पसीना आना आम बात है। अब गर्मियों तो पसीना बहुत ज्यादा आता है। हां, कुछ लोगों को ज्यादा पसीना आता है और कुछ को कम होता है। मगर आपने नोटिस किया होगा कि कभी-कभी नींद में भी आपको पसीना आता है।
अगर आपको रात में पसीना आता है, तो आप शायद सुबह पसीने से भीगे हुए होंगे। यह रात को गर्मी लगने के कारण हो सकता है, मगर कुछ लोगों को 12 महीने इसका अहसास होता है। आपको बता दें कि सोते समय आपके शरीर के तापमान में बदलाव आना सामान्य है और कभी-कभी इससे पसीना आ सकता है। रात में पसीना आने की स्थिति को हाइपरहाइड्रोसिस कहते हैं। ऐसा क्यों होता है और आप इसे कम कैसे कर सकते हैं, आइए इस आर्टिकल में जानें।
नाइट स्वेट के कारण-
बुखार आने के कारण
इसे कारण भी रात में पसीना आता है। बुखार शरीर का 100.4 डिग्री फेरेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) या उससे ज़्यादा का बढ़ा हुआ तापमान होता है। लगभग किसी भी तरह के बुखार से अत्यधिक पसीना आ सकता है। संक्रमण के कारण अक्सर शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
मधुमेह के कारण
टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में पसीना कम ब्लड शुगर से ट्रिगर हो सकता है, यह नर्वस सिस्टम को सक्रिय करता है और पसीने में वृद्धि जैसे लक्षण पैदा करता है।
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हार्मोनल इंबैलेंस के कारण
रात में पसीना आना हॉट फ्लैश का परिणाम हो सकता है और यह PMS के एक गंभीर रूप का संकेत भी हो सकता है जिसे प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (PMDD) कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान या बच्चे को जन्म देने के बाद रात में पसीना आना शुरू हो सकता है।
रात में पसीना आना कई स्थितियों के कारण हो सकता है जो नर्वस सिस्टम को प्रभावित करते हैं। नर्वस सिस्टम मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में उत्पन्न होने वाली नसों से बना होता है जो शरीर के बाकी हिस्सों में फैलती हैं।
मेडिकेशन के कारण
रात में पसीना आना कई तरह की दवाओं का साइड इफेक्ट है, जिनमें पसीने की ग्रंथियों, नर्वस सिस्टम या शरीर के तापमान के रेगुलेशन को प्रभावित करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। एंटीडिप्रेसेंट और हार्मोनल मेडिकेशन्स जैसी दवाइयां इसका कारण बन सकती हैं।
इन तरीकों से किया जा सकता है नाइट स्वेट्स को कंट्रोल
- हाइपरहाइड्रोसिस से पीड़ित लोगों में शरीर अज्ञात कारणों से अत्यधिक पसीना पैदा करता है। इसके लिए क्वालिटी वाले एंटीपर्सपिरेंट्स को चुनें। ध्यान रखें कि डिओडोरेंट्स पसीने को कम नहीं करते हैं।
- ढीले-ढाले कपड़े पहनें जो ब्रीदेबल हों, जैसे कि ओपन निट या ढीली बुनाई वाले, पतले मटेरियल से बने, नमी सोखने वाले या जल्दी सूखने वाले कपड़ों में निवेश करें।
- भारी जूते और टाइट मोजे पहनने से बचें। अगर आपके पैरों से पसीना निकलता है, तो ऐसे जूते चुनें जिनमें सिंथेटिक मटेरियल का इस्तेमाल न किया गया हो।
- हर किसी को आरामदायक नींद का माहौल पसंद होता है। मगर कभी-कभी, आरामदायक होने और कमरे को गरम के अंतर को हम भूल जाते हैं। बिस्तर, स्लीपवियर आपके गद्दे के कारण भी आपको पसीना आ सकता है।
- अपने बेडरूम को ठंडा रखें। हल्के कपड़े पहनें। ज्यादा कपड़े न पहनें और अगर जरूरत हो तो नमी सोखने वाले कपड़े चुनें।
- आपका बेड फलालैन, डाउन और सिंथेटिक फाइबर का न हो यह ध्यान रखें। फोम वाले गद्दे हवा के प्रवाह को सीमित कर सकते हैं।
- अगर आप स्ट्रेस्ड हैं, तो भी रात में पसीना आना आम बात है। बहुत ज्यादा एक्टिव दिमाग आपके मस्तिष्क और शरीर को उत्तेजित करता है, जिसके कारण पसीना आ सकता है। सोने से पहले गर्म पानी से नहाएं, स्क्रीन और डिवाइस के सामने समय बिताने से बचें या किताब पढ़ने का प्रयास करें।
- अगर आप अल्कोहल पीते हैं, तो उससे भी रात को पसीना आ सकता है। शाम के वक्त अल्कोहल पीने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है। शराब एयरवे को आराम देती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है। इसके अलावा, यह एक उत्तेजक के रूप में भी काम करता है जिससे हृदय गति बढ़ जाती है। ये दोनों ही आपके शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं।
अगर आपको भी रात में पसीना आता है, तो पहले पसीना आने के कारण की जांच करें। अगर आपको कारण समझ नहीं आ रहा है, तो आप अपने डॉक्टर से सलाह लें। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: freepik
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