्योर बनने की शुरुआत?

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समीक्षा दिनेश कापकर महाराष्ट्र के संभाजी नगर की रहने वाली हैं। कोविड-19 के दौरान अपने पति की नौकरी खो दिया था। घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए उन्होंने जन शिक्षण संस्थान से जूट बैग बनाने का कोर्स किया और आज वह एक सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर बन चुकी हैं।

उन्होंने ना सिर्फ अपने बिजनेस को शुरू किया बल्कि अन्य लोगों को भी इस बिजनेस से जोड़कर उन्हें रोजगार दे रही हैं। आपको बता दें कि जन शिक्षण संस्थान की योजना को साल 2018 में Ministry of Education के द्वारा शुरू किया गया था और बाद में यह Ministry of skill development and entrepreneurship को ट्रांसफर किया गया।

जूट बैग मेकिंग के कोर्स से आपने क्या-क्यासीखा?

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'जूट बैग लंबे समय तक चलने वाले होते हैं और कम या भारी सामान ले जाने के लिए उत्तम होता है। साथ ही इसे कई उद्देश्यों के लिए रोजाना यूज किया जा सकता है। जब मैंने इस कोर्स को ज्वाइन किया तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला और इसकी बनावट के बारे में भी मुझे पता चला। इसके ट्रांसपोर्टेशन में मुझे बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता था क्योंकि हमारे संभाजी नगर क्षेत्र में इससे जुड़े हुए लोग बहुत कम है और हमें जूट को कोलकाता से मंगवाना पड़ता था जिसके कारण कोस्ट भी अधिक लगता था। फिर भी मैंने हार नहीं मानी और अपने काम को करने की पूरी कोशिश की।'

बिजनेस को शुरू करते समय आपको फैमिली से कितना सपोर्ट मिला?

'मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं खुद का बिजनेस शुरू करूंगी लेकिन जब मैंने अपना बिजनेस शुरू किया तो मेरी फैमिली में मेरे दोनों बच्चों ने मेरा बहुत सपोर्ट किया था। उन्होंने ही मुझे बताया कि मैं कैसे वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करके अपने बैग्स को बेचना शुरू कर सकती हूं।(Hz Exclusive : फेमिना मिस इंडिया 2016 सुश्रुति कृष्णा ऐसे बनीं सक्सेसफुल वीमन एंटरप्रेन्योर) इसके अलावा मुझे परिवार के अन्य लोगों ने भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया लेकिन मैंने अपना काम जब शुरू किया था तो हमारे कॉलोनी के लोगों के कारण हमें बहुत परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था।'

जो महिलाएं जूट बैग का बिजनेस शुरू करना चाहती हैं उन्हें कैसे अपनी शुरुआत करनी चाहिए?

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'सबसे पहले तो उन्हें मशीन की वर्किंग को समझना चाहिए और जूट के बारे में भी पढ़ना चाहिए। इसके साथ-साथ यह जरूरी है कि आप बिजनेस शुरू करने के बाद मार्केटिंग पर भी ध्यान दें क्योंकि अगर मार्किंग बेहतर होगी तो बिजनेस सही से आगे बढ़ पाता है। हमारे पास ज्यादा से ज्यादा 700 से 800 ऑर्डर आते हैं और उनमें से कुछ कस्टमाइज बैग भी होते हैं जिन्हें बनाते वक्त अधिक ध्यान रखना जरूरी होता है।' आपको बता दें कि समीक्षा ने जब यह बिजनेस शुरू करने की सोची तो उनके पास बहुत अधिक सेविंग्स नहीं थी इस कारण से उन्होंने लोन भी लिया और अपने बिजनेस को शुरू किया। समीक्षा ने हमें यह भी बताया कि 'अगर कोई महिला अपना बिजनेस शुरू करना चाहें तो उसके लिए किसी के सपोर्ट की जरूरत नहीं होती है क्योंकि महिलाएं खुद इतनी सक्षम होती हैं कि वह अपने आप कार्य को सही से कर पाएं और आगे अपना रास्ता बना पाएं।'

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किन परेशानियों का आपको सामना करना पड़ा?

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'मैंने जूट बैग बनाने का बिजनेस अपने घर से ही शुरू किया था। जूट बैग बनाने के लिए मशीनों का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण आवाज भी अधिक होती है इस कारण से सोसाइटी और अपार्टमेंट में रह रहे लोगों ने हमें काम करने से रोकने की कई प्रकार से कोशिश की थी। सिर्फ यही नहीं उन्होंने कई गलत आरोप भी हमारे यहां काम कर रहे लोगों पर लगाए लेकिन इन सभी को पीछे छोड़कर और परेशानियों को मुंहतोड़ जवाब देकर मैंने अपने बिजनेस को ग्रो किया।'

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आप हमारे देश की महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?

'मेरी सलाह है कि बदलाव के लिए खुले रहें और सलाह भी जरूर लें और खुद पर विश्वास जरूर रखें। हमारे समाज में कई लोग अभी भी यह सोच रखते हैं कि महिलाओं को आगे बढ़ने का अधिकार नहीं होना चाहिए और बिजनेस की जगह उन्हें अपने घर को संभालना चाहिए।(टेक्नोलॉजी और इंटरनेट की दुनिया में पुरुषों को मात दे रहीं है ये 5 महिलाएं) पर मैं ये मानती हूं कि अगर आप कोई बिजनेस या कोई भी कार्य करना चाहती हैं तो लोगों की बातों को नजरअंदाज करके आगे बढ़ें और अपने लिए खुद एक नई राह बनाएं। आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बहुत कम स्टार्टअप सफल होते हैं, इसलिए अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी मेहनत करें और घबराने की जगह चुनौतियों का सामना करें।'

क्या ऐसी कोई बात है जो आप हमारे रीडर्स से शेयर करना चाहें?

'मैं ये जरूर कहना चाहूंगी कि हर महिलाओं को फाइनेंशियल इंडिपेंडेंट जरूर होना चाहिए। इससे उन्हें आगे बढ़ने में प्रेरणा हासिल होती है। आपको अपने ख्वाब को पूरा करने के लिए सिर्फ सपना नहीं देखना है बल्कि उसे पूरा करने के लिए दिल से मेहनत भी करनी होगी फिर चाहे कोई उस वक्त आपका साथ दें या ना दें।

समीक्षा दिनेश कापकर आज हर उस महिला के लिए इंस्पिरेशन है जो अपने कदम कभी पीछे नहीं रखती। ध्यान रखें अगर आप अपने मन में कुछ भी ठान लें तो आप उस काम को पूरा कर सकती हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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