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जानें क्‍या होता है मेनोपॉज के बाद एंडोमेट्रियल एट्रोफी होना और उसके ट्रीटमेंट

मेनोपॉज के बाद एंडोमेट्रियल एट्रोफी की स्थिति के कारण और ट्रीटमेंट जानना चाहती हैं तो जरूर पढ़ें ये आर्टिकल।
Editorial
Updated:- 2020-09-15, 15:31 IST

जब महिलाओं को 1 साल तक मेंस्ट्रुअल पीरियड्स नहीं आते हैं तब उस चरण को मेनोपॉज कहा जाता है। वैसे तो मेनोपॉज की औसत उम्र 51 वर्ष है, लेकिन सामानय तौर र पर 45 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र में भी मेनोपॉज हो सकता है। एक बार जब कोई महिला मेनोपॉज के चरण में पहुंच जाती है तो उसे मेंस्ट्रुअल ब्‍लीडिंग होना बंद हो जाती है। 

कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि मेंस्ट्रुअल पीरियड्स बंद होने के 1 साल बाद बिना किसी हानि के यूटेरिन ब्‍लीडिंग होने लगती है। इसके अलावा, यह उन महिलाओं के लिए भी सामान्‍य है , जो पहले से ही कुछ शुरुआती महिनों में ब्‍लीडिंग और स्‍पॉटिंग का अनुभव करने के लिए एस्‍ट्रोजन और प्रोजेस्‍टोजन की संयुक्‍त खुराक द्वारा हार्मोन थेरेपी ले रही होती हैं। जो महिलाएं साइकिलिक हार्मोन दवाएं ले रही होती हैं, उन्‍हें भी महीने में एक बार हल्‍की ब्‍लीडिंग हो सकती है। 

लेकिन इसके अलावा, पोस्‍टमेनोपॉजल महिला को यदि ब्‍लीडिंग हो रही है तो यह असामान्‍य बात है। मेनोपॉज के बाद हल्‍की स्‍पॉटिंग या हेवी ब्‍लीडिंग हो रही है तो तुरंत ही डॉक्‍टर से परामर्श किया जाना चाहिए। 

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एंडोमेट्रियल एट्रोफी क्या है?

एंडोमेट्रियल एट्रोफी एक ऐसी स्थिति है, जो महिलाओं में पोस्‍टमेनोपॉजल ब्‍लीडिंग का कारण बनती है। यूटेरिन लाइनिंग के पतले होने का मतलब भी एंडोमेट्रियल एट्रोफी होता है। एंडोमेट्रियम वह टिशु होता है, जो यूट्रस को लाइन करता है। यह एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन को रिस्‍पॉन्‍ड करता है। मेनोपॉज के बाद हार्मोन के स्तर में प्राकृतिक गिरावट होती है, जो लाइनिंग के बहुत पतले होने का कारण हो सकता है। इससे ब्‍लीडिंग हो सकती है।

एंडोमेट्रियल एट्रोफी के अलावा अन्‍य कारण भी ब्‍लीडिंग का कारण हो सकते हैं । जैसे एंडोमेट्रियल कैंसर, एंडोमेट्रियल हाइपरप्‍लासिया, फाइब्रॉएड और पॉलीप आदि भी ब्‍लीडिंग के कारण हो सकते हैं। इसलिए ब्‍लीडिंग का वास्‍तविक कारण पता लगाना महत्‍वपूर्ण होता है। 

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इसे कैसे डायग्नोस किया जाता है? 

