हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स जैसे गर्भ निरोधक गोलियां आदि बहुत असरदार और ताकतवर ड्रग्स होते हैं जिनके लिए प्रिस्क्रिप्शन लेना जरूरी होता है। डॉक्टर्स उन्हें लेने का सुझाव तभी देंगे जब आपकी कोई पुरानी मेडिकल हिस्ट्री होगी या फिर आपके मौजूदा स्वास्थ्य को देखते हुए उसका इस्तेमाल सही और सुरक्षित होगा। कई महिलाओं को इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं जैसे जी मिचलाना, पीरियड साइकल के बीच में ही स्पॉट पड़ जाना, सिर दर्द होना, लेकिन हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन और खास तौर पर गर्भनिरोधक गोलियों के कई गंभीर साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
इनके साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हैं-
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल में एस्ट्रोजन की मात्रा ज्यादा होती है जिससे महिलाओं को अधिक मेडिकल समस्याएं होने लगती हैं। डीप वेन थ्रोमबोसिस (deep vein thrombosis- जब शरीर की डीप वेन (कोशिकाओं) में ब्लड क्लॉट हो जाता है)। अगर आपको पिंडली का दर्द, पैरों में सूजन या सांस फूलने जैसी समस्याएं होती हैं तो ये काफी गंभीर साइड इफेक्ट्स हैं जिनके लिए सलाह लेनी बहुत जरूरी है।
- गर्भनिरोधक का सेवन करने वालों को हार्ट अटैक जैसे लक्षणों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे सीने, पीठ, कंधे, हाथ या गले में दर्द और स्ट्रोक के अन्य लक्षण जैसे चेहरे, बांह, पैर या सुन्न हो जाना या कमजोर लगना और बहुत ज्यादा सिरदर्द होना या कन्फ्यूजन होना। हालांकि, ये ध्यान रखने की जरूरत है कि कई महिलाओं को इसका रिस्क ज्यादा होता है। जैसे वो लोग जो स्मोक करती हैं या फिर जिनके परिवार में हार्ट की बीमारी, डायबिटीज या हाई बल्ड प्रेशर जैसी समस्या रही है।
- हालांकि, प्रेग्नेंसी की शुरुआत में अगर किसी ने अनजाने में गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किया है तो उससे बर्थ डिफेक्ट्स की कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन अगर आपको पता चले की आप प्रेग्नेंट हैं तो उन्हें लेना बंद कर दें।
- ये गालब्लेडर से संबंधित बीमारियों का कारक हो सकते हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर
- लिवर डिसऑर्डर
- एक और गंभीर साइड इफेक्ट जो गर्भनिरोधक गोलियों के लंबे इस्तेमाल से हो सकता है वो है कैंसर का खतरा। रिसर्च बताती है कि गर्भनिरोधक गोलियां असल में एंटोमेट्रिअल और ओवेरियन कैंसर का खतरा तो कम कर सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक इनका इस्तेमाल ब्रेस्ट, लिवर और सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। अगर परिवार में भी किसी को इस तरह का कैंसर हुआ है तो ये जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए और रिस्क के बारे में बात करके ही ऐसी दवाओं को लेना चाहिए। जितने ज्यादा समय तक आप ये दवाएं लेंगी उतना ही ज्यादा रिस्क बढ़ेगा।
किसी भी तरह की गर्भ निरोधक गोलियां लेने के बाद अगर आपको निमनलिखित कोई भी लक्षण दिखता है तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है-
- पेट में दर्द या सीने में दर्द
- ब्रेस्ट में गांठ होना
- बोलने में तकलीफ होना
- आंखों से जुड़ी समस्या होना जैसे धुंधला दिखना या फिर दोहरा दिखना या फिर कभी-कभी कम दिखना
- बेहोशी
- पीलिया - त्वचा का पीलापन दिखना
- बहुत तेज़ सिर दर्द, अगर आपको पहले से सिर दर्द होता है तो ये और बिगड़ जाएगा
- बहुत खराब एलर्जिक रैश
- बहुत खराब मूड स्विंग्स या डिप्रेशन
- एक से ज्यादा बार पीरियड्स का मिस होना या फिर प्रेग्नेंसी के लक्षण दिखना
सार (Conclusion)-
गर्भनिरोध कैसे करना है इसका फैसला डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए और ये तभी करना चाहिए जब हर तरह का साइड इफेक्ट देखा-परखा गया हो। साथ ही 35 की उम्र के बाद ये जरूरी है कि आप कॉन्ट्रासेप्शन से जुड़े अपने तरीकों के बारे में दोबारा से विचार करें। गर्भनिरोधक गोलियों से एकदम से ब्रेक ले लेना भी कोई उपाय नहीं हो सकता क्योंकि ये किसी भी तरह का फायदा नहीं देता है और साथ ही साथ ब्लड क्लॉट का रिस्क और अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा भी हो सकता है।
डॉक्टर एन पलानीअप्पन ( DNB, FICS, FICOG ) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।
Reference
https://www.healthline.com/health/birth-control-side-effects#risks
https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/birth-control/expert-answers/birth-control-pills/faq-
20058110
https://www.healthline.com/health/birth-control-side-effects#longterm-safety
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