आपका शरीर जब दिन भर मेहनत करता है तो उसे आराम करने के लिए एक अच्छी नींद की आवश्यकता होती है। एक अच्छी और भरपूर नींद अगले दिन सुबह आपके मूड को फ्रेश करती है और आपका दिमाग भी शांत होता है। आप अपने काम को करने के लिए एनर्जेटिक फील करती हैं और प्रोडक्टिविटी बेहतर होती है।
हालांकि हम सभी जानते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नींद महत्वपूर्ण है फिर भी कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब नहीं हैं। यही कारण है कि नींद से जुड़े कई सारे मिथक हम सुनते रहते हैं।
इस बार, हम उन्हीं मिथकों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं। हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे कि एक औसत व्यक्ति को कितनी नींद की जरूरत है। झपकियां, बहुत कम या बहुत देर तक सोने के प्रभावों पर भी यहां आप जानेंगे।
आपने कई लोगों से सुना होगा कि एक अच्छी नींद का मतलब है कि आप कम से कम 8 घंटे सोएं। मगर क्या वाकई यह सही दृष्टिकोण है? कुछ शोध बताते हैं कि स्वस्थ युवा वयस्कों के लिए 7-9 घंटे की नींद काफी होती है। लेकिन सबके लिए इतनी नींद जरूरी नहीं होती। हर दिन हमें जो पर्याप्त नींद चाहिए होती है, वो उम्र के हिसाब से बदलती रहती है।
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हममें से बहुत से लोग अपने शरीर की आवश्यकता से अधिक समय तक सोते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि इस तरह से वह ज्यादा समय तक तरोताजा महसूस करेंगे। हालांकि, कई शोधकर्ता इसे सही नहीं बताते हैं। औसत अवधि के स्लीपरों की तुलना में छोटी और लंबी अवधि की नींद लेने वालों में मोटापे के विकास (मोटापे के कारण होने वाले हेल्थ रिस्क) का जोखिम27% और 21% तक बढ़ जाता है।
क्या आप भी कम नींद लेते हैं और क्या आपको लगता है कि कम नींद लेना आपके शरीर के लिए काफी है? अगर आपको लगता है कि आप अपने शरीर को कम नींद लेने के लिए ट्रेन कर सकते हैं तो यह एकदम गलत है। मेडिकलन्यूजटुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा नहीं हो सकता है। कुछ स्टडीज और विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा बहुत कम होता है कि किसी को काम करने के लिए 6 घंटे से कम की नींद की आवश्यकता हो। इससे संभावना है कि ऐसे लोग कम नींद के नकारात्मक प्रभाव देख सकते हैं।
जो लोग हर रात 6 घंटे या उससे कम सोते हैं, वे नींद की कमी के प्रभावों के आदी हो जाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके शरीर को कम नींद की जरूरत है।
झपकी लेने से स्वस्थ वयस्कों को कई तरह के लाभ मिलते हैं। इससे आपके शरीर को आराम मिलता है और दिनभर की थकान भी कम होती है। झपकी लेने से आपका मूड बेहतर होता है जो आपकी प्रोडक्टिविटी के लिए जरूरी है। इससे आप में सतर्कता बढ़ती है और परफॉर्मेंस और मेमोरी बेहतर होती है।
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हालांकि, कुछ लोगों को झपकियां लेने से असहजता भी महसूस होती है। कुछ लोग दिन के दौरान सो नहीं सकते हैं। झपकी से उठने के बाद कुछ लोग ज्यादा परेशान हो जाते हैं और भटकाव महसूस कर सकते हैं।
झपकी आमतौर पर ज्यादातर लोगों की रात की नींद की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करती है। लेकिन अगर आप रात में अनिद्रा या खराब नींद की गुणवत्ता (नींद के लिए सुपरफूड्स) का अनुभव करते हैं, तो झपकी लेने से ये समस्याएं और भी गंभीर हो सकती हैं।
अगर आपने भी नींद से जुड़े इन मिथकों को कभी सुना है तो इनकी सच्चाई पर भी गौर करें। इन मिथकों में से किस मिथक को आपने सुना है, उसे हमारे कमेंट बॉक्स में शेयर करें।
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