एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स के दुनियाभर में मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए WHO (World Health Organization) ने इसे ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी घोषित कर दिया है। यह दो साल में दूसरी बार है कि WHO ने मंकीपॉक्स को हेल्थ एमरजेंसी घोषित किया है। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने मंकीपॉक्स को लेकर कहा है कि यह ऐसी चीज है जिससे हम सभी को चिंतित होना चाहिए। लेकिन इससे पहले यह समझ लेते हैं कि आखिर एमपॉक्स या मंकीपॉक्स क्या है।
क्या है एमपॉक्स या मंकीपॉक्स?
WHO के मुताबिक, मंकीपॉक्स वायरस एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है जो एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स का कारण बनता है, यह बीमारी स्मॉल पॉक्स या चेचक के समान लक्षणों की तरह होती है। हालांकि यह थोड़ी कम गंभीर होती है। ऐसे तो 1980 में स्मॉल पॉक्स खत्म हो गया था लेकिन सेंट्रल और वेस्ट अफ्रीका में एमपॉक्स के केस देखने को मिलते रहे हैं। साल 2022 के बाद से अफ्रीका के बाहर एमपॉक्स के मामले मिलने लगे हैं, जो चिंता का विषय माना जा रहा है।
WHO के मुताबिक, एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। इस बीमारी के वायरस सबसे ज्यादातर गिलहरी, अलग-अलग प्रजाति के बंदरों और कई तरह के जानवरों में मिलते हैं। यह बीमारी संक्रमित इंसान से दूसरे इंसान में भी फैल सकती है। इंसानों में मंकीपॉक्स काफी गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है। WHO ने एमपॉक्स के लक्षण और इससे संक्रमित होने पर अपना ध्यान रखने के टिप्स भी शेयर किए हैं।
क्या है एमपॉक्स के लक्षण?
एमपॉक्स का सबसे बड़ा लक्षण बुखार और फिर शरीर पर दाने निकलना है। इसमें पहले चेहरे पर दाने निकलते हैं, जो बाद में पूरे शरीर पर फैल सकते हैं। एमपॉक्स का संक्रमण ज्यादातर 5 से 21 दिन तक रह सकता है। जिसमें पहले 1 से 3 दिन बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है। फिर स्किन पर इसका असर दिखने लगता है। कई बार एमपॉक्स की वजह से शरीर में दर्द भरी सूजन और यूरिन पास करने में भी दर्द की समस्या हो सकती है। एमपॉक्स को कई बार वायरल बुखार के लक्षणों के साथ भी कंफ्यूज कर लिया जाता है।
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कैसे फैलता है एमपॉक्स?
WHO के मुताबिक, एमपॉक्स संक्रमित के संपर्क में आने और छूने से फैल सकता है। साथ ही जिन जानवरों में मंकीपॉक्स वायरस पाया है, उनके शिकार, पकाने और सेवन से भी फैल सकता है। मंकीपॉक्स वायरस संक्रमित के कपड़ों, सुई या बेड शीट का इस्तेमाल करने से भी फैल सकता है। संक्रमित प्रेग्नेंट महिला से उसके अजन्मे बच्चे में भी जा सकता है।
कैसे रखें अपना ध्यान?
WHO के मुताबिक, ज्यादातर लोग एमपॉक्स से 2-4 हफ्तों में ठीक हो जाते है। अगर एमपॉक्स के शरीर में लक्षण दिखने लगें तो आप यहां बताए गए टिप्स से अपना ध्यान रख सकते हैं और साथ ही यह वायरस दूसरों में फैलने से भी बचा सकते हैं।
- संक्रमित को अगर संभव हो सके तो ज्यादा से ज्यादा अपने घर में रहें।
- संक्रमित को साबुन-पानी और सेनिटाइजर से हाथ धोते रहना चाहिए। खासतौर पर शरीर के संक्रमित हिस्से को छूने के बाद।
- हमेशा मास्क पहन कर रखना चाहिए और शरीर के संक्रमित हिस्सों को दूसरों के सामने हमेशा कवर करके रखना चाहिए।
- संक्रमित को स्किन को हमेशा सूखी रखनी चाहिए और अकेले में होने पर उसे कवर नहीं करना चाहिए।
- घर में कॉमन एरिया की चीजों को छूने से बचना चाहिए, इससे असंक्रमित लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है।
- संक्रमित को अगर मुंह में अगर दाने हुए हैं, तो नमक के पानी से कुल्ला करना चाहिए। नमक से कुल्ला करने के कई फायदे होते हैं।

- संक्रमित के लिए हल्के गर्म पानी में बेकिंड सोडा या Epsom नमक डालकर नहाना फायदेमंद हो सकता है।
- मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर हमेशा डॉक्टर की सलाह से दवाई लेनी चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति को अपने दानों को फोड़ना या उनपर खुजली नहीं करनी चाहिए, इससे वह जल्द ठीक नहीं होंगे और साथ ही वह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकते हैं।
- जबतक दाने या रैश ठीक नहीं हो जाते, तब तक शरीर के उन हिस्सों को शेव नहीं करना चाहिए। इससे संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।
क्या एमपॉक्स का इलाज संभव है?
WHO के मुताबिक, एमपॉक्स या मंकीपॉक्स का इलाज संक्रमित के लक्षणों पर निर्भर करता है। इसी के साथ मंकीपॉक्स के अन्य इलाज पर डेवलपिंग और टेस्टिंग जारीहै। WHO के मुताबिक, कई सालों के रिसर्च के बाद स्मॉलपॉक्स के लिए कुछ वैक्सीन बनाई गई थीं, जिन्हें एमपॉक्स के लिए भी उपयोगी माना जा रहा है। अबतक एमपॉक्स के खिलाफ 3 वैक्सीन हैं, लेकिन यह लिमिटेड क्वांटिटी में ही उपलब्ध हैं। एमपॉक्स के संक्रमण में आने पर डॉक्टर के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।
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