POSITIVE INDIA: 74 वर्ष की निर्मला गोखले अनोखे अंदाज में सिखा रही हैं लोगों को ट्रैफिक रूल्‍स

HerZindagi और JNM की #PositiveIndia मुहीम में हम आपकी भेंट कराएंगे एक ऐसी महिला से जो एक वायरल वीडियो के बाद देश की महिलाओं के लिए बन गई मिसाल। 

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अपने सोशल नेटवर्क या पब्लिक प्‍लेस में जब हम कोई कमी देखते हैं तो एकाएक हम यही सोचने लग जाते हैं कि 'पता नहीं कब लोग सुधरेंगे' मगर अब वक्‍त आ गया है पहले खुद को सुधारने का फिर दूसरों को भी सही दिशा दिखाने का। पूरा विश्‍व इस वक्‍त कोरोना जैसे गंभीर वायरस की चपेट में हैं। इस महामारी को लेकर लोगों के बीच बहुत सारी चिंताएं हैं। बहुत सारी नेगेटिव खबरें भी परेशानी का सबब बन चुकी हैं। ऐसे में HerZindagi और JNM ने नेगेटिव माहोल को पॉजिटिव बनाने के लिए #PositiveIndia मुहीम छेड़ी है। इस मुहीम के तहत हम आपको ऐसी कहानियों और लोगों से रू-ब-रू कराएंगे जिनकी पॉजिटिव सोच और सकारात्‍मक काम आपको एक नई उम्‍मीद और ऊर्जा से भर देंगे।

पुणे शहर की निर्मला गोखले की कहानी भी ऐसी ही है। निर्मला 74 वर्ष की एक वृद्ध महिला हैं मगर, उनके हौसले किसी नौजवान महिला जैसे ही हैं। सीनियर सिटिजन होने के बाद भी निर्मला गोखले किस तरह खुद भी अनुशासन में रहती हैं और दूसरों को भी इसका पाठ पढ़ाती हैं। यह जान कर आप बहुत पॉजिटिव फील करेंगे।

रिटायर्ड टीचर होने के साथ-साथ निर्मला गोखले एक गृहणी भी है। पुणे में वह अपने भरेपूरे परिवार के साथ रहती हैं। घर के रोजमर्रा के कामकाज के साथ ही निर्मला अपनी सेहत का भी बहुत ध्‍यान रखती हैं और रोजाना वॉक पर जाना नहीं भूलती हैं। 20 फरवरी 2020 भी एक आम सा दिन था निर्मला के लिए वह अपने रूटीन के मुताबिक शाम को वॉक करने गई हुई थीं। घर वापिस लौटते वक्‍त वह फुटपाथ से गुजर रही थी। सड़क पर उस दिन रोज के मुकाबले अधिक जाम था। फुटपाथ पर कुछ दूर चलने के बाद उन्‍होंने देखा कि कुछ बाइकर्स फुटपाथ पर ही चढ़ गए हैं। यह देखते ही निर्मला को गुस्‍सा आया और उन्‍होंने बाइकर्स को सबक सिखाने के लिए जो काम किया वह आज पूरे देश में वायरल हो रहा है। हमने निर्मला गोखले से खास बातचीत में उनके वायरल वीडियो से जुड़े कुछ सवाल पूछे जिनका हमें निर्मला गोखले ने बेहद रोचक जवाब दिया।

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सिग्‍नल पर ट्रैफिक जाम के दौरान कितनी बार आपने देखा होगा कि बाइकर्स जल्‍दबाजी में बाइक फुटपाथ पर ले आते हैं, जिससे पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह ही नहीं बचती। कुछ ऐसा ही अनुभव निर्मला गोखले को हुआ जब वह 20 फरवरी 2020 को वॉक करके अपने घर लौट रही थीं। मगर, निर्मला उन लोगों में से नहीं हैं जो गलत के साथ भी समझौता कर लेते हैं। बल्कि निर्मला ने उन बाइकर्स को ऐसा सबक सिखाया कि वह हमेशा याद रखेंगे। निर्मला बताती हैं, 'फुटपाथ गाड़ी चलाने के लिए नहीं होती है तब भी लोग उस पर बाइक लेकर आ जाते हैं। इससे फुटपाथ पर चल रहे लोगों का एक्‍सीडेंट हो सकता है। मेरे साथ जब उस दिन ऐसा हुआ तो मुझे गुस्‍सा आया और मैंने उन बाइकर्स को बोला या तो नीचे उतरो या फिर मेरे उपर से ही बाइक निकाल दो। तब उन्‍हें यह बात समझ आई और वह फुटपाथ से नीचे उतर गए।' अपनी डिसेबिलिटी से आगे बढ़कर देविका मलिक कैसे लाईं दिव्यांगों के जीवन में खुशियां, जानिए

निर्मला गोखले का जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें साफ देखा जा सकता है कि वह कैसे डांट कर फुटपाथ पर चढ़े बाइकर्स को सबक सिखा रही हैं। बेस्‍ट बात तो यह है कि एक सीनियर सिटिजन महिला को ऐसा करते देख लोग उनकी बात भी सुन रहे हैं। निर्मला को कैसे लगा कि उन्‍हें यह काम करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, ' मैं देखती हूं आजकल के युवाओं को बहुत जल्‍दी रहती है। वह ट्रैफिक सिगनल होने पर भी अपनी गाड़ी निकाल लेते हैं। फिर एक्‍सीडेंट्स होते हैं। इसमें पुलिस की क्‍या गलती है। अगर हम ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे तो इसमें हमार ही फायदा है और पुलिस का काम भी आसान हो जाएगा वह दूसरी जरूरी चीजों पर ध्‍यान दे पाएगी।'वो महिलाएं जो इस साल बनीं हमारी प्रेरणा

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आपको बता दें कि निर्मला गोखले का यह वीडियो जब वायरल हुआ तो सोशल मीडिया पर उनकी तारीफों के लोगों ने पुल बांध दिए। यहां तक की पुणे पुलिस ने भी निर्मला गोखले को इस कार्य के लिए धन्‍यवाद दिया है।

वक्‍त बेशक बदल चुका हो मगर, आज भी समाज महिलाओं की तुलना पुरुषों से करने में हिचकता है। वह महिलाओं को पुरुषों से कम ही आंकता है और खासतौर पर जब बात पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में महिलाओं के आगे आने की हो। निर्मला इस संदर्भ में कहती हैं, 'आज की महिलाएं सश्‍क्‍त हैं। उन्‍हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। जो सही है उसका साथ जरूर दें और लोगों के लिए प्रेरणा बनें।' निर्मला के इस अच्‍छे काम में उनके पति और बेटे भी उनके साथ हैं। वह कहती हैं, 'अनुशासन के साथ जीवन जीनें में ही आनंद है।'सादगी और आत्मविश्वास की जीती-जागती मिसाल हैं सुधा मूर्ति

देश की महिलाओं के लिए निर्मला गोखले से अच्‍छी मिसाल क्‍या हो सकती है। आपका एक छोटा सा कदम दुनिया को बदल सकता है। उम्‍मीद है, देश में हमें जल्‍द ही और निर्मला गोखले जैसी प्रेरणादायक महिलाएं नजर आएंगी।

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