विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ट्विटर अकाउंट के ज़रिए गाइडलाइन्स जारी की हैं। वीडियो के ज़रिए डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल मास्क और फ़ैब्रिक फेस मास्क इस्तेमाल करने की जानकारी दी है। इसी के साथ बताया है कि मास्क को कब, कैसे, और किसे पहनना चाहिए। देशभर में कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है। नियमों के तौर पर मास्क लगाना सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।
आपको बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से कई जगहों पर लॉकडाउन लगाया गया है ताकि लोग अपने-अपने घरों में बंद रहे। यही नहीं कोरोना की यह लहर पिछले की तुलना में अधिक ख़तरनाक है। वहीं कोरोना के तेज़ी से बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य पोर्टल और एक्सपर्ट लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि वे अन्य सावधानियों के अलावा मास्क को पहनना ना भूलें।
मेडिकल मास्क
डब्ल्यूएचओ ने अपने वीडियो के ज़रिए लोगों को सलाह दी है कि उन्हें किस प्रकार के मास्क पहनने जाने चाहिएं:
- हेल्थ वकर्स
- जिन लोगों में कोविड-19 के लक्षण हैं
- वो लोग जो सस्पेक्टेड या कोविड-19 से संक्रमित किसी की देखभाल कर रहे हों
वहीं उन क्षेत्रों में जहां वायरल व्यापक रूप में फैल रहा है और वहां कम से कम एक मीटर की सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में मुश्किल है तब ऐसी स्थिति में मेडिकल मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए:
- ऐसे लोग जो 60 साल से ऊपर हैं।
- ऐसे लोग जिन्हें चिह्नित बीमारियां हैं।
😷Masks during #COVID19: Who should wear them, when and how ⬇️pic.twitter.com/wCCaZu79PB
— World Health Organization (WHO) (@WHO) April 18, 2021
फ़ैब्रिक मास्क का इस्तेमाल
- इस मास्क ने उस समय सप्लीमेंट के तौर पर काम किया जब मार्केट में मेडिकल मास्क की कमी हुई। कई लोग ने अपने घरों पर कॉटन या फिर अन्य कपड़ों के इस्तेमाल से मास्क बनाने का काम किया।
- डब्ल्यूएचओ ने लोगों को सलाह दी है कि उन लोगों को फ़ैब्रिक मास्क नहीं पहनना चाहिए, जिन्हें कोरोना वायरस के लक्षण हैं। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं, कैशियर, और सर्वर के साथ करीबी संपर्क में हैं तो फ़ैब्रिक मास्क ना पहनें।
- फ़ैब्रिक मास्क को सार्वजनिक परिवहन, कार्यस्थलों, किराने की दुकानों और अन्य भीड़ भरी जगहों पर पहना जाना चाहिए।
वहीं सर्जिकल मास्क एक बार पहने जाने के बाद दोबारा नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। एक दिन पहनने के बाद तुरंत डस्टबीन में डंप कर देना चाहिए। जबकि फ़ैब्रिक मास्क वॉशेबल होता है और उसे अच्छी तरह साफ़ करने और डिसइनफेक्ट करने के बाद दोबारा यूज़ किया जा सकता है। हालांकि फ़ैब्रिक मास्क बनाते वक़्त कपड़े का चुनाव सही तरीक़े से किया जा सकता है।
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भारत में कोरोना के मामले
भारत में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 19 अप्रैल तक कोराना के कुल मामले 1,50,61,919 है, जिनमें 19,29,329 एक्टिव केस हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल, और तमिलनाडु जैसे और भी शहरों में कोरोना तेज़ी से फैल रहा है। संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ लोगों की मौत भी काफ़ी हुई है। ऐसे में इससे बचने के लिए कई जगहों पर कम्पलीट लॉकडाउन लगाया गया है। लोगों को उपाय और नियमों को सख़्ती से पालन करने की सलाह दी जा रही है।
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