नींद को प्रभावित करती है ब्लू लाइट, इससे बचने के लिए बरते ये सावधानियां

ब्लू लाइट आपकी आंखों के साथ-साथ नींद को भी प्रभावित करती हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए ये सावधानियां जरूर बरतें।

blue light affect your eye
ब्लू लाइट दृश्यमान प्रकाश का वह हिस्सा है जिसकी वेवलेंथ सबसे छोटी और हाई-एनर्जी की होती है। यह यूवी किरणों के समान होती है। ब्लू लाइट सूर्य से उत्सर्जित होती है और हवा के मोलीक्यूल्स से टकराती है और हर जगह बिखरा हुआ होता है। इसलिए आकाश भी नीला दिखाई देता है। इसके अलावा ब्लू लाइट हमारे बीच काफी कॉमन है, इसके बारे में आपने पहले भी काफी सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि यह किस तरह से हमारे शरीर को प्रभावित करती है और इसका नींद से क्या लेना देना है। अगर नहीं तो आइए जानते हैं।

नींद को प्रभावित करती है ब्लू लाइट

sleep blue light

फिट और हेल्दी रहने के लिए नींद बेहद महत्वपूर्ण है। पूरे दिन काम करने के बाद कुछ घंटे हम सभी नींद लेते हैं क्योंकि इससे बॉडी रिचार्ज होती है। ऐसे में ब्लू लाइट शरीर को उसकी सर्कैडियन रिदम या फिर सोने और उठने की प्रक्रिया को रेगुलेट करने में मदद करती है। दरअसल यह शरीर को संकेत देती है कि किस वक्त उसे सोना है और किस वक्त उठना है। क्योंकि यह नींद से जागने के लिए कोर्टिसोल रिलीज करती है और सोने से पहले मेलाटोनि रिलीज करती है। इस तरह नींद को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

नेचुरल लाइट शरीर के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है जिससे हम यह तय कर पाते हैं कि कब उठना है और कब सोना है। रात में नेचुरल ब्लू लाइट नहीं होती है इसलिए इसे सोने का समय माना जाता है। वहीं इन दिनों ब्लू लाइट का प्रभाव हमारे सर्कैडियन रिदम पर भी देखने को मिल रहा है। यह दरअसल आर्टिफिशियल ब्लू लाइट है जो हमारे फोन, टीवी, कंप्यूटर और एलईडी लाइट बल्ब से आती है। जब हम आर्टिफिशियल ब्लू लाइट में किसी तरह की गड़बड़ी का सामना करते हैं तो यह हमारे शरीर को प्रभावित करने लगती है। सोने से पहले कंप्यूटर या फिर फोन का उपयोग करना आपके दिमाग को सतर्क और एक्टिव होने का संकेत दे सकता है, जिसके बाद आपको नींद काफी मुश्किलों के बाद आती है। ब्लू लाइट से डिजिटल आई स्ट्रेन भी होने की संभावना होती है, जो कि आर्टिफिशियल ब्लू लाइट के संपर्क में आने के बाद इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।

इसे भी पढ़ें:कैसे करवाएं ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग, ये तरीके बताते हैं बीमारी के बारे में

बरते ये जरूरी सावधानियां

precaution for blue light

Recommended Video

  • अपनी नींद को प्रभावित होने से बचाने के लिए डिजिटल उपकरणों पर नाइट मोड का उपयोग करें और बेड पर जाने से पहले इसे लगभग दो घंटे पहले ही सेट कर दें। यह आपको आपके फोन या टैबलेट का कम उपयोग करने के लिए अलर्ट करेगी और स्क्रीन की ब्राइटनेस कम करने के लिए भी सतर्क करेगी। रात का समय आपके शरीर को एडजस्ट करने और मेलाटोनिन का उत्पादन करने के लिए पर्याप्त समय होगा, जिससे आपकी नींद प्रभावित नहीं होगी।
  • अगर आपको दिन में डिजिटल आई स्ट्रेन का प्रभाव महसूस होता है और फोन चलाने में समस्या या फिर टीवी देखने में किसी तरह की समस्या होती है तो ब्लू लेंस चश्मा कैरी कर सकती हैं। यह चश्मा आपकी आंखों तक पहुंचने वाले हानिकारक ब्लू लाइट से आपको बचाएगा। डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करते वक्त भी इसे कैरी कर सकती हैं।
  • आप ब्लू लाइट फ़िल्टरिंग ऐप्स ट्राई कर सकती हैं। ये स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही, आपकी आंखों में लाइट के कारण होने वाले तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। आपको बता दें कि ब्लू लाइट से बचने के लिए इन दिनों कई ऐसे फ्री ऐप्स हैं जिसे आप आसानी से इस्तेमाल कर सकती हैं।

ब्लू लाइट का प्रभाव नींद और सेहत दोनों पर पड़ता है। अगर आपको ब्लू लाइट से होने वाले लक्षण दिखने लगे तो यहां बताए गए टिप्स को ट्राई कर सकती हैं। इस तरह आप अपनी नींद को प्रभावित होने से बचा सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP