आखिर सर्दियों में क्यों निकलती है मुंह से भाप, जानें आपके शरीर से जुड़ा ये फैक्ट

क्या आपने कभी ये सोचा है कि आखिर सर्दियों के समय आपके मुंह से भाप क्यों निकलती है और आखिर क्यों आपकी सांस नम लगती है?

breathing during winter

सर्दियां आ गई हैं और इस सीजन में हर किसी की अपनी अलग ख्वाहिश होती है। यकीनन इस सीजन में गर्मागर्म चाय-कॉफी, कढ़ाई वाला दूध पीने की होड़ मच जाती है और घूमने और खाने के लिए भी कई सारी चीज़ें मौजूद होती हैं, लेकिन इस सीजन का सबसे मजेदार मनोरंजन होता है मुंह से भाप निकालने का जिसे शायद सभी लोग करते हैं।

सर्दियों में बच्चों का तो ये फेवरेट टाइम पास भी होता है। बड़े भी कई बार इस चीज़ को काफी एन्जॉय करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी इसका कारण जानने की कोशिश की आखिर क्यों सर्दियों में ही ऐसा होता है?

ये शायद स्कूल टाइम में पढ़ा हुआ साइंस फैक्ट होगा, लेकिन फिर भी हममे से कई लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं।

frost from breathing

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तापमान से नहीं है इसका कोई लेना देना-

कई लोगों को ये लगता है कि क्योंकि सर्दियों में तापमान कम होता है इसलिए ऐसा होता है, लेकिन इसका ताल्लुक तापमान से नहीं बल्कि हवा में मौजूद मॉइस्चर से होता है। हां, तापमान का थोड़ा हाथ जरूर होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये पूरी तरह से जिम्मेदार है।(सर्दियों में अपनी नाक को कैसे रखें गर्म?)

आखिर क्यों निकलती है मुंह से भाप?

ये तो सभी जानते हैं कि हमारे शरीर में 70% पानी होता है और हमारे लंग्स में हवा भरी होती है। हमारे लंग्स में भरी हवा पूरी तरह से वेपर फॉर्म में होती है (पानी जो गैस में बदल जाता है), ये उसी तापमान में होती है जो हमारे शरीर का तापमान होता है।

breath during winter

ठंडी हवा उतना मॉइस्चर होल्ड नहीं कर सकती जितना कि गर्म हवा कर लेती है। यही कारण है कि जब हम सर्दियों में सांस बाहर छोड़ते हैं तो ठंडी हवा उसका तापमान बहुत ही जल्दी कम कर देती है और ये तुरंत ही ओस के प्वाइंट तक पहुंच जाता है। अब क्योंकि ये ओस के प्वाइंट तक पहुंच गया है तो लंग्स में मौजूद हवा वेपर की जगह पानी बन जाती है।

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इस फिजिकल प्रोसेस को कंडेंसेशन कहते हैं क्योंकि ओस के प्वाइंट तक आने पर भाप लिक्विड फॉर्म में बदल देती है और ये बहुत छोटे-छोटे ड्रॉप्लेट्स की शक्ल ले लेती है।(सर्दी-जुकाम से बचाएंगी ये 5 चीज़ें)

यही ड्रॉपलेट्स हैं जो हमें फॉग या धुएं की तरह दिखते हैं जो हमारे मुंह से बाहर निकलते हैं। ये प्रोसेस इतनी जल्दी होता है कि आपको लगता है कि लंग्स का वेपर ही बाहर निकल रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसलिए अगर आप अपने हाथों में सांस छोड़ते हैं तो थोड़ी नमी महसूस होती है ना कि सूखी हवा।

अब आपको ये भी समझ आ गया होगा कि इसके लिए सही कॉम्बिनेशन चाहिए तापमान, ह्यूमिडिटी और हवा का। ऐसे में अगर 7-8 डिग्री तक तापमान पहुंच जाता है तो हमारी सांस से भाप निकलने लगती है।

माना कि ये प्रोसेस समझना थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन अब कम से कम आपको ये तो पता चल गया कि आखिर मुंह से धुआं क्यों निकलता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें।

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