क्या आप जानते हैं आपकी नसें नीली क्यों दिखने लगती हैं

क्या आप जानते हैं कि खून का रंग लाल होते हुए भी नसें नीली क्यों दिखती हैं? चलिए इसके बारे में आपको जरूरी जानकारी देते हैं। 

how blue veins are formed

हमारा शरीर किसी पहेली की तरह है जो दिखने में तो काफी आसान और सुलझा हुआ लगता है, लेकिन असल में ये बहुत ज्यादा जटिल है। शरीर की कोई एक नस भी गलत तरीके से दब जाए तो ये परेशानी का सबब बन सकती है। हमें ऐसा लगता है कि हम अपने शरीर को जानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई लोग अपने शरीर से जुड़ी छोटी-छोटी चीज़ों का भी ध्यान नहीं रखते हैं। आपने अपने शरीर में ही ऐसी कितनी चीज़ें देखी होंगी जो दिखती तो नॉर्मल हैं पर उनके पीछे का लॉजिक काफी अलग होता है।

उदाहरण के तौर पर सर्दियों में मुंह से भाप क्यों निकलती है, आंख क्यों फड़कती है या नसों का रंग नीला क्यों दिखता है? क्या कभी आपने ये सोचने की कोशिश की है कि चोट लगने पर, छिल जाने पर, कट जाने पर हमेशा लाल खून निकलता है, लेकिन हमारी नसें या तो नीली या हरे के किसी शेड की दिखने लगती हैं। क्या कभी आपने ये जानने की कोशिश की है कि इन नसों के स्किन के ऊपर दिखने का क्या कारण है।

क्या होता है शरीर में नसों का काम?

अब सबसे पहला सवाल ये है कि जब हमारा खून ही लाल है तो फिर नसों का रंग नीला क्यों दिखता है। इससे पहले कि इस रंगों के फेरबदल से जुड़े सवाल का जवाब हम दें, पहले बात करते हैं कि नसों की हमारे शरीर में जरूरत क्या होती है। हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम के लिए नसें बहुत जरूरी है। ये नसें ही हैं जो हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में खून की सप्लाई पहुंचाती हैं।

blue veins in body

इसे जरूर पढ़ें- अगर वेजाइना से हो रहा है इस तरह का डिस्चार्ज तो रहें सावधान

दिल से लेकर दिमाग तक ये सारा आदान-प्रदान नसों की वजह से होता है। दिल से ब्लड पंप होकर नसों के जरिए आर्टरी और कैपिलरीज तक पहुंचती हैं और फिर आखिर में नसों द्वारा ये शरीर के अन्य अंगों तक जाती हैं।

खून का रंग हमेशा लाल होता है, लेकिन ये लाल का कौन सा शेड होगा ये निर्भर करता है ऑक्सीजन पर। ये ऑक्सीजन रेड ब्लड सेल्स में मौजूद होता है। जब आप सांस लेते हैं तो आपके ब्लड सेल्स ऑक्सीजन से भर जाते हैं। इसकी वजह से इनका रंग बहुत गहरा लाल होता है। जब ये शरीर के अन्य हिस्सों में ट्रांसफर होते हैं तो ऑक्सीजन का लॉस होता है और कार्बन डाय ऑक्साइड से भर जाता है। इसकी वजह से खून का रंग गहरा लाल होने लगता है।

आखिर क्यों नसों का रंग हो जाता है नीला?

अब तक हम ये समझ चुके हैं कि नसों में मौजूद खून का रंग गहरा लाल हो सकता है। पर ये स्किन में नीली क्यों दिखती हैं ये अभी भी एक गुत्थी की तरह है। दरअसल, इसका कारण रोशनी से जुड़े विज्ञान में खोजना होगा। जो भी रंग हमें दिखते हैं वो लाइट के रिफ्लेक्शन के आधार पर दिखते हैं। नसें नीली इसलिए दिखती हैं क्योंकि हमारी आंखों में नीली लाइट रिफ्लेक्ट होती है।

blue veins for body

ब्लू लाइट मानव टिशू में उतनी गहरी पेनिट्रेट नहीं होती जैसे रेड लाइट होती है। ऐसे में जो भी नसें स्किन के नजदीक होती हैं वो इस रिफ्लेक्शन के कारण नीली दिखने लगती हैं।

यानि नसें इसलिए नीली दिखती हैं क्योंकि लाइट हमारे शरीर में और आंखों में इसी तरह की दिखती है।

क्यों ज्यादा नसें दिखना अच्छा नहीं है?

आपको वैरिकोज वेन्स के बारे में तो पता ही होगा। वेरिकोज वेन्स वो नसें होती हैं जो स्किन से झलकने लगती हैं और उभरी और फूली हुई सी दिखती हैं। ये नसें अधिकतर तनी रहती हैं और ये भी नीली ही दिखती हैं। थोड़ी बहुत नसें दिखना आम है और ये सभी के साथ होता है, लेकिन अगर नसें अप्रत्याशित तौर पर ज्यादा दिख रही हैं और ये किसी बीमारी या किसी तरह की गड़बड़ी का संकेत साबित हो सकती हैं।

body and blue veins

ये बताती हैं कि नसों की वॉल्स पतली हो रही हैं और इस कारण नसों पर प्रेशर ज्यादा पड़ रहा है। कई मामलों में ऐसे में ब्लड क्लॉट्स भी दिखने लगते हैं। ये कई तरह की तकलीफों का कारण बन सकता है।

इसे जरूर पढ़ें- आखिर सर्दियों में क्यों निकलती है मुंह से भाप, जानें आपके शरीर से जुड़ा ये फैक्ट

किन कारणों से ऐसी दिखती हैं नसें?

  • हेरेडिटी के कारण
  • महिलाओं के मासिक चक्र के दौरान
  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी किसी बीमारी के दौरान
  • मोटापा बढ़ जाने पर
  • ब्लड प्रेशर में फ्लक्चुएशन होने पर
  • लंबे समय तक खड़े या एक ही तरह का काम करने पर
  • किसी दवा के रिएक्शन की वजह से
  • किसी तरह की बीमारी के कारण
  • किसी तरह के फूड रिएक्शन के कारण

ऐसी समस्याओं पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो ये आगे चलकर कुछ और खराब लक्षण दिखा सकती हैं। उदाहरण के तौर पर पैरों में सूजन आना, पैरों में जलन होना, जोड़ों का दर्द होना, स्किन एलर्जी होना, किसी तरह के घाव हो जाना, हल्की सी चोट पर भी ब्लीडिंग होने लगना आदि।

ऐसे किसी भी समस्या से बचने के लिए आपको ये ध्यान रखना होगा कि पहले आप इसका डॉक्टरी परीक्षण करवाएं। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर ये बता पाएगा कि आपको किस तरह की समस्या हो रही है।

Recommended Video

इसके अलावा, आपको अपनी एलर्जीस और वजन को भी संतुलन में रखना होगा। अगर आपको कोई भी अनियमितता दिख रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP