herzindagi
image

सुबह के वक्त ही क्यों हार्ट अटैक होता है? जानें

आजकल हार्ट अटैक के मामले काफी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। सबसे ज्यादा अटैक सुबह के वक्त आता है। आइए जानते हैं, ऐसा क्यों होता है।
Editorial
Updated:- 2025-06-03, 17:24 IST

हार्ट अटैक के मामले इन दिनों तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं अक्सर हार्ट अटैक के मामले सुबह के वक्त ही देखने को मिलते हैं। अब सवाल है कि आखिर दिल का दौरा सुबह के समय ही ज्यादा क्यों पड़ता है। यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की Dr Himanshu Gupta, Consultant - Cardiology, Manipal Hospital, Jaipur इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

सुबह के वक्त ही क्यों होता है हार्ट अटैक?

heart attack early morning

एक्सपर्ट बताते हैं कि यह कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इसके पीछे हमारे शरीर की आंतरिक लय, हार्मोनल बदलाव और शारीरिक परिवर्तनों का एक जटिल मेल है, जो हमें इस दौरान अधिक संवेदनशील बनाता है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 25 फीसदी से अधिक हार्ट अटैक सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीज होते हैं, जिनमें अधिकांश मौतें देर से पता चलने और इलाज में देरी के कारण होती है। गतिहीन जीवनशैली, खराब खान-पान की आदतें, अत्यधिक तनाव और आनुवंशिक प्रवृत्ति बढ़ते मामलों में इजाफा कर रही हैं। ऐसे में यह समझना और भी जरूरी हो गया है कि हार्ट अटैक कब और क्यों होते हैं और हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं।

हार्मोनल बदलाव, जैसे ही कोई व्यक्ति जागता है, शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे रसायनों का उत्पादन बढ़ जाता है। ये हार्मोन हमें जागने और सक्रिय करने के लिए जरूरी होते हैं, लेकिन ये दिल की गति और रक्तचाप, दोनों बढ़ा देते हैं।पहले से ही दिल से संबंधित समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए हाई बीपी और हार्ट बीट में अचानक बढ़ोतरी दिल पर दबाव डाल सकती है और ऑक्सीजन की मांग बढ़ सकती है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।

यही भी पढ़ें-इंसुलिन रेजिस्टेंस के चलते क्यों बढ़ता है मोटापा ? जानें

heart-attack-

सुबह के शुरुआती कुछ घंटों में रक्त के थक्के बनने की संभावना अधिक होती है। प्लेटलेट्स, जो रक्त का थक्का बनाने में मदद करते हैं, सुबह के समय अधिक चिपचिपे हो जाते हैं, जिससे रक्त के थक्के बनने और कोरोनरी धमनी को अवरुद्ध करने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे भी दिल का दौरा पड़ता है।

रात पर हम पानी नहीं पीते हैं, निर्जलीकरण रक्त को गाढ़ा कर देता है और थक्का बनने के जोखिम को बढ़ाता है। गाढ़ा रक्त पंप करना अधिक कठिन हो जाता है, जिससे उसपर तनाव पड़ता है।

यही भी पढ़ें- आयरन का इंजेक्शन कब लगाने की जरूरत पड़ती है?

अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है,तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है,तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हर जिंदगी से।

Image Credit:Freepik

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।