आजकल की खराब लाइफस्टाइल, काम के बढ़ते बोझ, एक्सरसाइज की कमी और अनहेल्दी डाइट के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी बहुत सारी बीमारियों ने लोगों को घेर रखा है। हार्ट से जुड़ी समस्याएं उनमें से एक है जो अब लगभग हर उम्र के लोगों को परेशान कर रही हैं और पूरे विश्व में तेजी से फैल रही है। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो व्यक्ति मौत का शिकार भी हो सकता है।
आमतौर पर माना जाता है कि महिलाएं हार्ट से जुड़ी समस्याओं से सुरक्षित होती है और महिलाओं के हार्ट से जुड़े बहुत कम मामले ही देखने को मिलते हैं। लेकिन रिसर्च बताते हैं कि पुरुषों को ही नहीं बल्कि महिलाओं को भी हार्ट अटैक का खतरा रहता है। इसलिए महिलाओं को इसके लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके अलावा हार्ट से जुड़े कई सवाल महिलाओं को बेहद परेशान करते हैं। अगर आपके जहन में भी इस आर्टिकल से जुड़े सवाल हैं तो एक्सपर्ट से इसे जवाब जानें। जी हां आज एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई के सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉक्टर तिलक सुवर्णा आपके ऐसे ही 3 सवालों के जवाब दे रहे हैं।
उत्तर: ज्यादातर महिलाओं के मन में यही सवाल होता है कि क्या महिला में हार्ट डिजीज का डायग्नोज करने के लिएअलग तरह के टेस्ट किए जाते हैं। इसका उत्तर देते हुए डॉक्टर ने बताया, ''हार्ट डिजीज का डायग्नोज पुरुषों और महिलाओं दोनों में एक ही तरह से किया जाता है, जो निम्नलिखित टेस्ट द्वारा किया जाता है-''
1. ब्लड टेस्ट- एक्यूट हार्ट अटैक का डायग्नोज करने के लिए कार्डिक एंजाइम टेस्ट किया जाता है।
2. ईसीजी - एक्यूट या पुराने हार्ट अटैक का डायग्नोज करने के लिए रिदम असामान्यताओं का पता लगाने के लिए ईसीजी किया जाता है।
3. 2 डी-इकोकार्डियोग्राम - यह टेस्ट दिल पंपिंग फ़ंक्शन, हार्ट वाल्व फ़ंक्शन, दिल चैम्बर का इज़ाफ़ा, पिछले हार्ट अटैक के संकेत आदि का आकलन करने के लिए किया जाता है।
4. स्ट्रेस टेस्ट- स्ट्रेस टेस्ट हार्ट की मसल्स को कम ब्लड की आपूर्ति के संकेतों का पता लगाने के लिए किया जाता है जो हृदय की धमनियों में अवरोध का सुझाव देता है।
5. कोरोनरी एंजियोग्राम- यह एक डाई के इंजेक्शन द्वारा हार्ट की धमनियों में ब्लॉक का पता लगाने के लिए किया जाता है।
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हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि सांस की तकलीफ, धड़कन, कमजोरी, हल्की-सी उदासी और सामान्य सीने में दर्द जैसे असामान्य लक्षण महिलाओं में असामान्य रूप से उपस्थित नहीं होते हैं। इससे महिलाओं में हार्ट की समस्याओं का निदानकिया जाता है। इसलिए, विशेष रूप से मेनोपॉज, डायबिटीज और अधिक वजन वाली महिलाओं में संदेह का एक हाई सूचकांक होता है।
उत्तर: महिलाओं के मन में यह सवाल भी बहुत ज्यादा होता है कि बंद धमनियों के चेतावनी संकेत क्या हैं? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो इसका जबाव हमारे एक्सपर्ट दे रहे हैं।
1. एंजाइना के एंजाइम्स (सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, थकान) जो शारीरिक परिश्रम से होता है और आराम से राहत देता है।
2. हार्ट अटैक पड़ने के लक्षण जैसे अचानक गंभीर सीने में दर्द या पसीने से संबंधित भारीपन, हल्की-सी लचक, उल्टी की भावना।"
3. ईसीजी में विशिष्ट परिवर्तन
4. 2 डी-इको टेस्ट पर असामान्यताएं दिखना
5. स्ट्रेस टेस्ट की असामान्य रिपोर्ट
उत्तर: यह सवाल तो महिलाओं के ही नहीं बल्कि पुरुषों के मन में भी होगा। आइए इसके बारे में भी एक्सपर्ट से जानें।
1.सांस की तकलीफ की शुरुआत होना या न्यूनतम शारीरिक परिश्रम करने पर भी आसानी से थकावट होना।
2.पैरों में सूजन आना।
3.पेट में फूलने या ब्लोटिंग का अहसास होना।
4. लेटने पर सांस लेने या खांसने में कठिनाई होना, जिससे बैठने पर राहत मिलती है।
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अगर आपके मन में भी हार्ट हेल्थ से जुड़े कुछ सवाल हैं तो फेसबुक पर हमें कमेंट करके जरूर बताएं? हार्ट से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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