फाइब्रॉएड इन दिनों बहुत आम है। लगभग 3 में से 1 महिला फाइब्रॉएड से परेशान रहती है। यह यूट्रस में और उसके आसपास विकसित होते हैं और मसल्स और रेशेदार ऊतकों से बने होते हैं। वे आकार में भिन्न होते हैं और उनकी वृद्धि एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन से प्रभावित होती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित रूप से अपनी जांच करवाएं, खासकर यदि आपको पीरियड्स में कुछ बदलाव का पता चलता है।
नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी, सिलीगुड़ी की फर्टिलिटी कंसल्टेंट डॉक्टर शताब्दी डे ने फाइब्रॉएड से जुड़ी जानकारी हमारे साथ शेयर की है। उनका कहना है, ''आमतौर पर इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन इसका कारण आनुवंशिक प्रवृत्ति हो सकता है या विकास में बदलाव जैसे गर्भ के भीतर कोशिकाओं और ऊतकों के विकास में शामिल प्रोटीन के कारण भी हो सकता है।''
आगे उन्होंने बताया, ''फाइब्रॉएड का आकार भिन्न हो सकता है- यह एक मटर के आकार या यहां तक कि एक खरबूजे के आकार का भी हो सकता है। सबसे आम फाइब्रॉएड गर्भ की मसल्स या गर्भ की दीवार के अंदर विकसित होते हैं। नियमित अल्ट्रासाउंड स्कैन के दौरान फाइब्रॉएड का डायग्नोज किया जा सकता है।"
जब कोई गर्भधारण करने की कोशिश कर रहा होता है, तो फाइब्रॉएड फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। डॉक्टर शताब्दी डे ने बताया, अधिकांश मामलों में, फाइब्रॉएड किसी की फर्टिलिटी के साथ समस्या पैदा नहीं करते हैं और केवल फाइब्रॉएड की उपस्थिति इनफर्टिलिटी का कारण नहीं बनती है। हालांकि, कभी-कभी मसल्स की वृद्धि स्पर्म को प्रभावी ढंग से गर्भ में जाने से रोक सकती है। कभी-कभी वे फैलोपियन ट्यूब के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर सकते हैं, जहां से निषेचित अंडा गर्भ में जाने के लिए नीचे आता है।''
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इसके लिए आपको फाइब्रॉएड के आकार और उसके स्थान को जानने की जरूरत है। अगर कैविटी के अंदर फाइब्रॉएड है- जहां बच्चा बढ़ता है, तो यह शुरुआती चरणों में ही बच्चे के विकास में बाधा उत्पन्न करेगा। अगर कोई गर्भधारण करने की कोशिश कर रहा है, तो कैविटी में किसी भी फाइब्रॉएड को हटाने की जरूरत होती है। फाइब्रॉएड जो गर्भाशय के बाहर हैं, समस्या पैदा नहीं करते हैं।
हालांकि, अगर फाइब्रॉएड बहुत बड़े हैं, तो वह प्रेग्नेंसी में समस्या पैदा कर सकते हैं, शायद दूसरी या तीसरी तिमाही में। इससे प्री-टर्म डिलीवरी हो सकती है। तो अगर यूट्रस के बाहर के फाइब्रॉएड बहुत बड़े हैं- तो उन्हें निकालने की जरूरत होती है।
अधिकांश फाइब्रॉएड को ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, सर्जरी को इलाज का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।
चिकित्सा राहत का उपयोग उन महिलाओं के लिए किया जा सकता है जो हैवी पीरियड्स का अनुभव करती हैं और इसमें हार्मोन कॉइल जैसी मिरेना कॉइल, ब्लीडिंग की मात्रा को कम करने के लिए हार्मोन की गोलियां देना, फाइब्रॉएड को कम करने की कोशिश करने के लिए दवा देना शामिल है।
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इसलिए यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कोई भी दिखाई देता है- जितनी जल्दी हो सके अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और अपना निदान करवाएं। किसी के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि यदि आपके पास फाइब्रॉएड हैं- वे कहां स्थित हैं और क्या यह आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित करेगा। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हर जिंदगी से जुड़ी रहें।
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