दालचीनी एक ऐसा मसाला है जो लगभग सभी की किचन में मौजूद होता है। यह एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स का काम करती है। इसके सेवन से हमारी इम्यूनिटी इतनी ज्यादा हो जाती है कि यह खतरनाक बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करके सुपरबग से लड़ने में बॉडी को सक्षम बनाता है। जी हां एक नइ रिसर्च से यह बात सामने आई है कि दालचीनी के तेल में पाया जाने वाला एक घटक सिन्मेल्डिहाइड सबसे प्रभावी एंटीबायोटिक्स का प्रतिरोध करने वाले बैक्टीरिया के विकास को रोकर सुपरबग से लड़ने में मदद कर सकता है। यह ऑस्ट्रेलियाई यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने ऐसा शोध में पाया है।
स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के चिकित्सक संजीदा हालिम टोपा ने ज्यादातर वायरल इंफेक्शन के प्रतिरोधी होने के साथ पाया कि सिन्मेल्डिहाइड को पुरानी बॉयोफिल्म सुपरबग्स के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का विकल्प विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सिन्मेल्डिहाइड, दालचीनी के विशेष स्वाद के लिए जिम्मेदार होता है।
सुपरबग उस नए बैक्टीरिया का नाम है जिसका पता ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने लगाया है। इसके वायरस पर किसी एंटी बायोटिक का असर नहीं होता। इस सुपरबग का संबंध भारत से बताते हुए इसे ‘नई दिल्ली सुपरबग’का नाम दिया है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भारत में इस सुपरबग्स की भरमार है और यह सारी दुनिया में फैल सकता है। एक ब्रितानी विज्ञान पत्रिका में छपी खबरों के अनुसार भारत में ये बग बड़ी तेजी से फैल रहा है। धीरे-धीरे दुनिया भर के लोग भी इस बैक्टीरिया से पीड़ित हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने इस जीन को एनएमडी-1 नाम दिया है।
यह जीन बैक्टीरिया के जरिए बॉडी में प्रवेश करता है। ये बैक्टीरिया इतना ताकतवर है कि इसके चलते बॉडी पर एंटीबायोटिक भी असर करना बंद कर देते हैं। एनडीएम-1 आसानी से एक बैक्टीरिया से दूसरे में पहुंच कर एक दूसरा बैक्टीरिया इजाद कर देता है, जो किसी एंटीबायोटिक्ट का असर नहीं होने देता। इतना ही नहीं ये कई तरह के खतरनाक इंफेक्शन्स को जन्म दे सकता है। ये बहुत ही तेजी से एक से दूसरे व्यक्ति की बॉडी में प्रवेश कर सकता है। इस बैक्टीरिया से छुटकारा पाना या इलाज करना अभी संभव नहीं है। लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार दालचीनी के तेल से इन सुपरबग्स का इलाज किया जा सकता है।
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टोपा ने कहा, "हालांकि, पहले के बहुत से शोध में दालचीनी के तेल की सूक्ष्मजीव निवारक होने की बात कही गई है, लेकिन इसका फार्माश्युटिकल उद्योग में व्यापक इस्तेमाल नहीं किया गया।" उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य इस तेल की आणविक गतिविधि की खोज करना है, जो इसके प्रमुख घटक सिन्मेल्डिहाइड पर केंद्रित है। यही यौगिक दालचीनी को स्वादयुक्त बनाता है।"
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पुराने बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स के विकल्पों को विकसित करने की शीघ्र जरूरत है। टोपा बैक्टीरिया को मारने के बजाय बायोफिल्म को बनने से रोकने के लिए बैक्टीरियल संचार को बाधित करके बैक्टीरिया के व्यवहार को बदलने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमारा अनुमान है कि नेचुरल एंटीमाइक्रोबायल जैसे आवश्यक तेल, बायोफिल्म के निर्माण में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इस प्रकार हमने विभिन्न बायोफिल्म विकास चरणों में सिन्मेल्डिहाइड की विभिन्न मात्रा के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया है।"
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