पीसीओएस एक ऐसी समस्या है जिसने दुनिया भर की कई महिलाओं को परेशान कर रखा है। पिछले कुछ समय में पीसीओएस महिलाओं को होने वाली सबसे आम बीमारी बनती चली जा रही है और ऐसे में आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान बहुत सी ऐसी सावधानियां होती हैं जो आपकी सेहत में सुधार ला सकती हैं। दरअसल, कई बार हम अनजाने में ही अपनी बीमारी को ज्यादा खराब कर बैठते हैं क्योंकि हमें इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में नहीं पता होता है।
हमने नोएडा के मदरहुड अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर तनवीर औज्ला से बात की। उन्होंने हमें बताया कि अगर आप पीसीओएस से पीड़ित हैं तो किन चीज़ों को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर तनवीर ने हमें 7 ऐसी चीजों के बारे में बताया जिन्हें हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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एक बात का ध्यान रखें कि स्मोकिंग ना सिर्फ पीसीओएस के लिए खराब है बल्कि ये आपको हार्ट की समस्या, एथेरोस्क्लेरोसिस (नसों के अंदर कोलेस्ट्रॉल, प्लाक और फैट का जम जाना), डायबिटीज जैसी बीमारियों के करीब लो आती है। पीसीओएस से ग्रसित लोगों को मेटाबॉलिक सिंड्रोम भी हो सकता है जिससे उनकी सेहत ज्यादा बिगड़ सकती है और स्मोकिंग की वजह से इनडायरेक्टली पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
ये बहुत जरूरी है कि आप इस आदत से दूर रहें और अगर आप इसे छोड़ नहीं पा रहे हैं तो किसी प्रोफेशनल की मदद लें।
आपको ये बात समझनी बहुत जरूरी है कि पीसीओएस इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ा हुआ है और अगर आप पीसीओएस से ग्रस्त हैं तो आपका शरीर शक्कर से अलग तरह से डील करेगा। अगर इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो इंसुलिन रेजिस्टेंस आपको डायबिटीज भी हो सकती है और ये आपके शरीर में अन्य समस्याएं पैदा करेगी।
ये जरूरी नहीं कि आप हर तरह की शक्कर को अवॉइड करें या फिर आर्टिफिशियल शुगर की तरफ जाएं बल्कि यहां ये जरूरी है कि रिफाइंड शुगर का सेवन कम किया जाए और नेचुरल और होल फूड्स को ज्यादा खाया जाए। जितना हो सके आप प्रोसेस्ड फूड्स से दूर होने की कोशिश करें।
यकीनन पीसीओएस की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं और अगर आप उन लोगों में से एक हैं जो बिल्कुल बैठे रहते हैं या फिर आप किसी तरह की कोई एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो ये गलत है। जब आपको पीसीओएस होता है तो ये जरूरी है कि आप हार्ट डिजीज और मोटापे से दूर रहें और थोड़ा वर्कआउट इसमें मदद कर सकता है। ये जरूरी नहीं कि आप जिम जाएं या किसी फैंसी वर्कआउट रूटीन का पालन करें या कई घंटे एक्सरसाइज करें, लेकिन दिन में 30 मिनट कम से कम एक्सरसाइज जरूर करें। भले ही वॉक करें, लेकिन ये जरूर करें।
वजन उठाना भी मसल्स को बेहतर बनाने का एक अच्छा ऑप्शन है और ये आपका मेटाबॉलिज्म भी बढ़ाएगा और इंसुलिन रेजिस्टेंस को भी बेहतर बनाएगा।
अगर आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं तो एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा हो सकता है और कभी-कभी कुछ दिन पीरियड्स का डिले हो जाना या स्किप हो जाना आम है, लेकिन अगर आपको पीरियड्स ज्यादा परेशान कर रहे हैं या फिर ये बहुत ज्यादा स्किप हो जाते हैं तो आपके लिए खतरा बढ़ सकता है। अगर आप बिज़ी रहती हैं तो ये आम बात है कि आपको पीरियड्स का ट्रैक ना रहे, लेकिन ये जरूरी है कि आप इनका ट्रैक रखें और अगर बहुत ज्यादा आगे-पीछे हो रहे हैं पीरियड्स तो हेल्थ चेकअप करवाएं।
अगर आपको हमेशा 40-50 दिन बाद पीरियड्स होते हैं तो आपको अपने टेस्ट करवाने जरूरी हैं।
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आपको अंदाज़ा भी नहीं होगा कि नींद में आपका शरीर कितना रिपेयर हो सकता है। पीसीओएस के साथ स्लीप डिस्टर्बेंस ज्यादा होता है और इन्सोम्निया या फिर स्लीप एप्निया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप सही नींद नहीं लेंगी तो आपके शरीर में वो हार्मोन कम हो जाएगा जो आपकी भूख को कंट्रोल करता है। इससे आप हर वक्त भूखा फील करेंगी और आप ज्यादा कैलोरी ग्रहण करेंगी। ये प्रोसेस्ड फूड्स के कारण ज्यादा हो सकता है।
भरपूर नींद लेना असल में आपको वजन कम करने में मदद करेगा और आपको ज्यादा बेहतर फील करवाएगा।
एक बात ध्यान रखें कि आपको अपनी दवाएं समय पर लेनी हैं। पीसीओएस के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स जैसी दवाएं दी जाती हैं और ये सबसे अच्छी तरह से तब काम करती हैं जब ये सही समय पर ली जाएं। इसे भूल जाना या फिर गलत समय पर लेना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। उदाहरण के तौर पर खाने से पहले लेने वाली दवा अगर आपने नहीं खाई तो हो सकता है कि आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो जाए और ये स्थिति खतरनाक हो सकती है। इससे चक्कर आना और बेहोश होना दोनों हो सकते हैं।
डिप्रेशन एक ऐसी चीज़ है जिसे आप यू ही नहीं नजरअंदाज कर सकते हैं। आप इससे दूर नहीं जा सकते हैं और ये एक गंभीर समस्या है जिसका हल निकालना आपको जरूरी है। ये मानसिक समस्या है जिसे प्रोफेशनल की मदद के साथ ठीक करना होगा। ऐसा देखा गया है कि जिन लोगों को पीसीओएस होता है उन्हें डिप्रेशन की समस्या ज्यादा होती है।
अगर आपको लगता है कि आपको डिप्रेशन हो रहा है और उदासी, खाने-पीने की समस्या, वजन का बढ़ना या घटना जैसी समस्याएं हो रही हैं या आप ज्यादा खा रहे हैं तो बिल्कुल घबराएं नहीं बल्कि प्रोफेशनल की मदद लें।
पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जहां रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित होती है और ऐसे में आपके लिए सही लाइफस्टाइल का पालन करना जरूरी होता है। अगर आपको ये समझ नहीं आ रहा कि इसके विषय में किससे बात की जाए तो किसी सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें। पीसीओएस एक गंभीर स्थिति है और इसे नजरअंदाज बिल्कुल ना करें।
अगर आपको कोई समस्या है तो डॉक्टर की मदद लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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