क्या आपको पता है कि प्रेग्नेंसी में कब करवाना चाहिए पहला अल्ट्रासाउंड? हर महिला को होनी चाहिए इस बात की जानकारी

प्रेग्नेंसी में पहली बार अल्ट्रासाउंड कब करवाना चाहिए, इसे लेकर अक्सर महिलाएं कंफ्यूज रहती हैं। अगर आपके मन में भी यही सवाल है, तो चलिए इसका जवाब गायनेकोलॉजिस्ट से जानते हैं।
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प्रेग्नेंसी की जर्नी किसी भी महिला के लिए काफी खूबसूरत और कुछ हद तक चैलेंजेस भी भरी भी होती है। एक नन्ही सी जान को अपने अंदर पालना और उसे दुनिया में लाना आसान नहीं है। प्रेग्नेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड करवाना काफी एक्साइटिंग हो सकता है क्योंकि इस समय पर पहली बार मां और बच्चे की हेल्थ के बारे में पता चलता है। जब डॉक्टर स्क्रीन पर एक छोटे से डॉट को बेबी बताकर किसी भी कपल को दिखाती हैं, तो बेशक दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि प्रेग्नेंसी में पहला अल्ट्रासाउंड कब करवाना चाहिए। चलिए, इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी Dr. Lepakshi Dasari,Consultant Gynaecologist & Laparoscopic & Robotic Surgeon, Yashoda Hospitals, दे रही हैं।

प्रेग्नेंसी में कब करवाना चाहिए पहला अल्ट्रासाउंड? (When is the Best Time to Perform the First Ultrasound? )

First ultrasound during pregnancy

  • प्रेग्नेंसी में फर्स्ट अल्ट्रासाउंड की तारीख को लास्ट मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले दिन से कैलकुलेट किया जाता है। इसे लास्ट पीरियड्स के पहले दिन के 7-8 हफ्तों के बाद किया जाता है। इसे डेटिंग स्कैन भी कहते हैं।
  • इस समय पर डॉक्टर का उद्देश्य प्रेग्नेंसी और इसकी लोकेशन को कंफर्म करना होता है। इससे प्रेग्नेंसी की लोकेशन यूट्रस या ओवरी में है, यह पता चलता है। यह अल्ट्रासाउंड, फीटस हार्ट रेट और डिलीवरी की डेट के बारे में बताता है।

यह है एक्सपर्ट की राय

First-trimester ultrasound guidelines

  • यह अल्ट्रासाउंड इस बात की भी जानकारी देता है कि गर्भ में एक फीटस या एक से ज्यादा है। इसके अलावा, इस अल्ट्रासाउंड से यूट्रस में फाइब्रॉइड या ओवरी की सिस्ट के बारे में भी पता चलता है।

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How many weeks pregnant for first ultrasound

  • कई मामलों में पहला अल्ट्रासांडड 6 हफ्तों में करवाया जाता है। अगर डॉक्टर को मिसकैरिज या किसी हेल्थ कंडीशन को लेकर चिंता होती है, तो ऐसा करवाया जाता है। इससे डॉक्टर्स कंफर्म करते हैं कि फीटस, फैलोपियन ट्यूब के बजाय यूट्रस के अंदर बढ़ रहा है।
  • इससे फीटस की हार्टबीट की जानकारी मिलती है और यह पता चलता है कि प्रेग्नेंसी नॉर्मली आगे बढ़ रही है। इससे प्रेग्नेंसी से जुड़ी किसी मुश्किल का शुरुआत में ही पता चल जाता है और उसे वक्त रहते संभाला जा सकता है।

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प्रेग्नेंसी जर्नी सभी महिलाओं के लिए अलग हो सकती है। इस समय पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही चलें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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