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हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के साइड इफेक्ट्स के बारे में आप भी जान लें

हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के साइड इफेक्ट्स के बारे में हर महिला को कुछ बातों की जानकारी होनी चाहिए। 
Editorial
Updated:- 2020-05-28, 17:54 IST

ठीक से इस्‍तेमाल किए जाने पर प्रेग्‍नेंसी को रोकने के लिए हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन एक बहुत ही विश्वसनीय तरीका है। हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के कई रूप हैं, जिसमें बर्थ कंट्रोल पिल्‍स, वेजाइनल रिंग, कॉन्ट्रासेप्शन स्किन पैच और हार्मोन-रिलीज कॉन्ट्रासेप्शन कॉयल शामिल हैं। हालांकि, इनका इस्‍तेमाल काफी अलग तरीकों से किया जाता है, लेकिन उनका एक जैसा ही प्रभाव पड़ता है, ये सभी महिलाओं के हार्मोन के लेवल को प्रभावित करते हैं, और उनमें से अधिकांश मैच्‍योर एग्‍स को ओवरी द्वारा जारी होने से रोकते हैं। हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन हमेशा डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए।

हालांकि, हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं, लेकिन कुछ संभावित साइड इफेक्‍ट भी हैं जैसे:

  • सिरदर्द, विशेषकर उन महिलाओं को जिनका माइग्रेन का इतिहास है।
  • पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग, जिसे "स्पॉटिंग" भी कहा जाता है।
  • मतली महसूस होना।
  • ब्रेस्‍ट में दर्द महसूस होना।  
  • वेजाइनल यीस्‍ट इन्‍फेक्‍शन (thrush) की समस्‍या। 
  • हालांकि, दावा किया जाता है, लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन महिलाओं का वजन बढ़ाता है।
  • कुछ महिलाओं के लिए, यह मूड स्विंग का कारण बन सकता है।
  • इससे कामेच्छा भी कम हो सकती है।

ये सभी लक्षण क्षणिक और आत्म-सीमित होते हैं, और गोली लेने के कुछ महीनों के बाद अपने आप चले जाते हैं। लंबे समय तक गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने से शरीर में पड़ता है ये असर

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ब्‍लड क्‍लॉट का एक छोटा जोखिम है, जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस के रूप में भी जाना जाता है। यह जोखिम 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में होता है, साथ ही स्‍मोकिंग करने वाली महिलाओं में, अधिक वजन वाली या उनमें जिनके परिवार में वेस्‍कुलर डिजीज का खतरा अधिक होता है। प्रेग्‍नेंसी में थ्रोम्बोसिस के जोखिम की तुलना में यह जोखिम बहुत कम है।

हालांकि, हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन का आमतौर पर इस्‍तेमाल किया जाता है। एक्‍सपर्ट गंभीर साइड इफेक्‍ट के जोखिमों को कम करने के लिए महिला के चिकित्सा इतिहास के आधार पर  विकल्प बता सकता है। ये सुझाव दिया जा सकता है अगर आप:

  • ब्रेस्‍टफीडिंग के शुरुआती महीनों में हैं।
  • 35 से अधिक उम्र के हैं और स्‍मोकिंग करते हैं।
  • हाई ब्‍लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और अधिक वजन होना।
  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस या पल्मोनरी एम्बोलिज्म का इतिहास रहा हो। 
  • स्ट्रोक या दिल की बीमारी का इतिहास है।
  • लिवर की बीमारी है।
  • ब्रेस्‍ट कैंसर का इतिहास है।

 

  • ऑरा के साथ माइग्रेन है।
  • असामान्य यूटेराइन ब्लीडिंग का होना।
  • एक शल्य प्रक्रिया के लिए निर्धारित किया जाता है, जो रिकवरी के दौरान गतिशीलता को सीमित करता है।
  • प्रेग्‍नेंसी या पिल्‍स लेने के दौरान पीलिया का विकास। 
  • डायबिटीज-संबंधी जटिलताएं हैं जो आपके ब्‍लड वेसल्‍स, किडनी, नर्वस या दृष्टि को प्रभावित करती हैं।

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निष्कर्ष

हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन व्यापक रूप से महिलाओं के बीच एक प्रभावी कॉन्ट्रासेप्शन विधि के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है और डॉक्टर भी इसकी सिफारिश करते है। हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन के विस्तारित इस्‍तेमाल के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी साइड इफेक्‍ट को मैनेज करने के लिए पिछले चिकित्सा इतिहास और लक्षणों पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है।

डॉक्‍टर शोभा एन गुड़ी (MD. DNB, FICOG) एक्‍सपर्ट सलाह के लिए विशेष धन्यवाद।

References 

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK441576/
https://www.womenshealthmag.com/health/a21347535/hormonal-birth-control-side-effects/

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