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फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी पर क्या होता है डायबिटीज का असर? डॉक्टर से जानें

डायबिटीज की वजह से हमारी पूरी सेहत पर असर होता है। डॉक्टर का कहना है कि डायबिटीज की वजह से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है। इसका असर, महिलाओं की पीरियड साइकिल, ओव्युलेशन और फर्टिलिटी पर भी होता है।
Editorial
Updated:- 2024-11-14, 19:42 IST

डायबिटीज की समस्या आजकल तेजी से बढ़ती जा रही है। युवाओं से लेकर बच्चों तक को यह बीमारी अपना शिकार बना रही है। डायबिटीज का असर, हमारी पूरी सेहत पर होता है। इसलिए, अगर आपको यह हेल्थ कंडीशन है, तो दवाइयों, सही डाइट और लाइफस्टाइल से इसे कंट्रोल में रखने की पूरी कोशिश करें। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही डायबिटीज का असर, रिप्रोडक्टिव हेल्थ, फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी पर होता है। ब्लड शुगर लेवल किस तरह प्रेग्नेंसी और फर्टिलिटी पर असर डाल सकता है, इस बारे में हमने एक्सपर्ट से जानने की कोशिश कीं। यह जानकारी, Dr. Jalagam Kavya Rao दे रही हैं। वह Oasis Fertility में Regional Medical Head & Fertility Specialist हैं।

डायबिटीज का फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी पर असर (Can diabetes affect your chances of getting pregnant?)

blood suagr level and insulin resistance

  • एक्सपर्ट का कहना है कि अगर डायबिटीज कंट्रोल में न हो, तो इसकी वजह शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है और इसके कारण, ओव्युलेशन, पीरियड्स और फर्टिलिटी प्रभावित होती है।
  • शुगर लेवल बढ़ने रहने की वजह से नेचुरली कंसीव करने के चांस कम हो सकते हैं।
  • पुरुषों में डायबिटीज की वजह से टेस्टेस्टेरोन हार्मोन और लिबिडो में कमी आ सकती है। इसकी वजह से स्पर्म क्वालिटी पर भी असर होता है।
  • टाइप 2 डायबिटीज इंसुलिन रेजिस्टेंस और पीसीओएस जैसी हेल्थ कंडीशन्स से भी जुड़ी है। यह इनफर्टिलिटी का एक अहम कारण है।
  • ऐसे मामलों में, महिलाओं की पीरियड साइकिल अनियमित हो जाती है और नेचुरली कंसीव करना मुश्किल हो जाता है।

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  • ब्लड ग्लूकोज लेवल को सही तरह से मैनेज करके और रेगुलर चेकअप के जरिए, प्रेग्नेंसी के चांसेज को बढ़ाया जा सकता है।
  • जिन महिलाओं को डायबिटीज है, उन्हें प्रेग्नेंसी में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार इसकी वजह से मिसकैरेज या बेबी में कुछ बर्थ डिफेक्ट भी हो सकते हैं।

यह है एक्सपर्ट की राय

expert advice on diabetes and reproductive health

  • अगर प्रेग्नेंसी के शुरुआती समय में ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहे, तो इसका असर फीटस के विकास पर हो सकता है। इसकी वजह से जन्म से ही दिल की बीमारी हो सकती है और अन्य कई दिक्कतें आ सकती हैं।
  • अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं, तो कंसीव करने की प्लानिंग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें ताकि प्रेग्नेंसी में मुश्किलें न आएं।
  • भले ही डायबिटीज की वजह से प्रेग्नेंसी और फर्टिलिटी प्रभावित होती है, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। ब्लड शुगर लेवल को सही डाइट, फिजिकल एक्टिविटी और लाइफस्टाइल बदलावों के जरिए, कंट्रोल किया जा सकता है।

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एक्सपर्ट का कहना है कि हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए, डायबिटीज का कंट्रोल में रहना बहुत जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।

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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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