महिलाओं को यह समझने की आवश्यकता है कि पोस्‍टमेनोपॉजल ब्‍लीडिंग कभी भी सामान्य नहीं होती है और यह एंडोमेट्रियल कैंसर का शुरुआती लक्षण भी हो सकती है। किसी भी तरह की ब्‍लीडिंग, यहां तक कि स्पॉटिंग होने पर जल्द से जल्द अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए। आमतौर पर, पोस्टमेनोपॉजल ब्‍लीडिंग ज्‍यादातर मामलों में चिंताजनक नहीं होती है, लेकिन लगभग 10% पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं में, जिनके ब्‍लीडिंग हो रही है, उन्‍हें एंडोमेट्रियल कैंसर होता है। ब्‍लीडिंग को इस कैंसर का पहला संकेत माना जाता है। इसलिए महिलाओं को इस स्थिति को अनदेखा नहीं करना चाहिए और ब्‍लीडिंग के कारण का पता लगाने के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

ब्‍लीडिंग होने कारण पता लगाने के लिए, डॉक्टर कुछ बॉडी टेस्‍ट और आपकी मेडिकल हिस्‍ट्री की समीक्षा करते हैं । आपको निम्नलिखित टेस्‍ट में से एक या अधिक की आवश्यकता हो सकती है:

● एंडोमेट्रियल बायोप्सी: एक पतली ट्यूब को यूट्रस में डाला जाता है और लाइनिंग का एक छोटा सा नमूना निकाल लिया जाता है। इस सैंपल को जांच के लिए लैब भेजा जाता है।

● ट्रांसवेजिनल अल्ट्रासाउंड: पेल्विक ऑर्गन की जांच करने के लिए वेजाइना में एक इमेजिंग डिवाइस डाली जाती है।

● हिस्टेरोस्कोपी: यह लाइट और कैमरे वाला एक उपकरण होता है, जिसे हिस्टेरोस्कोप कहा जाता है। इसे यूट्रस की जांच करने के लिए वेजाइन और सर्विक्‍स के माध्यम से शरीर के अंदर डाला जाता है। 

● Dilation और curettage (D & C): सर्विक्‍स को बड़ा करने के बाद, टिशू को यूट्रस की लाइनिंग से निकाला जाता है और प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाता है। 

 

एंडोमेट्रियल एट्रोफी का ट्रीटमेंट

एंडोमेट्रियल एट्रोफी एक उम्र से संबंधित, सौम्य स्थिति है और इसके लिए बहुत कम ट्रीटमेंट या किसी भी ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। एक बार जब डॉक्‍टर समस्‍या का पता लगा कर उसकी पुष्टि करता है, तो इसका इलाज दवा के साथ किया जा सकता है। यदि एट्रोफी का कारण इंटरकोर्स के बाद वेजाइनल ब्‍लीडिंग है तो वेजाइनल एस्ट्रोजन को नियंत्रित करने के लिए दवा और हार्मोन स्तर को मैनेज करना प्रिस्‍क्राइब किया जा सकता है।

 

निष्कर्ष

यह आपकी उम्र पर निर्भर करता है कि आपको एंडोमेट्रियल एट्रोफी होने का कितना रिस्‍क है। आपको मेनोपॉज जितनी देर से होगा उतना ही पोस्‍टमेनोपॉजल ब्‍लीडिंग होने के कम चांसेज होंगे। महिलाओं को मेनोपॉज होने के बाद भी, हर साल स्त्री रोग विशेषज्ञ से अपनी जांच कराते रहना चाहिए। कैंसर का खतरा उम्र के साथ-साथ शरीर में हार्मोनल परिवर्तन से संबंधित स्थितियों से भी बढ़ता है। डॉक्टर आपकी स्थितियों का मूल्यांकन करने के बाद लक्षणों के आधार पर आपको सलाह और ट्रीटमेंट का सर्वोत्तम तरीका बताता है।  

एक्‍सपर्ट सलाह के लिए डॉ. अनुरीता सिंह (एमबीबीएस, डीजीओ, एफआईसीएमसीएज, डिप एमआईएस (केआईईएल)) का विशेष धन्यवाद।

Reference

https://utswmed.org/medblog/postmenopausal-bleeding/

https://www.health.harvard.edu/womens-health/abnormal-uterine-bleeding-in-peri-and-postmenopausal-women

https://www.webmd.com/menopause/guide/postmenopausal-bleeding#

 

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