हमारे ब्लैडर की हेल्थ अगर खराब हो, तो उसके कारण यूरिन और पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। लोग कई तरह की बीमारियों के बारे में तो बात कर लेते हैं, लेकिन ब्लैडर हेल्थ को बिल्कुल दरकिनार कर देते हैं। सिर्फ पर्याप्त पानी पीना ही ब्लैडर की हेल्थ को ठीक करने के लिए काफी नहीं है। लोअर एब्डोमेन से जुड़ी कई समस्याएं इसके कारण हमें परेशान कर सकती हैं। ब्लैडर यूरिन भरने पर गुब्बारे की तरह फैल जाता है और अगर यह ठीक से काम ना करे, तो शरीर का वेस्ट रिडक्शन काफी कम हो जाता है।
वेस्ट रिडक्शन कम होने से ब्लड इन्फेक्शन होने के साथ-साथ शरीर में कई तरह की बीमारियां भी घर कर सकती हैं। एक बात जो समझने वाली है वह यह है कि हमारी रोजमर्रा की कुछ गलतियां ही हमारे ब्लैडर को बहुत वीक कर देती हैं।
हमने इस बारे में दो एक्सपर्ट डॉक्टर्स से सलाह ली है। पहली हैं मदरहुड हॉस्पिटल बेंगलुरु की कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट और सर्टिफाइड डाइट काउंसेलर डॉक्टर स्वाति रेड्डी और दूसरी हैं मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा की सीनियर कंसल्टेंट ऑबस्टेट्रीशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर तनवीर औजला।
क्या होता है जब ज्यादा देर तक होल्ड की जाए यूरिन?
डॉक्टर तनवीर के मुताबिक, छोटे बच्चे 1-2 घंटे ब्लैडर में यूरिन होल्ड कर सकते हैं और टीनएज तक आते-आते यह 2-4 घंटे हो जाता है। ऐसे ही एक वयस्क अधिकतम 6 से 8 घंटे यूरिन होल्ड कर सकता है।
पर यह मैक्सिमम लिमिट है और इतनी देर यूरिन होल्ड करने का मतलब है कि इसके अन्य फंक्शन्स पर बहुत असर पड़ेगा।
- यूरिन ज्यादा देर तक होल्ड करने से ब्लैडर की मसल्स पर असर पड़ता है और वह धीरे-धीरे कमजोर होती जाती हैं।
- ऐसे ही पेल्विक पेन का खतरा भी बहुत बढ़ जाता है। अगर किसी को पेल्विक क्रैम्प्स की समस्या पहले से है, तो उसे यूरिन नहीं होल्ड करनी चाहिए।
- ऐसे में आपको यूटीआई का खतरा भी हो सकता है।
- ब्लैडर में बार-बार यूरिन होल्ड करने से ब्लैडर स्ट्रेचिंग का खतरा बढ़ता है जिसके कारण यूरिन सही तरीके से पास नहीं हो पाती और कैथेचर की जरूरत भी पड़ सकती है।
- यूरिन बार-बार होल्ड करने से किडनी स्टोन जैसी समस्या हो सकती है।

यूरिन होल्ड करने के अलावा इन चीजों से खराब होती है ब्लैडर हेल्थ
ब्लैडर हेल्थ के खराब होने का एक कारण यूरिन होल्ड करना तो है ही, लेकिन उसके साथ आपको इन चीजों को भी अवॉइड करना चाहिए
बहुत देर तक पैर मोड़कर बैठना
भले ही आप पैर क्रिस-क्रॉस कर यूरिन रोकें या फिर आप पैर मोड़कर कुर्सी पर बैठे रहें, इससे ब्लैडर पर जरूरत से ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इस तरह से अगर आप लंबे समय तक करती हैं, तो ब्लैडर पर आपका कंट्रोल कम होता है।
टॉयलेट के ऊपर स्क्वॉट करके बैठना
यह महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा जरूरी टिप है। पब्लिक टॉयलेट में स्क्वाट करके बैठने से आप खुद का फायदा नहीं, बल्कि नुकसान ही कर रही हैं। इससे आपके ब्लैडर की हेल्थ बहुत ज्यादा खराब हो सकती है। जब आप स्क्वैट करती हैं, तो सभी पेल्विक मसल्स एक्टिव और इंगेज हो जाते हैं और फिर आप ब्लैडर को खाली करने की कोशिश करती हैं। मसल्स के एक्टिव होने के कारण आपका ब्लैडर पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है और ऐसे में आपको ज्यादा दिक्कत महसूस होती है।
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पॉटी करते वक्त जरूरत से ज्यादा प्रेशर लगाना
अगर आप उन लोगों में से हैं जो पॉटी करते वक्त प्रेशर लगाने के बारे में सोचती हैं और काम निपटाने की जल्दी में रहती हैं, तो यह गलत है। इस तरह से आप अपनी सेहत और पेल्विक मसल्स दोनों को खतरे में डाल रही हैं। प्रेशर के कारण ब्लैडर की मसल्स पर भी असर पड़ता है जिससे धीरे-धीरे वह वीक होती जाती हैं।
यूरिन आए बिना भी यूरिन करने जाना
यह तो हम सबके साथ हुआ है। बचपन से लेकर आज तक कहीं जाने से पहले एक बार बाथरूम जाने का रिवाज बना ही हुआ है। ऐसे में हम अपने ब्लैडर को ट्रेन करते हैं कि हर बार बाथरूम जाने पर वह थोड़ी सी यूरिन पास कर दे। इससे धीरे-धीरे मसल्स बहुत वीक होती जाती हैं।
इन गलतियों के अलावा, बिना सोचे-समझे दवा खाना और बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होना भी पेल्विक मसल्स को वीक बना देता है। महिलाओं के मामले में प्रेग्नेंसी के कारण भी ऐसा होता है। अगर किसी लंबी बीमारी से जूझ रही हैं, तो उसके कारण भी यूरिन में समस्या हो सकती है।
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