ब्रेस्टमिल्क को बच्चे के लिए अमृत माना जाता है। जितनी जल्दी आप अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराना शुरू कर देंगी (डिलीवरी के एक घंटे के अंदर), उतना ही आपके और बच्चे दोनों के लिए बेहतर होगा। वास्तव में डब्ल्यूएचओ पहले छह महीनों तक माताओं को विशेष रूप से अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने की सलाह देता है, क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग उनके बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में हेल्दी रहना एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए माताओं को बच्चे को होने वाले संक्रमण को रोकने के लिए अच्छी ब्रेस्ट हाइजीन को बनाए रखना चाहिए। हिमालया ड्रग कंपनी, आरएंडडी की आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर प्रतिभा बाबष्ठ का कहना है कि ''ब्रेस्टफीडिंग कराते समय शुरुआती दिनों में निप्पल में हल्के दर्द का अनुभव होना आम है। हालांकि निप्पल में लगातार सेंसिटिविटी इसे नर्सिंग माताओं के लिए एक अप्रिय अनुभव बना सकता है। निपल्स में दर्द और क्रैक ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए शिशु की गलत पॉजीशन या हाइजीन की कमी के कारण होता है।'' डॉक्टर प्रतिभा बाबष्ठ ने ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माताओं को अपनी त्वचा की देखभाल करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। अगर आप भी नई-नई मां बनी हैं या बनने वाली हैं तो इन टिप्स की जानकारी आपको भी जरूर होनी चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें: शिशु के लिए अमृत है ब्रेस्टफीडिंग और मां के लिए?
कुछ जरूरी बातें
- अपने पीडियाट्रिशियन या लेक्टेशन एक्सपर्ट से परामर्श लें और ब्रेस्टफीडिंग कराने की सही पोजीशन जानें। यह निपल्स में ड्राईनेस और क्रैक्स को कम करने में मदद करेगा।
- किसी भी इंफेक्शन से बचने के लिए ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले और बाद में अपनी ब्रेस्ट और निपल्स को अच्छी तरह से साफ करें।
- यह सलाह दी जाती है कि आप बारिश के दौरान रोजाना अपनी ब्रेस्ट को पानी से साफ करें।
- दर्द और क्रैक्स के इलाज के लिए केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से बचें। इसकी बजाय नेचुरल चीजों से युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स का विकल्प चुनें, विशेष रूप से जो नई माताओं के लिए बनाए गए हैं।
- निपल्स में दर्द और क्रैक्स को ठीक करने के लिए कोकम बटर का इस्तेमाल करें। यह त्वचा को मॉइश्चराइज करने में मदद करता है। साथ ही आप वर्जिन कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं जो आपके निपल्स को क्रैक्स से बचाने और उनकी सुरक्षा में मदद करता है।

नर्सिंग टिप्स
अपने नवजात शिशु को ब्रेस्टफीडिंग कराने के लिए धैर्य और प्रैक्टिस की आवश्यकता होती है। अगर आप घबराहट महसूस करती हैं तो आप मार्गदर्शन के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से बात कर सकती हैं। उदाहरण के लिए अपने बच्चे को खिलाने के लिए एक आरामदायक स्थिति ढूंढें, चाहे बैठे हों या लेटे हों, क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग कराने में 45 मिनट तक का समय लग सकता है।
सही खाएं
संतुलित आहार का सेवन करें और अपने कैल्शियम का सेवन बढ़ाएं। कैफीन को सीमित मात्रा में लें। प्रतिदिन दो कप चाय या कॉफी ही लें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग आपके शरीर को डिहाइड्रेट कर सकता है। अगर आपके शिशु को कोई एलर्जी है या लैक्टोज इनटॉलेरेंस है तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उसी के अनुसार अपनी डाइट बदलनी चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें: ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मां हैं तो अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करें और इनसे बचें
महामारी के दौरान ब्रेस्टफीडिंग
वर्तमान महामारी के मद्देनजर ब्रेस्टफीडिंग कराते समय डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित हैंडवाशिंग और हाईजीन गाइडलाइन को फॉलो करें। ब्रेस्टफीडिंग कराने से पहले और बाद में अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और उन सतहों को कीटाणुरहित करें जिन्हें आपने छुआ है।
नई मांओं को ब्रेस्टफीडिंग कराते हुए इन टिप्स को जरूर अपनाना चाहिए। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़ी रहें।
Image Credit: Freepik.com
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों